सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Business ›   Business Diary ›   India is becoming self-reliant in telecom sector, investment of Rs 3,400 crore in three years

Export: दूरसंचार क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा भारत, पीएलआई योजना से तीन वर्षों में 3,400 करोड़ का निवेश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विशांत श्रीवास्तव Updated Thu, 11 Jul 2024 05:22 AM IST
विज्ञापन
सार

दूरसंचार के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है। पीएलआई योजना के दम पर तीन वर्षों में 3,400 करोड़ का निवेश हुआ है। वहीं इस क्षेत्र में देश के उपकरणों की बिक्री 50 हजार करोड़ के पार पहुंच चुकी है।

India is becoming self-reliant in telecom sector, investment of Rs 3,400 crore in three years
टेलीकॉम - फोटो : एएनआई
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और मेक इन इंडिया के दम पर देश दूरसंचार एवं नेटवर्किंग उत्पादों के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। पीएलआई योजना की मदद से देश में तीन वर्षों में दूरसंचार उपकरणों की विनिर्माण बिक्री 50,000 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर के पार पहुंच गई है। केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा, यह देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। इस बिक्री में करीब 10,500 करोड़ रुपये का निर्यात भी शामिल है।  

loader
Trending Videos


पीएलआई योजना की मदद से दूरसंचार क्षेत्र ने तीन वर्षों की इस अवधि में 3,400 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है और 17,800 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दिया है। सरकार ने कहा, आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के अनुरूप दूरसंचार व नेटवर्किंग उत्पादों और इलेक्ट्रॉनिक्स के बड़े पैमाने पर विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना से देश में उत्पादन, रोजगार सृजन, आर्थिक वृद्धि एवं निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। 
विज्ञापन
विज्ञापन


आयात और निर्यात के बीच घटा अंतर
पीएलआई योजना के अलावा सरकार के अन्य प्रयासों से दूरसंचार आयात और निर्यात के बीच अंतर काफी कम हो गया है। दूरसंचार उपकरण और मोबाइल दोनों को मिलाकर 2023-24 में 1.49 लाख करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात किया गया। इस अवधि में आयात 1.53 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। 

दूरसंचार व्यापार घाटे में आई गिरावट
पीएलआई योजना ने आयातित दूरसंचार उपकरणों पर भारत की निर्भरता को करीब 60 फीसदी तक कम कर दिया है। इससे देश कुछ उत्पादों में लगभग आत्मनिर्भर हो गया है। भारतीय निर्माता अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। उत्तरी अमेरिका और यूरोप को 5जी उपकरण निर्यात कर रहे हैं। यही वजह है कि पिछले पांच वर्षों में दूरसंचार क्षेत्र (दूरसंचार उपकरण और मोबाइल) में व्यापार घाटा 68,000 करोड़ से कम होकर 4,000 करोड़ रुपये रह गया है।

मोबाइल फोन आयातक से निर्यातक बना भारत
इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में पीएलआई योजना की मदद से देश में मोबाइल फोन के उत्पादन और निर्यात में काफी तेजी आई है। भारत अब मोबाइल फोन आयातक से निर्यातक बन गया है।  2014-15 में देश में सिर्फ 5.8 करोड़ मोबाइल फोन का उत्पादन होता था और 21 करोड़ यूनिट आयात किया जाता था।  2023-24 में देश में मोबाइल फोन का उत्पादन बढ़कर 33 करोड़ के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान 5 करोड़ मोबाइल फोन का निर्यात भी किया गया।  मूल्य के लिहाज से 2014-15 में 1,556 करोड़ और 2017-18 में 1,367 करोड़ रुपये का निर्यात करने वाले भारत ने 2023-24 में 1,28,982 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन विभिन्न देशों को बेचा। मोबाइल फोन का आयात भी 2014-15 के 48,609 करोड़ से घटकर 2023-24 में सिर्फ 7,665 करोड़ रुपये रह गया।

विज्ञापन
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें कारोबार समाचार और Union Budget से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। कारोबार जगत की अन्य खबरें जैसे पर्सनल फाइनेंस, लाइव प्रॉपर्टी न्यूज़, लेटेस्ट बैंकिंग बीमा इन हिंदी, ऑनलाइन मार्केट न्यूज़, लेटेस्ट कॉरपोरेट समाचार और बाज़ार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed