Online gaming: गेम्सक्राफ्ट ने पूर्व सीएफओ के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत, 231 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप
ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने अपने पूर्व सीएफओ पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। कंपनी के अनुसार सीएफओ ने 231 करोड़ रुपये से अधिक के रकम की हेराफेरी की। इससे कंपनी के वित्त वर्ष 2025 के शुद्ध लाभ में गिरावट आई। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का शुद्ध लाभ घटकर 706 करोड़ रुपये दर्ज हुआ।

विस्तार
ऑनलाइन गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने अपने पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। कंपनी ने आरोप लगाया है कि पूर्व अधिकारी ने 231 करोड़ रुपये से अधिक की रकम की हेराफेरी की। इस धोखाधड़ी का असर कंपनी के वित्तीय नतीजों पर भी देखने को मिला।

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कंपनी के शुद्ध लाभ में आई गिरावट
वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी का शुद्ध लाभ घटकर 706 करोड़ रुपये दर्ज हुआ। वहीं पिछले वर्ष कंपनी ने 947 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। हालांकि इस अवधि में कंपनी की कुल आय बढ़कर 4,009 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वर्ष के 3,475 करोड़ रुपये से अधिक है। कंपनी ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 उसके परिचालन पर 28 प्रतिशत जीएसटी कर का पहला पूर्ण वर्ष था। पिछले वर्ष की कमाई में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के लिए नई लागू की गई जीएसटी व्यवस्था के छह महीने के प्रभाव को भी शामिल किया गया था।
पूर्व अधिकारी को धोखधड़ी के आरोप में पद से हटाया गया
इस संबंध में बेंगलुरु पुलिस थाने में पूर्व अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। बताया जा रहा है कि संबंधित अधिकारी को इसी साल मई में ग्रुप चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर के पद से हटा दिया गया था। शिकायत में कहा गया है कि उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में कुल 231.39 करोड़ रुपये के अनधिकृत वित्तीय लेनदेन किए हैं। उन्होंने इस साल मार्च में कंपनी को भेजे एक कथित ईमेल में "स्वेच्छा से" स्वीकार किया था कि उन्होंने व्यक्तिगत इक्विटी और डेरिवेटिव ट्रेडिंग के लिए कंपनी के धन का दुरुपयोग किया है। बताया जा रहा है कि वह मार्च से फरार है।
कंपनी धन वसूली के पूरे प्रयास करेगी
कंपनी के धन के अनधिकृत उपयोग का पता चलने के बाद गेम्सक्राफ्ट ने फोरेंसिक ऑडिट कराया, जिससे पता चला कि धन की कितनी मात्रा और प्रकृति का गबन किया गया। सूत्रों ने बताया कि कंपनी आरोपियों से धन की वसूली के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
ऑनलाइम गेमिंग बिल का असर
ऑनलाइन गेमिंग अधिनियम, 2025 के हालिया प्रचार और विनियमन के मद्देनजर, गेम्सक्राफ्ट ने पहले ही अपने रम्मी ऐप्स में 'ऐड कैश' और 'गेमप्ले' सेवाओं को बंद कर दिया है। इस परिवर्तन के दौरान लेखा परीक्षकों, बैंकिंग भागीदारों, कानूनी सलाहकारों और नीति निर्माताओं के साथ मिलकर काम करते हुए अनुपालन, पारदर्शिता और परिचालन निरंतरता पर मजबूत ध्यान केंद्रित किया है।
कंपनी ने कहा कि उसने सभी विनियामक बकाया चुका दिए हैं और समय पर कार्रवाई व लगातार और पारदर्शी संचार के माध्यम से अपने खिलाड़ियों, कर्मचारियों, भागीदारों, विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं के हितों की सक्रिय रूप से रक्षा की है।