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NPS या UPS: कर्मचारी किसे चुनें और कैसे चुनें? सरकार का दावा- यह बेहतर विकल्प; जानिए विशेषज्ञों की राय

तारेश भाटिया, फाइनेशियल प्लानर और संस्थापक, द रिचनेस अकादमी Published by: शिवम गर्ग Updated Mon, 13 Oct 2025 06:52 AM IST
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NPS or UPS: Which Pension Should Employees Choose? Expert Advice and Comparison Guide
सांकेतिक तस्वीर - फोटो : Freepik
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रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा सबको चाहिए। सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) पहले से उपलब्ध है। कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन देने के लिए सरकार ने हाल ही में एक नई पेंशन योजना यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) शुरू की है।


सरकार का दावा है कि यह पहले शुरू की गई NPS का बेहतर विकल्प है। इसमें पुरानी पेंशन योजना की तरह सुनिश्चित पेंशन का लाभ मिल रहा है। फिर भी कर्मचारी अनमने हैं। 30 सितंबर 2025 UPS को चुनने का आखिरी दिन था। तब तक 24 लाख केंद्रीय कर्मचारियों में से करीब 1 लाख ने ही इसे चुना।
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कई बदलावों के बाद भी कर्मचारी UPS को लेकर असमंजस में हैं। सरकार भी कर्मचारियों को विचार करने लिए मौके पर मौके दे रही है। UPS को चुनने की तारीख तीसरी बार बढ़ाई गई है। कर्मचारी अब 30 नवंबर तक इसे चुन सकते हैं।

UPS के फायदे
  • 10 वर्ष की सेवा पर न्यूनतम 10,000 रुपये/महीना पेंशन। 
  • सुनिश्चित भुगतान पर महंगाई राहत (डीए की तरह), मृत्यु पर साथी को पारिवारिक भुगतान 60% की दर से।
  • लाभ/सेवा कार्यकाल से जुड़ी अतिरिक्त एकमुश्त राशि, जो सुनिश्चित भुगतान से अलग है।
  • सेवानिवृत्ति से एक साल पहले तक UPS से NPS में वन-टाइम, वन-वे स्विच की सुविधा।
  • ज्यादा योगदानः 10% (कर्मचारी) 10% (सरकार) 8.5% (पूल कॉर्मस)
  • निवेश, रिटर्न और निकासी पर कर प्रोत्साहन।
कुछ नुकसान भी है
  • सुनिश्चित भुगतान सेवा शतों के अधीन है।
  • वॉलंटरी रिटायरमेंट नियम भुगतान शुरू होने की तारीख में बदलाव कर सकते हैं।
  • त्यागपत्र या बखस्तिगी से पेंशन के लिए अयोग्य।
  • अगर आपका चुना हुआ निवेश बेंचमार्क कॉर्पस (BC) से कम प्रदर्शन करता है, तब इस अंतर को पूरा करने की जरूरत हो सकती है।
  • कर्मचारियों को इंडिविजुअल कॉपर्स पर नियंत्रण मिलेगा, पूल कॉर्पस पर पूरा नियंत्रण सरकार का होगा।
  • अधिकतम 60 फीसदी तक एकमुश्त निकासी की सुविधा, लेकिन कर छूट को स्पष्टता नहीं।
NPS के लाभ
  • इक्विटी व डेट को चुनने की पूरी आजादी।
  • नौकरी या सेक्टर बदलने पर आसान पोटेबिलिटी। अधिकांश जगह NPS लागू।
  • इक्विटी और बॉन्ड के जरिये लंची अवधि में बड़े कॉर्पस की संभावना। कई विकल्प चुनने की सुविधा। 
  • अधिकतम 60% राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है, जो कर मुक्त है।
  • निवेश, रिटर्न और निकासी पर टैक्स प्रोत्साहन।
  • NPS खातों पर 24 घंटे ऑनलाइन निगरानी।
क्या है कमी
  • महंगाई राहत शामिल नहीं, पेंशन की कोई गारंटी नहीं। सेवानिवृत्ति आय बाजार के प्रदर्शन, योगदान और
  • बाहर निकलने पर एन्युटी रेट पर निर्भर।
  • योगदान UPS की तुलना में कमः 10% (कर्मचारी) +14% (सरकार)।
  • पारिवारिक लाभ एन्यूटी पर निर्भर।
  • असेट-मिक्स का खराब विकल्प या गलत बदलाव कम्पाउंडिंग लाभ को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • पेंशन प्रचलित एन्यूटी बील्ड पर आधारित होगी, जिसमें उतार-चढ़ाव आ सकता है।
यूपीएस में क्या हैं आईसी, बीसी
IC Individual Corpus: यह पेंशनधारक का व्यक्तिगत कोष है। इसमें पेंशन धारक और सरकार का मासिक योगदान, और निवेश से मिलने वाले व्याज रिटर्न जुड़ते हैं। यह कॉर्पस रिटायरमेंट के मौके पर पेंशनधारक की चचत का कुल संग्रह बताता है।
BC: Benchmark Corpus: यह मानक कोष है काल्पनिक कॉर्पस। पेंशन फंड रेगुलेटर PFRDA डिफॉल्ट निवेश पैटर्न (जैसे 15% शेपर, 85% बॉन्ड) के आधार पर इसकी गणना करता है। पेंशनधारक नियमित योगदान दें, तो IC और BC बराबर हो जाते हैं अगर IC की संग्रह BC से कम है, तो पेंशन में कमी होती है।

एक्सपर्ट बोले... चूंकि रिटायरमेंट के बाद मासिक खर्च पूरे करने के लिए नियमित आय की आवश्यकता होती है। इसलिए यूपीएस एक बेहतर उत्पाद है, जो पूर्व अनुमानित और हर महीने न्यूनतम निश्वित पेंशन प्रदान करता है। अगर कोई कर्मचारी जोखिम लेने को तैयार है या उनके पारर कमी को पूरा करने के लिए अन्य फंड मौजूद हैं, तो ऐसे कर्मचारी एनपीएस में बने रह सकते हैं। बलवंत जैन, टैक्स एवं इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट
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