India Maritime Week: ग्रेट निकोबार परियोजना से भारत का समुद्री विश्व व्यापार कई गुना बढ़ेगा, बोले अमित शाह
इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 के उद्घाटन के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने सोमवार को कहा कि पांच अरब डॉलर की ग्रेट निकोबार द्वीप विकास परियोजना भारत के समुद्री व्यापार को कई गुना बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी। साथ ही, देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और ग्लोबल साउथ के बीच सेतु की भूमिका निभा रहा है।
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ग्रेट निकोबार द्वीप विकास परियोजना देश के समुद्री व्यापार में कई गुना वृद्धि करेगी। करीब पांच अरब डॉलर (लगभग 42,000 करोड़ रुपये) की इस परियोजना से भारत की समुद्री कनेक्टिविटी और रणनीतिक क्षमताएं मजबूत होंगी। इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 के उद्घाटन समारोह में शाह ने कहा कि भारत के पास लोकतांत्रिक स्थिरता और मजबूत नौसैनिक क्षमता है। साथ ही, देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और ग्लोबल साउथ के बीच सेतु की भूमिका निभा रहा है।
देश की समुद्री ताकत और ब्लू इकोनॉमी को मजबूत बनाने के लिए मुंबई में इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमीत शाह ने 27 अक्तूबर को किया, जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी उपस्थित रहे।
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इस अवसर पर सवंवादाताओं से बातचीत करते हुए भारत के केंद्रीय पत्तान, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल कहा कि आज से, समुद्री सप्ताह शुरू हो गया है। समुद्री क्षेत्र की भूमिका, भारतीय समुद्री सप्ताह 2025 की शुरुआत हो गई है। यह साल 2023 में हुए शिखर सम्मेलन की तुलना का दोगुना हो गया है।
भारत 2047 तक जहाज निर्माण में शीर्ष पांच राष्ट्र बन जाएगा
उन्होंने कहा उद्घाटन सत्र ने पूरे शिखर सम्मेलन के लिए एक मानक स्थापित कर दिया है। इस समारोह में 350 से अधिक वैश्विक वक्ता हिस्सा ले रहे हैं और 11 से अधिक विदेशी मंत्री इसमें भाग ले रहे हैं। हम भविष्य में भारत को एक महाशक्ति बनाएंगे के लिए प्रतिबद्ध हैं। वैश्विक खिलाड़ियों का सहयोग, भारत 2047 तक जहाज निर्माण में शीर्ष पांच राष्ट्र बन जाएगा। नीति और सुधार हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने में उत्प्रेरक हैं, और हमारा आत्मविश्वास दोगुना हो गया है। कार्गो हैंडलिंग सुविधा, और कारोबार में विश्वास, भारत अपने दृष्टिकोण को कार्यरूप में बदलने के लिए तैयार है।
युवाओं की भागीदारी और गुणवत्तापूर्ण कार्यबल से मिलेगी मजबूती
इस क्षेत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन हमारी राह आसान करता है, सुशासन और पारदर्शिता ने हमारे बंदरगाहों की क्षमता बढ़ाई है। यह पारिस्थितिकी तंत्र के विकास, जहाज निर्माण और जहाज पुनर्चक्रण में मदद करेगा। अगले 22 वर्षों में, हम आत्मनिर्भर बनेंगे और दुनिया में एक अग्रणी विकसित देश बनेंगे। हमारे बंदरगाहों को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना हमारा लक्ष्य है, जो अप्रत्यक्ष रूप से समुद्री अर्थव्यवस्था के निर्माण में योगदान देगा। इस क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण भारत की वैश्विक मजबूती का मार्ग प्रशस्त करेगा। गुणवत्तापूर्ण कार्यबल और युवाओं की भागीदारी इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है और भारत को वैश्विक समुद्री क्षेत्र में अपना दबदबा बनाने में मदद करेगी। मुख्यमंत्री क्लस्टर आधारित सुविधाओं के विकास के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और उन्हें जरूरी अन्य सभी सुविधाएं भारत सरकार की ओर से प्रदान की जाएंगी।
मैरीटाइम का चौथा संस्करण क्यों है खास?
भारत के बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव विजय कुमार ने कहा कि यह मैरीटाइम का चौथा संस्करण हैं। यहां 85 देशों के 1.5 लाख प्रतिनिधियों का पंजीकरण किया है, 11 देशों के विदेश मंत्री, 350 वक्ता और 680 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होंगे, जिसमें 10 लाख करोड़ का निवेश होगा। उन्होंने कहा कि देश के सात केंद्रीय मंत्री, 16 राज्य मंत्री, पांच मुख्यमंत्री इसमें भाग ले रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों, सरकारी, निजी, विदेशी, घरेलू आदि की भागीदारी इसमे देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में समुद्री कारोबार की क्षमता दोगुनी हो गई है। नाविकों में 150% की वृद्धि, कार्गो हैंडलिंग में 400% की वृद्धि, और आवंटित परियोजनाओं में 100% की वृद्धि।