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Semiconductor: भारत में बनेगी दुनिया की सबसे छोटी सेमीकंडक्टर चिप, वैष्णव ने डिजाइन केंद्रों का किया उद्घाटन
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Tue, 13 May 2025 09:14 PM IST
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सार
जापानी कंपनी रेनेसास ने भारत में सेमीकंडक्टर चिप बनाने के दो केंद्र खोले हैं। अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को नोएडा और बंगलूरू में जापानी कंपनी रेनेसास के नए सेमीकंडक्टर डिजाइन केंद्रों का उद्घाटन किया।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव
- फोटो : एक्स/@PIB_India
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विस्तार
सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे भारत में अब दुनिया की सबसे छोटी 3 नैनोमीटर की चिप तैयार होगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को नोएडा और बंगलूरू में जापानी कंपनी रेनेसास के नए सेमीकंडक्टर डिजाइन केंद्रों का उद्घाटन किया। यह पहली बार है जब भारत में तीन नैनोमीटर चिप डिजाइन की जाएगी।

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वैष्णव ने कहा, रेनेसास के इस केंद्र की मुख्य बात यह है कि पहली बार सबसे उन्नत तीन नैनोमीटर चिप को पूरी तरह भारत में तैयार किया जाएगा। यह एक मील का पत्थर है जो भारत को सेमीकंडक्टर इनोवेशन की वैश्विक लीग में मजबूती से स्थापित करता है। उन्होंने कहा, 3 नैनोमीटर पर डिजाइन करना वास्तव में अगली पीढ़ी है। हमने पहले 7 और 5 नैनोमीटर पर काम किया है। लेकिन यह एक नई सीमा तय करता है।
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वैष्णव ने डिजाइन, निर्माण, एटीएमपी (असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग), उपकरण, रसायन और गैस आपूर्ति शृंखलाओं को शामिल करते हुए भारत की समग्र सेमीकंडक्टर रणनीति के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने दावोस जैसे वैश्विक मंचों पर उद्योग के आत्मविश्वास का हवाला दिया और एप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च जैसी कंपनियों द्वारा पहले से किए जा रहे महत्वपूर्ण निवेश का उल्लेख किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, उत्तर प्रदेश में इस प्रमुख सेमीकंडक्टर डिजाइन सेंटर का उद्घाटन एक अखिल भारतीय इकोसिस्टम विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है जो देश भर में उपलब्ध समृद्ध प्रतिभा का उपयोग करता है। सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को और मजबूत करने के लिए, केंद्र सरकार भारत में सेमीकंडक्टर डिजाइन केंद्रों के विकास को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही है।
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तीन साल के भीतर ही भारत सेमीकंडक्टर उद्योग के वैश्विक केंद्र में बदल गया
वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए का कि उनके व्यापक आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के तहत सेमीकंडक्टर को एक रणनीतिक फोकस क्षेत्र के रूप में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा, सिर्फ तीन साल के भीतर ही भारत का सेमीकंडक्टर उद्योग एक नवजात अवस्था से निकलकर एक उभरते हुए वैश्विक केंद्र में बदल गया है और अब यह दीर्घकालिक, टिकाऊ विकास के लिए तैयार है। स्मार्टफोन, लैपटॉप, सर्वर, चिकित्सा उपकरण, रक्षा उपकरण, ऑटोमोबाइल और कई अन्य क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्माण के साथ, सेमीकंडक्टर की मांग तेजी से बढ़ने वाली है। इसलिए, सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास के लिए यह गति समयोचित है।
तीन समझौते भी हुए
रेनेसास ने सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। मीटीई चिप्स टू स्टार्टअप (सी2एस) कार्यक्रम के तहत दो समझौता ज्ञापनों (एमओयू) का आदान-प्रदान किया। ये समझौते स्थानीय स्टार्टअप को तकनीकी उन्नति को आगे बढ़ाने और मेक इन इंडिया पहल के साथ स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने में सक्षम बनाकर उनका समर्थन करने पर केंद्रित है। समझौता ज्ञापन छात्रों के बीच एक अभिनव, उत्पाद-केंद्रित मानसिकता को बढ़ावा देकर उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा।