सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Business ›   Business Diary ›   How are Indian consumers' spending patterns changing? Learn about GenAI's claims

Consumer: भारतीय उपभोक्ताओं के खर्च करने के तरीके में कैसे हो रहा बदलाव? GenAI के बारे में यह दावा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Mon, 15 Dec 2025 03:01 PM IST
सार

बीसीजी की रिपोर्ट के अनुसार भारत में उपभोक्ताओं का व्यवहार तेजी से बदल रहा है। अब ग्राहक किसी उत्पाद को खरीदने से पहले जानकारी जुटाने, तुलना करने और निर्णय लेने के लिए पारंपरिक तरीकों के बजाय एआई आधारित टूल्स को प्राथमिकता दे रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह बदलाव आने वाले समय में रिटेल, मार्केटिंग और कस्टमर एंगेजमेंट की रणनीतियों को भी नए सिरे से परिभाषित कर सकता है।

विज्ञापन
How are Indian consumers' spending patterns changing? Learn about GenAI's claims
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Adobestock
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

भारत में जेनएआई को अपनाने की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है। इसका असर उपभोक्ताओं की रोजमर्रा की जिंदगी से लेकर खरीदारी के फैसलों तक साफ दिखने लगा है। कंसल्टिंग फर्म बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) की ग्लोबल कंज्यूमर रडार रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 62 प्रतिशत उपभोक्ता पहले से ही जेन एआई टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस आंकड़े के साथ भारत दुनिया के उन देशों में शामिल हो गया है, जहां जेनरेटिव एआई का अपनाव सबसे तेजी से हो रहा है।

Trending Videos


जेन एआई का पूरा नाम जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है। यह एक प्रकार का एआई है जो बातचीत, कहानियां, चित्र, वीडियो और संगीत सहित नई सामग्री और विचार उत्पन्न कर सकता है।
विज्ञापन
विज्ञापन


ये भी पढ़ें: Export: नवंबर में निर्यात 19.37 प्रतिशत बढ़कर 38.13 अरब डॉलर हुआ, व्यापार घाटे पर क्या है अपडेट जानिए

64% उपभोक्ता ब्रांड और प्रोडक्ट चुनने के लिए करते हैं इनका इस्तेमाल

रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि भारतीय उपभोक्ता खरीदारी के दौरान जेनएआई पर खास तौर पर भरोसा कर रहे हैं। करीब 64 प्रतिशत उपभोक्ता ब्रांड और प्रोडक्ट चुनने के लिए इन टूल्स की मदद लेते हैं, जबकि 63 प्रतिशत लोग इन्हें कामकाजी जरूरतों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।


इस अध्ययन से पता चलता है कि भारत दुनिया के सबसे आशावादी उपभोक्ता बाजारों में से एक है, जिसे मजबूत खर्च करने की प्रवृत्ति और जेन एआई के उपयोग में शुरुआती नेतृत्व का समर्थन प्राप्त है। 60 प्रतिशत से अधिक भारतीय उपभोक्ताओं को अनुकूल आर्थिक परिस्थितियों के जारी रहने की उम्मीद है, जबकि केवल लगभग एक तिहाई बेरोजगारी या व्यापक आर्थिक मंदी के बारे में चिंता व्यक्त करते हैं।

काम की तुलना में खरीदारी में इनका उपयोग करने वालों की संख्या कहीं अधिक

बीसीजी में मार्केटिंग, सेल्स और प्राइसिंग प्रैक्टिस की इंडिया लीडर पारुल बजाज का कहना है कि यह उपभोक्ता व्यवहार में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। वे कहती हैं कि भारत के उपभोक्ता तेजी से डिजिटल और एआई-सक्षम खरीदारी के तरीके को अपना रहे हैं, और जेनएआई अब रोजमर्रा के निर्णय लेने की प्रक्रिया में मजबूती से समाहित हो चुका है। 62 प्रतिशत उपभोक्ता पहले ही जेनएआई टूल्स का उपयोग कर चुके हैं, और काम की तुलना में खरीदारी में इनका उपयोग करने वाले लोगों की संख्या कहीं अधिक है। इससे पता चलता है कि प्रौद्योगिकी उपभोग को किस प्रकार प्रभावित कर रही है, इस मामले में भारत वैश्विक स्तर पर सबसे उन्नत बाजारों में से एक के रूप में उभर रहा है।

ऑटोमोबाइल और मोबाइल उपकरणों पर खर्च बढ़ने की उम्मीद 

रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑटोमोबाइल और मोबाइल उपकरणों पर खर्च में सबसे अधिक वृद्धि होने की उम्मीद है। हालांकि भारत में अधिकांश बाजारों की तुलना में विवेकाधीन खर्च अधिक है, लेकिन महंगाई इसका एक प्रमुख कारण बनी हुई है। अधिक खर्च करने की योजना बना रहे लगभग 69 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने इस वृद्धि का कारण आवश्यक और गैर-आवश्यक दोनों प्रकार की वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को बताया है।

60% उपभोक्ता अगले छह महीनों में घरेलू खर्च बढ़ा सकते हैं

बीसीजी की पार्टनर और डायरेक्टर कनिका सांघी का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद यह आत्मविश्वास बरकरार है। वे कहती हैं कि भारतीय उपभोक्ता आत्मविश्वास दिखा रहे हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत अगले छह महीनों में घरेलू खर्च बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं। व्यवसायों के लिए प्राथमिकता इस बदलाव के कारणों और स्वरूप को समझना है।

रिपोर्ट में सतत विकास के प्रति इरादे और कार्रवाई के बीच अंतर की ओर भी इशारा किया गया है। हालांकि कई उपभोक्ता कहते हैं कि वे खरीदारी करते समय जलवायु प्रभाव पर विचार करते हैं, लेकिन उनमें से केवल एक छोटा सा हिस्सा ही अधिक कीमत चुकाने को तैयार है। हालांकि 57 प्रतिशत लोग नए ब्रांड आजमाने के लिए तैयार हैं, लेकिन अंततः 84 प्रतिशत लोग उन ब्रांडों को चुनते हैं जिन्हें वे पहले से जानते हैं, अक्सर वे सामर्थ्य और परिचितता को प्राथमिकता देते हैं।

17% भारतीयों का मानना है कि विकास दर हो सकती है धीमी

कुल मिलाकर, निष्कर्ष बताते हैं कि भारत वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों से अपेक्षाकृत अप्रभावित है। केवल 17 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय घटनाएं भारत की विकास दर को धीमा कर सकती हैं, जो कई पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफी कम है। 


विज्ञापन
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें कारोबार समाचार और Union Budget से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। कारोबार जगत की अन्य खबरें जैसे पर्सनल फाइनेंस, लाइव प्रॉपर्टी न्यूज़, लेटेस्ट बैंकिंग बीमा इन हिंदी, ऑनलाइन मार्केट न्यूज़, लेटेस्ट कॉरपोरेट समाचार और बाज़ार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed