Trade Talks: भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत जारी, क्वात्रा ने अंतरिक्ष सहयोग को बताया अहम मोड़
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार व टैरिफ पर बातचीत जारी है और दोनों देश जल्द संतुलित व्यापार समझौते की कोशिश में हैं। राजदूत विनय मोहन क्वात्रा के अनुसार, अंतरिक्ष सहयोग भारत-अमेरिका रिश्तों का अहम आधार बना है। अमेरिकी संचार उपग्रह के सफल प्रक्षेपण और Axiom-4 व NISAR मिशन जैसी पहलें साझेदारी को मजबूत कर रही हैं।
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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार व टैरिफ को लेकर लगातार बातचीत जारी है और दोनों देश जल्द से जल्द एक पारस्परिक रूप से लाभकारी और संतुलित व्यापार समझौते पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने यह बात एक साक्षात्कार में कही।
क्वात्रा ने कहा कि भारत, अमेरिका के संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि (यूएसआर) के साथ लगातार संपर्क में है। उन्होंने बताया कि पूरे साल भारत-अमेरिका रिश्तों की दिशा पीएम मोदी की फरवरी में हुई अमेरिका यात्रा के दौरान तय हो गई थी, जहां दोनों देशों ने कई अहम क्षेत्रों में ठोस और व्यापक सहमति बनाई थी। इनमें अंतरिक्ष सहयोग भी एक प्रमुख क्षेत्र रहा।
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अमेरिकी संचार उपग्रह के सफल प्रक्षेपण को दोनों देशों के लिए बहुत अहम
राजदूत ने भारत द्वारा हाल ही में एक अमेरिकी संचार उपग्रह के सफल प्रक्षेपण को भारत-अमेरिका साझेदारी के लिए बहुत अहम और बड़ा दिन बताया। उन्होंने कहा कि यह 2025 के दौरान दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष सहयोग में हुई उपलब्धियों की कड़ी का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
एक ऐतिहासिक उपलब्धि के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) के सबसे भारी रॉकेट LVM3-M6 ने अमेरिका की कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल द्वारा विकसित अगली पीढ़ी के वाणिज्यिक संचार उपग्रह ब्लूबर्ड-6 को सफलतापूर्वक उसकी निर्धारित कक्षा में स्थापित किया। यह भारतीय धरती से अब तक लॉन्च किया गया सबसे भारी वाणिज्यिक उपग्रह है, जिससे LVM3 की भारी पेलोड ले जाने की क्षमता और भरोसेमंद लॉन्च वाहन के रूप में उसकी स्थिति मजबूत हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल फरवरी में अमेरिका का दौरा किया था, जहां उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से द्विपक्षीय बैठक हुई थी। इस मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान में 2025 को भारत-अमेरिका नागरिक अंतरिक्ष सहयोग के लिए अग्रणी वर्ष बताया गया था।
दोनों देशों ने नासा-इसरो सहयोग के तहत AXIOM मिशन के जरिए पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजने और संयुक्त NISAR मिशन के शीघ्र प्रक्षेपण पर भी सहमति जताई थी। इसके अलावा, लंबी अवधि के मानव अंतरिक्ष अभियानों, अंतरिक्ष सुरक्षा, पृथ्वी अवलोकन और उभरते तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
क्वात्रा ने बताया कि Axiom-4 मिशन के तहत भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का ISS जाना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि रही। साथ ही ISRO–NASA का NISAR मिशन भी सफलतापूर्वक लॉन्च होकर सक्रिय हो चुका है।
दोनों देशों के बीच व्यापक स्तर पर बातचीत चल रही है
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका व्यापार, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, एआई जैसे क्षेत्रों में भी सक्रिय रूप से सहयोग बढ़ा रहे हैं। राजदूत ने बताया कि फरवरी में होने वाले AI एक्शन समिट में अमेरिका की मजबूत भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के बीच व्यापक स्तर पर बातचीत चल रही है।
भारत 19-20 फरवरी को नई दिल्ली में एआई इम्पैक्ट समिट की मेजबानी करेगा, जो ग्लोबल साउथ में पहली बार आयोजित होने वाला ऐसा शिखर सम्मेलन होगा। क्वात्रा ने कहा कि तकनीक भारत-अमेरिका संबंधों का एक प्रमुख और केंद्रीय स्तंभ बन चुकी है।