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Inflation: देश में क्यों बढ़ रही महंगाई? भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया ये कारण

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Thu, 17 Oct 2024 02:19 PM IST
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सार

Inflation: देश की समग्र महंगाई में आयातित मुद्रास्फीति का हिस्सा बढ़ा है। आयातित मुद्रास्फीति में सितंबर में 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले 13 महीनों में सबसे अधिक है। आयातित मुद्रास्फीति का मतलब आयात की जाने वाली वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से है। एक रिपोर्ट के अनुसार सोना, तेल, वसा और रासायनिक उत्पाद की बढ़ती कीमतों ने देश में महंगाई बढ़ने में सबसे अधिक योगदान दिया है।

High prices of imported crude, gold, and chemicals contributed to high inflation: SBI report
देश में महंगाई - फोटो : amarujala.com
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विस्तार
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भारत में आयातित वस्तुओं की मुद्रास्फीति सितंबर 2024 में 2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 13 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है। एसबीआई ने रिपोर्ट में बताया कि आयातित वस्तुओं की बढ़ती कीमतें देश की समग्र महंगाई में तेजी से योगदान दे रही है। सोना, तेल व वसा और रासायनिक उत्पादों की बढ़ती की बढ़ती कीमतों से महंगाई बढ़ रही है। आयातित मुद्रास्फीति किसी देश में आयातित उत्पादों की उच्च लागत के कारण वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में इजाफे को कहते हैं।

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रिपोर्ट में चिंता जताते हुए कहा गया है, "समग्र मुद्रास्फीति में आयातित मुद्रास्फीति का हिस्सा बढ़ा है। आयातित मुद्रास्फीति में सितंबर में 2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले 13 महीनों में सबसे अधिक है। सोने की कीमतें, तेल व वसा और रासायनिक उत्पाद ने कीमतों के बढ़ने में सबसे अधिक योगदान दिया है। 

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सितंबर में सोने का आयात मूल्य 10.06 अरब डॉलर पर पहुंचा

व्यापार जगत के नए आंकड़ों के अनुसार देश में सोने के आयात में उछाल आया है। देश ने सितंबर 2024 में 10.06 बिलियन अमरीकी डॉलर का सोना आयात किया। पिछले साल इसी महीने में 4.94 बिलियन डॉलर का सोना आयात किया गया था। सितंबर में इस वर्ष जनवरी से अब तक सबसे अधिक सोने का आयात किया गया। अकेले अगस्त 2024 में, मूल्य के लिहाज से सोने के आयात में 103.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि अप्रैल से अगस्त के दौरान आयात में 25.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि, मात्रा के लिहाज से, सोने के आयात में मिश्रित रुझान देखा गया, अगस्त में इसमें 62.24% की वृद्धि हुई, लेकिन अप्रैल-अगस्त की अवधि में इसमें 2.18% की गिरावट आई।

खुदरा मुद्रास्फीति नौ महीने के ऊपरी स्तर पर

बढ़ती आयातित मुद्रास्फीति के आंकड़े ऐसे समय पर सामने आए हैं जब देश में महंगाई का बढ़ना लगातार जारी है। भारत में खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर 2024 में नौ महीने के उच्च स्तर 5.5 प्रतिशत पर पहुंच गई। अगस्त में यह 3.65 प्रतिशत थी। इसका कारण यह मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों की कीमतों का बढ़ना रहा। सितंबर में खाद्य और पेय पदार्थों की मुद्रास्फीति बढ़कर 8.36 प्रतिशत हो गई, जो अगस्त में 5.30 प्रतिशत और सितंबर 2023 में 6.30 प्रतिशत थी। खाद्य क्षेत्र में सब्जियों की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, इसने समग्र मुद्रास्फीति दर में 2.34 प्रतिशत का योगदान दिया।

आयातित वस्तुओं की कीमतें बढ़ने से अर्थव्यवस्था पर बढ़ा दबाव

आयातित मुद्रास्फीति की बढ़ती हिस्सेदारी भारतीय अर्थव्यवस्था पर मुद्रास्फीति के दबाव में इजाफा करती है। चूंकि भारत सोने और खाद्य तेलों जैसी आवश्यक वस्तुओं का लगातार आयात करता है, ऐसे में वैश्विक स्तर पर बढ़ती कीमतें घरेलू मुद्रास्फीति के स्तर को प्रभावित करती हैं। मूल्य और मात्रा दोनों के संदर्भ में सोने के आयात में तेज वृद्धि यह भी बताती है कि बाहरी कारक घरेलू बाजारों को कैसे प्रभावित कर रहे हैं।

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