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Investment: उठता-गिरता बाजार, आर्बिट्राज फंड चुनते हैं समझदार

विरल भट्ट, फाउंडर, मनी मंत्रा Published by: लव गौर Updated Mon, 17 Nov 2025 06:21 AM IST
सार

अस्थिर, अनिश्चित या रेंज-बाउंड बाजार के समय आर्बिट्राज फंड खूब चमकते हैं, बीते एक साल में निवेश बढ़ा है

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Investment tips: Rising and falling markets make smart choices for arbitrage funds
आर्बिट्राज फंड खूब चमकते हैं, बीते एक साल में निवेश बढ़ा है - फोटो : अमर उजाला प्रिंट
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विस्तार
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नेहा के पास निवेश के लिए पैसे हैं। लंबा निवेश नहीं करना है। अगले साल जरूरत पर निकाल लेंगी। असमंजस में हैं। शेयरों में सीधे लगाना नहीं चाहतीं। रोज कौन हिसाब रखे। म्यूचुअल फंड? बीते छह महीनों से बाजार इस तरह झूल रहा है कि सिर चकरा जाता है। नवंबर तक 52 हफ्तों में निफ्टी का उतार-चढ़ाव (रिअलाइज्ड वॉलेटिलिटी) 12 से 16 फीसदी के बीच रहा है। मई में यह शिखर पर था। जनवरी से नवंबर के पहले सप्ताह तक इंडिया विक्स, यानी उतार-चढ़ाव का सूचकांक भी 11 अंकों से 18 अंकों के बीच घूम आया है।
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इतनी उठा-पटक में निवेश! कहां?  
नेहा के लिए आर्बिट्राज फंड बेहतर हैं। यह हाइब्रिड म्यूचुअल फंड होते हैं, जो दो अलग-अलग बाजार के बीच अंतर का लाभ उठाते हैं।

आर्बिट्राज का मतलब है
एक ही संपत्ति को एक बाजार (कैश/स्पॉट मार्केट) में सस्ती कीमत पर खरीदना और तुरंत (लगभग उसी समय) उसे दूसरे बाजार (फ्यूचर/डेरीवेटिव मार्केट) में महंगी कीमत पर बेच देना।
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शेयर बाजार की अस्थिरता में आर्बिट्रेज फंड चमकते हैं। एंफी के आंकड़े बताते हैं कि सबसे मजबूत निवेश अप्रैल, मई और जून में हुआ, जब बाजार में सबसे ज्यादा अस्थिरता थी। हर महीने 11,000 से 15,000 करोड़ रुपये आए। जुलाई के बाद निवेश घटा और सितंबर व अक्तूबर में निकासी दिखी, क्योंकि शॉर्ट-टर्म मुनाफा बुकिंग निकली।  आर्बिट्रेज फंड्स का AUM दो लाख करोड़ से बढ़कर जून में 2.85 लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया, अब अक्तूबर तक 2.8 लाख करोड़ रुपये के आसपास स्थिर।  
 
यह फंड कैसे काम करता है?
  1. फंड मैनेजर कैश मार्केट में एक कंपनी के शेयर को मौजूदा कीमत पर खरीदता है।
  2. उसी समय, शेयर को फ्यूचर मार्केट में थोड़ी ऊंची कीमत पर बेच देता है।
  3.  कैश मार्केट की खरीद और फ्यूचर मार्केट में बिक्री के बीच का अंतर लाभ होता है।
  4. दोनों पोजीशन संतुलित, बाजार ऊपर जाए या नीचे, फंड का जोखिम लगभग शून्य।

उदाहरण से समझते हैं:
  • फंड मैनेजर ने कैश मार्केट में SBI का शेयर 950 रुपये में लिया।
  • उसी समय, फ्यूचर मार्केट में SBI का अगले महीने का कॉन्ट्रैक्ट 960 रुपये पर बिक रहा है।
  • मैनेजर ने फ्यूचर में बेच दिया। मुनाफा 10 रुपये।
आर्बिट्राज फंड के मुख्य फायदे

जोखिम: बहुत कम जोखिम। खरीद-बिक्री एक साथ, इसलिए बाजार के उतार-चढ़ाव का खतरा लगभग शून्य।
रिटर्न: आमतौर पर लिक्विड फंड या बैंक एफडी से बेहतर हो सकता है। अधिक अस्थिरता, ताे अधिक लाभ।
टैक्स लाभ: 1 साल से पहले बेचने पर: STGC 20% n एक साल बाद बेचने पर: LTCG (1.25 लाख तक लाभ टैक्स-फ्री, उसके बाद 12.5% टैक्स)।
उपयोगिता: शॉर्ट-टर्म (3 महीने से 1 साल) के लिए पैसे पार्क करने के लिए बेहतरीन, जहां कम जोखिम के साथ बैंक FD से बेहतर रिटर्न और टैक्स लाभ मिल सकता है।

मुख्य आर्बिट्रेज फंड AUM और रिटर्न (नवंबर, 2025)
फंड का नाम  AUM (करोड़ रुपये) पिछले 6 महीने का निवेश फ्लो 3 साल का CAGR (%)
कोटक इक्विटी आर्बिट्रेज फंड 54,915 निवेश आया, उतार-चढ़ाव वाला 7.94%
 
एसबीआई आर्बिट्रेज ऑपर्च्युनिटीज फंड 41,552 निवेश आया, उतार-चढ़ाव वाला  7.82%
इन्वेस्को इंडिया आर्बिट्रेज फंड  27,022 स्थिर बढ़ोतरी, निवेश आया  7.93%
आदित्य बिड़ला एसएल आर्बिट्रेज फंड 23,581 निवेश आया  7.85%
निप्पॉन इंडिया आर्बिट्रेज फंड 15,516 निवेश आया 7.75%
 
यूटीआई आर्बिट्रेज फंड  9,167  स्थिर, मध्यम निवेश 7.77%
नोट: तीन साल का CAGR 13 नवंबर, 2025 तक का। सोर्स-वैल्यू रिसर्च एंड फंड फैक्ट शीट


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जानना जरूरी है  

किसे आर्बिट्राज फंड चुनना चाहिए?
  • बाजार के झटकों से बचते हुए, बैंक बचत से बेहतर रिटर्न पाने के लिए अच्छा।
  • शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टर (3-12 माह), जो अपना पैसा सुरक्षित ढंग से पार्क करना चाहते हैं।
  • सतर्क निवेशक, जिनकी प्राथमिकता ऊंचा रिटर्न नहीं, बल्कि स्थिरता है।  
  • जो इक्विटी-जैसे टैक्स लाभ के साथ कम जोखिम चाहते हैं।
  • अस्थिर या अनिश्चित माहौल में पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करने वाले।

आर्बिट्राज फंड, पोर्टफोलियो में इसका कितना हिस्सा
  • मध्यम जोखिम वाले निवेशक: पोर्टफोलियो का 5-10 फीसदी।
  • ज्यादा सुरक्षा चाहने वाले निवेशक: 15-20 प्रतिशत।
  • आक्रामक निवेशक:  करीब 5 फीसदी।  

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 जोखिमों को भी समझ लें
  • शांत बाजार में आर्बिट्राज अवसर कम, रिटर्न लिक्विड फंड (5-6%) के समान हो सकता है।
  • एक्टिव ट्रेडिंग और हेजिंग से ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ती है, जिससे शुद्ध यील्ड कम हो सकती है।
  • कई फंड्स 30-60 दिनों के भीतर रिडीम पर एग्जिट लोड लगाते हैं।  
  • छोटा हिस्सा डेट या मनी-मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में लगा हो सकता है, क्रेडिट और तरलता का जोखिम।
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