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Federal Reserve: अमेरिकी फेड रिजर्व ने ब्याज दरें घटाईं, सोने में आएगा उछाल, भारत पर भी असर संभव

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, वाशिंगटन Published by: शिव शुक्ला Updated Thu, 18 Sep 2025 12:53 AM IST
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सार

फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने ब्याज दरों की घोषणा करते हुए कहा कि देश में रोजगार का हाल चिंताजनक है। हाल के महीनों में नई भर्तियां लगभग थम गई हैं और बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। ऐसे में ब्याज दर घटने से होम लोन, कार लोन और बिज़नेस लोन सस्ते हो जाएंगे।

Federal Reserve cuts key rate by quarter-point, signals two more cuts this year
अमेरिका का राष्ट्रीय ध्वज (फाइल) - फोटो : एएनआई
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विस्तार
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अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने करीब एक साल बाद ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट यानी 0.25 फीसदी की कटौती की है। नौकरी के बाजार में कमजोरी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगातार दबाव के बाद ब्याज दरों में कटौती की गई है। केंद्रीय बैंक ने दिसंबर 2024 के बाद पहली बार दरों में कटौती की है। इस कटौती के बाद ब्याज दरें घटकर 4 फीसदी से 4.25 फीसदी हो गई हैं। पहले ये दरें 4.25 से 4.50 फीसदी थीं। इसके साथ ही फेड ने संकेत दिया है कि वह इस साल दो और बार कटौती कर सकता है। 

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रोजगार पर मंडराते बादल
फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने ब्याज दरों की घोषणा करते हुए कहा कि देश में रोजगार का हाल चिंताजनक है। हाल के महीनों में नई भर्तियां लगभग थम गई हैं और बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। ऐसे में ब्याज दर घटने से होम लोन, कार लोन और बिज़नेस लोन सस्ते हो जाएंगे। उम्मीद है कि इससे खर्च और निवेश बढ़ेगा तथा रोजगार में सुधार होगा।
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बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3 प्रतिशत हुई
मुद्रास्फीति में वृद्धि के बावजूद, हालिया सरकारी रिपोर्टों से यह भी पता चला है कि हाल के महीनों में नियुक्तियों में तेजी से कमी आई है और यह पिछले साल के अनुमान से भी कम रही है। अगस्त में बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो अभी भी न्यूनतम स्तर पर है। और पिछले हफ्ते साप्ताहिक बेरोजगारी दावों में तेजी से वृद्धि हुई। यह इस बात का संकेत है कि छंटनी बढ़ सकती है।

फेड रोजगार को लेकर ज्यादा चिंतित
आमतौर पर, जब बेरोजगारी बढ़ती है, तो फेड अपनी मुख्य ब्याज दरों में कटौती करता है ताकि ज्यादा खर्च और विकास को बढ़ावा मिले। लेकिन बढ़ती मुद्रास्फीति के बीच, फेड इसके उलट ब्याज दरों में बढ़ोतरी करता है या कम से कम उन्हें अपरिवर्तित रखता है। पिछले महीने, अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने संकेत दिया था कि फेड के अधिकारी रोजगार को लेकर ज्यादा चिंतित हैं, और अगले हफ्ते होने वाली अपनी बैठक में वे ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं। फिर भी, लगातार बढ़ती मुद्रास्फीति फेड को बहुत जल्दी ब्याज दरों में कटौती करने से रोक सकती है।

सोने की कीमत में उछाल आने की संभावना
इस कटौती से भारत सहित दुनिया भर के बाजार प्रभावित हो सकते हैं। ब्याज दरों में कटौती से कारोबारी और अन्य ऋण सस्ता होगा। इससे बचत खातों पर जरूर लोगों को कम ब्याज मिलेगा। ब्याज दरों में कटौती का सीधा लाभ सोने को होगा। सुरक्षित निवेश के कारण लोग बेहतर रिटर्न के लिए सोने में निवेश बढ़ा सकते हैं। इससे सोने की कीमत में उछाल आ सकता है। अमेरिका में इस बदलाव का असर भारतीय रिजर्व बैंक पर भी पड़ने की संभावना है। आरबीआई ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। इससे पहले महंगाई पर काबू पाने के लिए फेड रिजर्व ने मार्च 2022 से जुलाई 2023 के बीच 11 बार ब्याज दरों में इजाफा किया था। नए आंकड़ों से पता चला है कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था उतनी मजबूत नहीं है, जितना पहले सोचा जा रहा था।

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