Report: अनिश्चितता के बावजूद तेजी से आगे बढ़ रहे भारतीय फैमिली बिजनेस, 63% परिवारों की कमाई बढ़ने का दावा
डेलॉइट की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय फैमिली बिजनेस मजबूत बने हुए हैं और भविष्य को लेकर आशावादी हैं। वर्ष 2024 में 63 प्रतिशत से अधिक पारिवारिक कारोबारों ने दोहरे अंकों की राजस्व वृद्धि दर्ज की, जबकि 2025-26 के लिए 75 प्रतिशत कंपनियां 15 प्रतिशत से ज्यादा ग्रोथ का लक्ष्य रख रही हैं।
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भारतीय फैमिली बिजनेस मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद मजबूत लचीलापन और भविष्य को लेकर जबरदस्त भरोसा दिखा रहे हैं। डेलॉइट की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 63 प्रतिशत से ज्यादा पारिवारिक कारोबारों ने साल 2024 में दोहरे अंकों की राजस्व वृद्धि हासिल की है। इतना ही नहीं, 2025-26 को लेकर भी तस्वीर काफी सकारात्मक है, जहां 75 प्रतिशत फैमिली एंटरप्राइज 15 प्रतिशत से अधिक ग्रोथ का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
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भारतीय फैमिली बिजनेस अब केवल पारंपरिक मॉडल पर निर्भर नहीं
डेलॉइट प्राइवेट की फैमिली बिजनेस इनसाइट्स सीरीज 2025 रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय फैमिली बिजनेस अब केवल पारंपरिक मॉडल पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि टेक्नोलॉजी, नए बाजारों और आधुनिक गवर्नेंस के जरिए लंबी अवधि की ग्रोथ की नींव रख रहे हैं। रिपोर्ट के लिए 36 देशों के 1,587 फैमिली बिजनेस का सर्वे किया गया, जिनमें भारत की 50 कंपनियां शामिल थीं।
डेलॉइट इंडिया में डेलॉइट प्राइवेट के लीडर केआर शेखर के अनुसार, भारतीय फैमिली बिजनेस की सफलता संयोग नहीं है। इसके पीछे पूंजी तक बेहतर पहुंच, पीढ़ीगत बदलाव, फैमिली ऑफिस का उभार, मजबूत शेयर बाजार और टेक्नोलॉजी के जरिए हो रहा बदलाव अहम वजहें हैं।
AI और नए बाजार बन रहे ग्रोथ के इंजन
रिपोर्ट के अनुसार, 53 प्रतिशत भारतीय फैमिली बिजनेस पहले से ही एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो वैश्विक औसत से कहीं ज्यादा है। एआई अपनाने के साथ-साथ नए बाजारों में विस्तार और नए प्रोडक्ट पोर्टफोलियो ने इन कंपनियों को बढ़ती लागत और आर्थिक दबाव के बीच प्रतिस्पर्धी बनाए रखा है।
शीर्ष नेतृत्व में लैंगिक समानता एक बड़ी चुनौती
भारतीय फैमिली बिजनेस अब सिर्फ मुनाफे तक सीमित नहीं हैं। रिपोर्ट बताती है कि 76 प्रतिशत कंपनियां ईएसजी यानी पर्यावरण, सामाजिक और गवर्नेंस मानकों को गंभीरता से अपना रही हैं। इसके अलावा, 73 प्रतिशत कंपनियों के बोर्ड में 10 प्रतिशत से ज्यादा महिला प्रतिनिधित्व है, हालांकि शीर्ष नेतृत्व में लैंगिक समानता अब भी एक चुनौती बनी हुई है।
ग्लोबल विस्तार को लेकर भी भरोसा मजबूत
डेलॉइट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय फैमिली बिजनेस का आत्मविश्वास केवल घरेलू बाजार तक सीमित नहीं है। करीब 89 प्रतिशत कंपनियां एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विस्तार की योजना बना रही हैं, जबकि 39 प्रतिशत नॉर्थ अमेरिका और 37 प्रतिशत यूरोप को अगले बड़े अवसर के रूप में देख रही हैं।
कुल मिलाकर, डेलॉइट का आकलन बताता है कि भारतीय फैमिली बिजनेस मजबूत ग्रोथ, टेक्नोलॉजी अपनाने और वैश्विक विस्तार के दम पर आने वाले वर्षों में भी अर्थव्यवस्था के अहम स्तंभ बने रहेंगे।