Lok Sabha: लोकसभा में आज विनियोग विधेयक पेश करेंगी निर्मला सीतारमण, जानें इसमें क्या है खास
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में विनियोग (संख्या 4) विधेयक 2025 पेश करेंगी, जिसके जरिए सरकार वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अतिरिक्त खर्च की मंजूरी मांगेगी। सदन में विभिन्न मंत्रालयों से जुड़े दस्तावेज रखे जाएंगे और लोक लेखा समिति (PAC) व अन्य स्थायी समितियों की अहम रिपोर्टें पेश होंगी।
विस्तार
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज को लोकसभा में विनियोग (संख्या 4) विधेयक 2025 पेश करेंगी। सरकार वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अतिरिक्त खर्च को मंजूरी देने की अनुमति मांगेगी। यह विधेयक अलग-अलग सरकारी सेवाओं के लिए अतिरिक्त धन की जरूरतों को पूरा करने से जुड़ा है। वित्त मंत्री सदन से इसे पेश करने, चर्चा कराने और पारित कराने की मांग करेंगी।
विभिन्न मंत्रालयों के दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाएंगे
‘टेबल पर रखे जाने वाले पत्रों’ के तहत कई केंद्रीय मंत्री अपने-अपने मंत्रालयों से जुड़े दस्तावेज सदन के पटल पर रखेंगे। इनमें संस्कृति, कौशल विकास व उद्यमिता, शिक्षा, वित्त, श्रम एवं रोजगार, पर्यावरण, पर्यटन और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय शामिल हैं।
PAC और स्थायी समितियों की रिपोर्ट पेश होंगी
कार्यवाही के दौरान लोक लेखा समिति (PAC) की 2025-26 की दो अहम रिपोर्ट भी पेश की जाएंगी। इनमें प्रोत्साहनों और भत्तों के अनियमित आवंटन व राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम से जुड़ी रिपोर्ट शामिल हैं, जिन्हें हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण से जुड़ी स्थायी समिति की एक्शन टेकन रिपोर्ट भी सदन में रखी जाएगी।
वित्त और पर्यटन मंत्रालय पर बयान
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी विभिन्न स्थायी समितियों की सिफारिशों के क्रियान्वयन की स्थिति पर चार बयान देंगे। ये बयान राजस्व विभाग, वित्तीय सेवाएं, साइबर सुरक्षा और साइबर एवं व्हाइट कॉलर अपराधों से जुड़े होंगे। वहीं, पर्यटन मंत्री सुरेश गोपी पर्यटन मंत्रालय से संबंधित अनुदान मांगों पर स्थायी समिति की सिफारिशों के अनुपालन की जानकारी देंगे।
अनुदान मांगों पर चर्चा और मतदान
कार्यसूची में नियम 377 के तहत मुद्दों को उठाना, 2025-26 के लिए अनुपूरक अनुदान मांगों (पहला चरण) पर आगे चर्चा और मतदान, व 12 दिसंबर 2025 को पेश कट मोशन पर विचार भी शामिल है। कुल मिलाकर, आज की लोकसभा कार्यवाही में वित्तीय और विधायी मामलों के साथ-साथ कई अहम संसदीय रिपोर्टों और बयानों पर चर्चा होने की संभावना है।