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Year Ender: नए साल में पूरी तरह लागू होंगे चार लेबर कोड, क्या EPFO 3.0 से PF निकासी और पेंशन होगी आसान, जानें

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Thu, 25 Dec 2025 01:07 PM IST
सार

सरकार ने पांच साल बाद चारों लेबर कोड्स को पूरी तरह लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो 2026 में नियमों के साथ पूर्ण रूप से प्रभावी होंगे। नए साल में EPFO 3.0 लाने की भी योजना है, जिससे पीएफ निकासी, पेंशन और बीमा दावों की प्रक्रिया आसान और तेज होगी।

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Four labor codes will be fully implemented in the 2026. Will EPFO 3.0 make PF withdrawals and pension easier
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Adobestock
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विस्तार
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सरकार ने पांच साल के लंबे इंतजार के बाद चारों लेबर कोड्स को लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। सरकार के अनुसार, इन संहिताओं से जुड़े नियम जारी होने के बाद वर्ष 2026 में ये पूरी तरह प्रभावी हो जाएंगी। इससे देशभर के श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन और सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

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श्रम मंत्रालय ने 2026 में ईपीएफओ 3.0 लाने की भी योजना बनाई है। इसके तहत कर्मचारी भविष्य निधि (PF) की निकासी प्रक्रिया और तेज होगी, साथ ही कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत पेंशन निर्धारण और कर्मचारी जमा से जुड़ी बीमा योजना 1976 के तहत बीमा दावों का निपटान भी आसान होगा।
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2025 भारत के श्रम और रोजगार तंत्र के लिए परिवर्तनकारी वर्ष रहा

केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि 2025 भारत के श्रम और रोजगार तंत्र के लिए परिवर्तनकारी वर्ष रहा है। उन्होंने बताया कि 21 नवंबर 2025 से चारों लेबर कोड्स लागू हो गए हैं, जिनके तहत 29 पुराने श्रम कानूनों को एक आधुनिक और सरल ढांचे में समाहित किया गया है।


मंत्री ने कहा कि 2026 में सरकार का फोकस तकनीक आधारित सेवाओं, जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन और लेबर कोड्स के नियमों को लागू करने पर होगा। इससे कार्यस्थलों पर स्पष्टता, समानता और पूर्वानुमेयता बढ़ेगी व भारत एक आधुनिक, औपचारिक और समावेशी श्रम बाजार की ओर तेजी से बढ़ेगा।

दो वर्षों में 3.5 करोड़ रोजगार सृजित करने का लक्ष्य

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के तहत करीब एक लाख करोड़ रुपये के परिव्यय से अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ रोजगार सृजित करने का लक्ष्य है। लगातार नीतिगत प्रयासों के चलते सामाजिक सुरक्षा कवरेज 10 साल पहले के 19 प्रतिशत से बढ़कर अब 64 प्रतिशत से अधिक हो गया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिली है।

मंत्री के मुताबिक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में सुधारों से निकासी प्रक्रिया सरल हुई है और करोड़ों सदस्यों को अपने फंड तक तेजी से पहुंच मिली है। वहीं ई-श्रम पोर्टल और नेशनल करियर सर्विस जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म भी बड़े पैमाने पर श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और रोजगार सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं।

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने लेबर कोड्स का किया विरोध 

हालांकि, कई केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने लेबर कोड्स का विरोध करते हुए इन्हें श्रमिक-विरोधी बताया है। 22 दिसंबर 2025 को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने 12 फरवरी 2026 को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। यूनियनों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार नियमों को अधिसूचित करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाती है, तो वे और कड़े आंदोलन करेंगे।

उद्योग जगत ने इन सुधारों का समर्थन किया है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) से जुड़े उद्योग प्रतिनिधियों का कहना है कि लेबर कोड्स से श्रमिकों के कल्याण के साथ-साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को भी बढ़ावा मिलेगा और भारत का श्रम तंत्र भविष्य के लिए तैयार होगा।

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