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ED Action: रिलायंस पावर के सीएफओ और तीन दिन की ईडी हिरासत में, कंपनी के शेयर 10 फीसदी से ज्यादा फिसले
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Mon, 13 Oct 2025 02:21 PM IST
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सार
ED Action: प्रवर्तन निदेशालय ने कथित फर्जी बैंक गारंटी और फर्जी इनवॉइसिंग मामले में शनिवार को रिलायंस पावर के वरिष्ठ कार्यकारी अशोक कुमार पाल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सोमवार को जब बाजार खुले तो रिलायंस पावर के शेयर 10% से ज्यादा टूटकर दिन के सबसे निचले स्तर 43.55 रुपये प्रति शेयर पर आ गए। उधर, अदालत ने पाल को तीन दिन की अतिरिक्त सीबीआई हिरासत में भेज दिया है।

अनिल अंबानी पर सीबीआई पर शिकंजा
- फोटो : ANI
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विस्तार
रिलायंस पावर के मुख्य वित्तीय अधिकारी अशोक कुमार पाल को 3 दिन की अतिरिक्त ईडी हिरासत में भेज दिया गया है। उन्हें 16 अक्टूबर को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा। उधर, वित्तीय परेशानियों और कानूनी पचड़ों से जूझ रहे उद्योगपति अनिल अंबानी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं। अनिल अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस की कंपनियों के शेयरों में सोमवार को सुबह के कारोबार के दौरान 10.5% तक की गिरावट दिखी।

प्रवर्तन निदेशालय ने कथित फर्जी बैंक गारंटी और फर्जी इनवॉइसिंग मामले में शनिवार को रिलायंस पावर के वरिष्ठ कार्यकारी अशोक कुमार पाल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सोमवार को जब बाजार खुले तो रिलायंस पावर के शेयर 10% से ज्यादा टूटकर दिन के सबसे निचले स्तर 43.55 रुपये प्रति शेयर पर आ गए। वहीं रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर 4.5% गिरकर 231 रुपये प्रति के भाव पर आ गए।
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पाल को दो दिन की हिरासत में भेजा गया था। सोमवार को उन्हें अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें फिर तीन दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले शुक्रवार की देर रात गिरफ्तार किए गए पाल से कई घंटों तक पूछताछ की गई।
अब तक की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कथित वित्तीय अनियमितताओं और संभावित उल्लंघनों की जाँच कर रहा है। यह कार्रवाई 24 जुलाई को बड़े पैमाने पर की गई ईडी कार्रवाई के बाद की गई है, जिसके दौरान रिलायंस अनिल अंबानी समूह (आरएएजीए) से जुड़े 35 परिसरों, 50 कंपनियों और 25 से अधिक व्यक्तियों की तलाशी ली गई थी। ईडी यह जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक एफआईआर के आधार पर दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में कर रही है। यस बैंक के तत्कालीन प्रमोटर भी इस मामले में जांच के दायरे में हैं।
ईडी को 2017 और 2019 के बीच यस बैंक की ओर से वितरित ऋणों में लगभग 3,000 करोड़ रुपये के अवैध डायवर्जन का संदेह है। एजेंसी की यह राष्ट्रीय आवास बैंक, सेबी, राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (NFRA), और बैंक ऑफ बड़ौदा सहित कई नियामक और वित्तीय निकायों से मिले इनपुट पर आधारित है। जांचकर्ताओं ने कहा कि पाल ने कंपनी से धन के डायवर्जन और PSU को धोखा देने के इरादे से सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को 68 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी बैंक गारंटी (BG) जमा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अधिकारियों के अनुसार, बोर्ड के एक प्रस्ताव ने पाल और अन्य को SECI के बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) टेंडर से संबंधित सभी दस्तावेजों को अंतिम रूप देने, अनुमोदित करने, हस्ताक्षर करने और निष्पादित करने और बोली के लिए RPL की वित्तीय क्षमता का उपयोग करने का अधिकार दिया था। इससे पहले शुक्रवार को रिलायंस पावर के शेयरों में 15% की बढ़ोतरी हुई और यह दिन के उच्चतम स्तर 50.75 रुपये पर पहुंच गया था।