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Gold: सोने के बदले कर्ज, आरबीआई ने क्यों बदले नियम ग्राहकों को क्या मिलेगा फायदा? जानें सबकुछ

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शिवम गर्ग Updated Mon, 13 Oct 2025 06:21 AM IST
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Gold Loan: RBI Revises Rules on Loans Against Gold; What Changes for Customers and How It Benefits You
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : ANI
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सोने की महंगाई के साथ भारत का गोल्ड लोन बाजार सालाना औसतन 30% की दर से बढ़ रहा है। इक्रा और रिजर्व बैंक के अनुसार, इस साल अगस्त तक बैंकों और एनबीएफसी के सोने के बदले कर्ज 2.94 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गए। सीआरआईएफ की रिपोर्ट बताती है कि जून तक भारत में बैंक व एनबीएफसी के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो 13.4 लाख करोड़ पर थे। रिजर्व बैंक ने नई मौद्रिक नीति में गोल्ड लोन से जुड़े नियमों में बदलाव किए हैं। नए नियम एक अप्रैल, 2026 से लागू होंगे।


आरबीआई ने क्यों बदले नियम?
गोल्ड लोन में छोटे ग्राहकों (2.5 लाख तक) की हिस्सेदारी 60% है। औसत ऋण आकार 70,000 रुपये है। ज्वेलरी मुख्य तौर पर गिरवी रखी जाती है।  
गोल्ड लोन रोलओवर में तेज वृद्धि, गिरवी रखे सोने को लौटाने में देरी और सोने का अनुचित मूल्यांकन।  
बैंक कई शुल्क वसूल रहे थे, जब्त सोने की नीलामी पारदर्शी नहीं थी, उपभोक्ताओं की शिकायतें लगातार बढ़ रही थीं।
सोना, सिक्के या ईटीएफ खरीदने के लिए बैंकों से कर्ज नहीं मिलेगा। स्वर्ण आभूषण या सिक्कों के बदले कर्ज की अनुमति है।
लोन टू वैल्यू के नियम बदले हैं। इसका मतलब गिरवी रखे सोने के मूल्य और उस पर मिलने वाले कर्ज का अनुपात है।
2.5 लाख रुपये तक के कर्ज पर पर एलटीवी (लोन-टू-वैल्यू) 85%, 2.5 से 5 लाख रुपये पर 80% और 5 लाख से अधिक पर 75% होगी।
छोटे ग्राहकों को सोने के बदले अधिक राशि मिलेगी।

सोने का मूल्यांकन: सोने का मूल्य आईबीजेए या सेबी विनियम दरों के अनुसार 30 दिन की औसत कीमत या पिछले दिन की कीमत के निचले स्तर पर तय होगा।
कर्ज का भुगतान: 12 महीने के भीतर मूलधन और ब्याज चुकाना होगा। पहले लोग ब्याज राशि चुकाकर ऋण नवीनीकरण करवा लेते थे। रोलओवर रुकने से डिफॉल्ट का जोखिम कम होगा।
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सोने की वापसी: 7 कार्य दिवसों के भीतर गिरवी सोना वापस करना होगा। देरी पर बैंक या एनबीएफसी 5,000 रुपये प्रतिदिन जुर्माना देगा।
नीलामी प्रक्रिया: डिफॉल्ट के मामले में नीलामी से पहले ग्राहक को सूचना देनी होगी। आरक्षित मूल्य बाजार मूल्य के 90% पर निर्धारित होगा सभी दस्तावेजों एलटीवी विवरण, सोने की शुद्धता और ऋण शर्तों को जांच लें और मूल्यांकन प्रमाणपत्र संभालकर रखें। जो सोना आपके पास नहीं है, या पहले से गिरवी रखा है, उसे दोबारा गिरवी न रखें। अलग-अलग बैंकों और एनबीएफसी की ब्याज दर की तुलना करें
-पूजा सिंह, सीईओ, मनीपाल फिनटेक
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