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Festive Season: त्योहारी मांग व जीएसटी सुधारों से देश में सोने के जेवरों की मांग बढ़ सकती है, रिपोर्ट में दावा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Wed, 17 Sep 2025 03:35 PM IST
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सार

Festive Season: आभूषणों की मांग के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन इस मामले में उत्प्रेरक की भूमिका निभाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों का आभूषणों की मांग में 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। आइए इस बारे में विस्तार से जानें।

Festive demand, GST reforms could boost India's gold jewellery demand: Report
सोने-चांदी का भाव - फोटो : PTI
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विस्तार
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त्योहारी सीजन, सांस्कृतिक मांग और जीएसटी सुधार जैसे कारण भारत में सोने के आभूषणों की खरीदारी को बढ़ावा दे सकते हैं। पीली धातु की कीमतें पहले ही रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। मिराए एसेट म्यूचुअल फंड ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।

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आभूषणों की मांग के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन इस मामले में उत्प्रेरक की भूमिका निभाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों का आभूषणों की मांग में 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। उपभोक्ता खर्च में सुधार और प्रोत्साहन चीन में शहरी आभूषण खरीदारी को भी फिर से बढ़ावा दे सकते हैं। रिपोर्ट में एक चेतावनी भी दी गई है। मिराए एसेट म्यूचुअल फंड ने कहा है कि सोने के 3,500-3,600 डॉलर प्रति औंस से ऊपर होने के कारण मांग पर असर भी पड़ सकता है। 
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मिराए एसेट ने रिपोर्ट में कहा, "हमें उम्मीद है कि सोना मौजूदा स्तर से आगे बढ़ेगा और हम सतर्क रूप से आशावादी बने रहेंगे।" विश्व स्वर्ण परिषद की हालिया टिप्पणी के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने ने अगस्त 2025 में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और महीने के अंत में 3,429 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। इसमें मासिक आधार पर 3.9 प्रतिशत की वृद्धि दिखी। 2025 में अब तक सोने में 31 फीसदी की वृद्धि हुई है। 

बाजार के आंकड़ों से पता चलता है कि पीली धातु अब 3,700 डॉलर प्रति औंस से थोड़ा ऊपर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। डब्ल्यूजीसी ने बताया कि कमजोर डॉलर, सोने के सर्मर्थन वाले ईटीएफ में मजबूत प्रवाह और लगातार भू-राजनीतिक तनाव के कारण अगस्त में सोने में तेजी देखी गई थी।

मल्टी-कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स) पर कीमतें वर्तमान में लगभग 109,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हैं, और वर्ष 2025 की शुरुआत से एक प्रभावशाली उछाल है। चांदी के लिए, जो 2024 में 30 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर चुकी है और तब से गति बनाए हुए है, रिपोर्ट में कहा गया है, "रुझान संरचना रचनात्मक बनी हुई है; समर्थन क्षेत्रों में गिरावट रणनीतिक प्रवेश के अवसर प्रदान करती है।" औद्योगिक उपयोग चांदी की कुल मांग का लगभग 60 प्रतिशत है।

सेमीकंडक्टर निर्माण, 5G, IoT और AI डेटा केंद्रों के लिए चांदी जरूरी है। कुछ अनुमानों के अनुसार AI सर्वरों में भी संभावित रूप से चांदी का इस्तेमाल हो रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है, "बैटरी प्रौद्योगिकियों (चांदी-जस्ता, चांदी-आयन) और ऊर्जा भंडारण में उभरते अनुप्रयोग दीर्घकालिक मांग को मजबूत करते हैं।"

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