MSME for Bharat: ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों से लेकर ब्रासवेयर-खिलौनों तक, झांसी के एमएसएमई को मिल रही नई पहचान
MSME for Bharat: एक जिला एक उत्पादन योजना देश के हर जिले से एक स्थानीय उत्पादन को वैश्विक ब्रांड के रूप में स्थापित करने की योजना है। आइए जानते हैं देश की अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश के जिले झांसी के एमएसएमई क्षेत्र की महत्ता के बारे में।

विस्तार
भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) की संभावनाओं और चुनौतियों पर चर्चा के लिए अमर उजाला की ओर से ‘एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया जा रहा है। इस मंच पर विशेषज्ञ डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, आसान वित्तीय पहुंच, सप्लाई चेन के आधुनिकीकरण, निर्यात विस्तार, कौशल विकास और नीति सुधार जैसे अहम मुद्दों पर विचार साझा करेंगे।

कॉन्क्लेव की जानकारी
झांसी में MSME फॉर भारत कॉन्क्लेव का आयोजन 19 सितंबर को शाम 3 से 6 बजे तक होगा। इसका अयोजन स्थल होटल लेमन ट्री, रेलवे स्टेशन रोड, सिविल लाइन है। इस अवसर पर उद्योग, व्यापार और विकास जगत से जुड़े कई प्रमुख लोग शामिल होंगे।
कॉन्क्लेव का उद्देश्य
कॉन्क्लेव में फंडिंग के नए विकल्प, ब्रांडिंग और मार्केटिंग की आधुनिक तकनीकें व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के व्यावहारिक उपयोग पर भी खास सत्र होंगे। कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, एमएसएमई को अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना के जरिए स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने पर विशेष जोर रहेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे आयोजन एमएसएमई क्षेत्र को नई तकनीक और वित्तीय अवसरों से जोड़ने, वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने और भविष्य की रणनीतियों को दिशा देने में अहम साबित होंगे। झांसी समेत देशभर के उद्यमियों के लिए यह कॉन्क्लेव उद्योग और व्यापार जगत के दिग्गजों से सीखने और अनुभव साझा करने का एक अनूठा अवसर होगा।
विविधता से भरपूर है झांसी
बुंदेलखंड की औद्योगिक पहचान झांसी का एमएसएमई सेक्टर कई विविध क्षेत्रों में सक्रिय है। शहर में मौजूद ऑर्डनेंस फैक्ट्रियाँ रक्षा उत्पादन का अहम केंद्र हैं, वहीं पावर उपकरण निर्माण इकाइयां बिजली क्षेत्र को सप्लाई देती हैं। परंपरागत तौर पर झांसी का पीतल उद्योग (ब्रासवेयर) भी अपनी अलग पहचान रखता है। राज्य सरकार की 'वन डिस्टिक्ट वन प्रोडक्ट' (ODOP) योजना के तहत ब्रासवेयर और सॉफ्ट टॉय को बढ़ावा दिया जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्रों में नई इकाइयों की स्थापना, क्लस्टर विकास और निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं से एमएसएमई को सहारा देने की कोशिशें हो रही हैं।
कई चुनौतियों से जूझ रहा उद्योग
झांसी का एमएसएमई सेक्टर आज कई चुनौतियों से जूझ रहा है। क्षेत्र में निजी निवेश की कमी के कारण नई इकाइयों और रोजगार के अवसर सीमित रह गए हैं। सड़क, रेल और लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी में खामियों से उत्पादन और निर्यात लागत बढ़ जाती है। साथ ही, तकनीकी उन्नयन न होने से पारंपरिक उद्योग बाजार में प्रतिस्पर्धा खोते जा रहे हैं। सरकार की योजनाएं मौजूद हैं, लेकिन जमीन पर इनके असर को तेजी से महसूस करने के लिए निवेश आकर्षित करना, कनेक्टिविटी सुधारना और आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है।