S&P Report: वैश्विक झटकों के बावजूद मजबूत बना रहेगा भारत, व्यापार से लेकर ऊर्जा क्षेत्र तक दिखी रफ्तार
एसएंडपी ग्लोबल इंडिया रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक झटकों के बावजूद भारत ने बुनियादी ढांचे के विकास और प्रक्रियाओं में सुधार के माध्यम से अपनी स्थिति मजबूत की है। इससे विकसित देशों की तुलना में भारत ने बेहतर प्रदर्शन किया है। वित्त वर्ष 2025-26 में इसकी जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

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वैश्विक आर्थिक झटकों के असर से भारत की विकास दर पर अल्पकालिक दबाव दिख रहा है, लेकिन देश की दीर्घकालिक वृद्धि की कहानी बरकरार है। एसएंडपी ग्लोबल इंडिया रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है।

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भारत ने विकसित देशों से बेहतर प्रदर्शन किया
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने बुनियादी ढांचे के विकास और प्रक्रियाओं में सुधार के माध्यम से अपनी स्थिति मजबूत की है। इससे विकसित देशों की तुलना में भारत ने बेहतर प्रदर्शन किया है। वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच, भारत की वृद्धि मजबूत है और यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी हुई है। वित्त वर्ष 2025-26 में इसकी जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
भारत की वैश्विक व्यापार में अधिक भागीदारी
इसमें कहा गया है कि भारत वैश्विक व्यापार में अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा, जिससे आर्थिक वृद्धि, पूंजी आकर्षण और रोजगार सृजन के अवसर बढ़ेंगे। हालांकि, इसके लिए केंद्र, राज्य और नौकरशाही स्तर पर सुधार जरूरी बताए गए हैं, ताकि एक अधिक संगठित प्रणाली तैयार हो सके।
प्राइवेट क्रेडिट सेक्टर का हो रहा मजबूत विस्तार
निजी क्रेडिट उद्योग को लेकर भी सकारात्मक अनुमान जताया गया है। इसमें कहा गया है कि पारंपरिक बैंकों द्वारा छोड़े गए फाइनेंसिंग गैप के कारण प्राइवेट क्रेडिट सेक्टर मजबूत विस्तार की ओर बढ़ रहा है। घरेलू दिवाला ढांचा इस क्षेत्र को और मजबूती दे रहा है। जोखिम मौजूद होने के बावजूद, व्यापक वित्तीय प्रणाली से सीमित जुड़ाव इस सेक्टर को सुरक्षा प्रदान कर सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत 2028 तक जापान और ऑस्ट्रेलिया को पीछे छोड़ते हुए एशिया-प्रशांत क्षेत्र में डेटासेंटर बिजली की मांग के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा।
ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों के चलन में तेजी
ऊर्जा के मोर्चे पर भारत का लक्ष्य अपनी परमाणु मूल्य श्रृंखला को स्थानीय बनाना और अपने विशाल थोरियम भंडार का उपयोग घरेलू क्षमता निर्माण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ाने के लिए करना है। नियमों को और अधिक पारदर्शी बनाने और निवेश आकर्षित करने के लिए इस क्षेत्र में सुधार 2026-27 के आसपास होने की उम्मीद है। इसमें यह भी कहा गया है कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन तेजी से बढ़ रहा है, जिसे विनिर्माण और चार्जिंग नेटवर्क में सरकारी पहलों का समर्थन प्राप्त है।