GST 2.0: कृषि इनपुट व डेयरी उत्पादों पर जीएसटी में कटौती किसानों के लिए दिवाली गिफ्ट, जानिए कैसे मिलेगा फायदा
GST 2.0: जीएसटी परिषद की ओर से उर्वरकों, जैव कीटनाशकों, कृषि उपकरणों और डेयरी उत्पादों पर दरों में कटौती के कदम से किसानों की आय में तो वृद्धि होगी ही इसके साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी पौष्टिक भोजन अधिक किफायती दर पर उपलब्ध हो सकेगा। जानकारों की इस बारे में क्या राय है? आइए इस बारे में विस्तार से जानें।

विस्तार
कृषि और डेयरी क्षेत्र ने जीएसटी कानून के ढांचे में किए गए बदलावों को जमकर सराहा है। इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने प्रमुख कृषि इनपुट और डेयरी उत्पादों पर जीएसटी दरों को कम करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है और इसे बढ़ती इनपुट लागत व मौसम की अनिश्चितताओं से जूझ रहे किसानों के लिए बड़ी राहत कहा है।

जीएसटी परिषद की ओर से उर्वरकों, जैव कीटनाशकों, कृषि उपकरणों और डेयरी उत्पादों पर दरों में कटौती के कदम से किसानों की आय में तो वृद्धि होगी ही इसके साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी पौष्टिक भोजन अधिक किफायती दर पर उपलब्ध हो सकेगा।
गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड के सीईओ और एमडी सुनील कटारिया के अनुसार उर्वरकों और जैव कीटनाशकों पर जीएसटी में कमी से किसानों को ऐसे समय में "बड़ी राहत" मिलेगी, जब कृषि फसलों पर अनियमित मौसम के कारण प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
कटारिया ने एक बयान में कहा, "औसत इनपुट लागत कुल खेती खर्च का लगभग 30-40 प्रतिशत है, इन लागतों को कम करने से गुणवत्तापूर्ण फसल सुरक्षा समाधानों की पहुंच बढ़ेगी, जिससे किसानों को उपज बढ़ाने और आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।"
डेयरी उत्पादों पर जीएसटी घटाकर 5% करने से किसानों के सामर्थ्य बढ़ेगा
कटारिया ने कहा कि डेयरी उत्पादों पर जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत करने के निर्णय से किसानों के सामर्थ्य और खपत में सुधार होगा। इससे देश में प्रोटीन की कमी दूर होगी और साथ ही डेयरी किसान परिवारों को सहायता मिलेगी।
सीएनएच इंडिया के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक नरिंदर मित्तल ने कृषि उपकरणों, कलपुर्जों और टायरों पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत करने की सराहना करते हुए कहा कि इससे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और अन्य उपकरण अधिक किफायती होंगे।
मित्तल ने कहा, "ये सुधार उद्योग जगत को श्रम की कमी को दूर करने, किसानों की उत्पादकता बढ़ाने और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए सशक्त बनाएंगे।" उन्होंने कहा कि यह कदम आगे स्थानीयकरण और नवाचार के लिए सही वातावरण प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि यह सुधार विशेष रूप से कटाई के मौसम से पहले समय पर किया गया है। कम लागत से अधिक किसान गठरी बनाने जैसे समाधान अपना सकेंगे। इससे फसल अवशेषों को जलाने में कमी आएगी।
डेयरी पर जीएसटी कटौती से आठ करोड़ किसानों को लाभ
कम्पाउंड लाइवस्टॉक फीड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएलएफएमए) के अध्यक्ष दिव्य कुमार गुलाटी ने डेयरी उत्पादों पर जीएसटी में कटौती को एक 'प्रगतिशील कदम' बताया। उनका मानना है कि इससे भारत के आठ करोड़ डेयरी किसानों को लाभ होगा।
यूएचटी दूध को कर-मुक्त कर दिए जाने और कंडेंस्ड दूध, मक्खन, घी, पनीर और चीज जैसे उत्पादों पर कर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिए जाने से, इन सुधारों से ग्रामीण आय में वृद्धि होने और चारा और पशु देखभाल में अधिक निवेश को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
जीएसटी की दरों में बदलाव के बाद अब किस वस्तु पर कितना टैक्स?
पराग मिल्क फूड्स लिमिटेड के अध्यक्ष देवेंद्र शाह ने कहा कि इस कदम से कीमतों के प्रति संवेदनशील ग्रामीण और अर्ध-शहरी उपभोक्ताओं को विशेष रूप से लाभ होगा। उन्होंने कहा, "अधिक मांग से किसानों को बेहतर आय स्थिरता मिलेगी और बेहतर पशु देखभाल और चारे में निवेश करने का आत्मविश्वास मिलेगा।"
धानुका एग्रीटेक के मानद चेयरमैन आरजी अग्रवाल ने जीएसटी में कटौती को किसानों के लिए "बड़ा दिवाली उपहार" बताया, तथा विशेष रूप से कृषि-ड्रोन, जिबरेलिक एसिड और जैव-कीटनाशकों, जिनमें ट्राइकोडर्मा, स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस और नीम-आधारित उत्पाद शामिल हैं, पर कटौती की प्रशंसा की।
अग्रवाल ने कहा, "इससे किसानों को सुरक्षित जैविक विकल्पों की ओर जाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे मृदा स्वास्थ्य में सुधार होगा और दीर्घकालिक कृषि प्रदर्शन में योगदान मिलेगा।" उन्होंने कहा कि उर्वरक कच्चे माल पर उल्टे शुल्क ढांचे को ठीक करने से उत्पादन व्यवहार्यता बढ़ेगी और कम लागत पर आवश्यक पोषक तत्वों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित होगी। सुधारों का स्वागत करते हुए अग्रवाल ने आगे और अधिक तर्कसंगत सुधारों की वकालत की।

जीएसटी दर में कटौती से 19 लाख करोड़ रुपये के डेयरी उद्योग में बढ़ेगी मांग
सरकार की ओर से भी गुरुवार को जीएसटी में हुए सुधारों से डेयरी उद्योग को होने वाले फायदों के बारे में बताया गया। सरकार के अनुसार अधिकांश डेयरी उत्पादों को या तो कर मुक्त रखने या केवल पांच प्रतिशत कर लगाने के फैसले से 19 लाख करोड़ रुपये के डेयरी उद्योग में मांग बढ़ेगी।
56वीं जीएसटी परिषद ने बुधवार को हुई अपनी बैठक में दूध और दूध उत्पादों पर व्यापक कर युक्तिकरण को मंजूरी दे दी। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "जीएसटी के ढांचे में सुधार इस क्षेत्र में जीएसटी दरों में सबसे व्यापक सुधारों में से एक हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अधिकांश डेयरी उत्पाद अब या तो कर से मुक्त होंगे या उन पर केवल 5 प्रतिशत की दर लागू होगी।"
22 सितंबर, 2025 से प्रभावी संशोधित ढांचे के तहत, अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (यूएचटी) दूध पर जीएसटी दर 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दी गई है। पनीर/छेना (पूर्व-पैकेज्ड और लेबलयुक्त) पर जीएसटी 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है। मक्खन, घी, डेयरी उत्पाद, पनीर, गाढ़ा दूध, दूध आधारित पेय पदार्थों पर 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
आइसक्रीम पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% किया गया
बयान में कहा गया है कि आइसक्रीम पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो जाएगा। दूध के डिब्बों पर 12 प्रतिशत की जगह अब 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। मंत्रालय ने कहा, "इस महत्वपूर्ण कर-तर्कसंगतीकरण से डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा मिलने तथा किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे देश के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा।"
इस सुधार से 8 करोड़ से अधिक ग्रामीण किसान परिवारों, विशेषकर छोटे, सीमांत और भूमिहीन मजदूरों को सीधे लाभ होगा, जो अपनी आजीविका के लिए दुधारू पशुओं का पालन करते हैं। मंत्रालय ने कहा कि कम कराधान से परिचालन लागत कम करने और मिलावट पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। इसका उत्पादन 2023-24 में 239 मिलियन टन होगा, जो वैश्विक दूध उत्पादन का लगभग 24 प्रतिशत होगा। भारतीय डेयरी क्षेत्र का कुल बाजार आकार 2024 में 18.98 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। मंत्रालय ने कहा, "हालिया जीएसटी सुधार इस क्षेत्र की उत्पादकता और प्रतिस्पर्धा की क्षमता को और बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, साथ ही स्थायी आजीविका सुनिश्चित करेंगे।"