Report: जीएसटी सुधार से बढ़ेगी उपभोग की रफ्तार, क्या कहती है सिस्टमैटिक्स रिसर्च? जानें
सिस्टमैटिक्स रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी सुधारों से सभी क्षेत्रों में सामर्थ्य और उपभोग को बढ़ावा मिलेगा। इससे उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं और ऑटोमोबाइल की मांग में वृद्धि होगी। सरकार ने फैसला किया है कि वे 12 से 28 प्रतिशत जीएसटी दरों को समाप्त कर, केवल 5 और 18 प्रतिशत का स्लैब रखेगी।

विस्तार
जीएसटी सुधारों से सभी क्षेत्रों में सामर्थ्य और उपभोग को बढ़ावा मिलेगा। सिस्टमैटिक्स रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह उम्मीद जताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार पैकेज्ड खाद्य पदार्थों, डेयरी और स्नैक्स पर जीएसटी को घटाकर पांच प्रतिशत करने से खाद्य और पेय क्षेत्र को लाभ होगा। इससे बिक्री में वृद्धि होगी।

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इन क्षेत्रों में होगा लाभ
- इसमें आगे कहा गया कि सफेद वस्तुओं और छोटे वाहनों पर जीएसटी दर कम होने के कारण उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं और ऑटोमोबाइल की मांग में वृद्धि होगी।
- निर्माण सामग्री, स्वास्थ्य सेवा, कपड़ा और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों को भी कर कटौती, बेहतर मार्जिन और प्रतिस्पर्धात्मकता का लाभ मिलेगा।
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और होटलों को संरचनात्मक सुधारों और बेहतर ऋण उपोयग से लाभ मिलेगा।
- हालांकि हानिकारक और लग्जरी वस्तुओं और ऑनलाइन गेमिंग पर 40 प्रतिशत का उच्च स्लैब लागू है। वहीं पेट्रलियम और लग्जरी वाहन को इसमें शामील नहीं किया गया है।
जीएसटी सुधार का प्रस्ताव
सरकार ने फैसला किया है कि वे 12 से 28 प्रतिशत जीएसटी दरों को समाप्त कर, केवल 5 और 18 प्रतिशत का स्लैब रखेगी। इसके तहत 12 प्रतिशत स्लैब में से 99 प्रतिशत वस्तुओं को 5 प्रतिशत स्लैब में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है। वहीं 28 प्रतिशत स्लैब में से 90 प्रतिशत वस्तुओं को 18 प्रतिशत स्लैब में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है। तंबाकू और पान मसाला जैसी "हानिकारक वस्तुओं" के लिए 40 प्रतिशत की नई दर प्रस्तावित है। यह दिवाली से पहले लागू करने की बात कही गई है।