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रिपोर्ट: इलेक्ट्रिक क्रांति की रफ्तार तेज, 44 शहरों में पुरानी गाड़ियों की जगह ईवी से बचेगा 51 अरब लीटर ईंधन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शुभम कुमार
Updated Sat, 26 Apr 2025 06:34 AM IST
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सार
10 लाख की आबादी वाले 44 शहरों में पुरानी गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने से 2035 तक 51 अरब लीटर से अधिक पेट्रोल और डीजल की बचत की जा सकेगी। पूर्ण रूप से ईवी अपनाने से 2035 तक हर दिन 11.5 टन पीएम 2.5 उत्सर्जन से बचा जा सकता है।

इलेक्ट्रिक गाड़ियां
- फोटो : एजेंसी

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विस्तार
देश के कम-से-कम 10 लाख की आबादी वाले 44 शहरों में पुरानी गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने से 2035 तक 51 अरब लीटर से अधिक पेट्रोल और डीजल की बचत की जा सकेगी। इससे भारत का तेल आयात बिल अनुमानित रूप से 9.17 लाख करोड़ रुपये (106.6 अरब डॉलर) कम हो जाएगा। द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के नए अध्ययन में कहा गया है कि इन 44 बड़े शहरों में पुराने वाहनों की संख्या 2030 तक बढ़कर 75 लाख पहुंच जाएगी। 2024 में इनकी संख्या 49 लाख थी। बड़े शहरों में वायु प्रदूषण में पुराने वाहनों की हिस्सेदारी सबसे अधिक है।
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ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में आएगी कमी
पूर्ण रूप से ईवी अपनाने से 2035 तक हर दिन 11.5 टन पीएम 2.5 उत्सर्जन से बचा जा सकता है। साथ ही, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 6.1 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर कमी आ सकती है। रिपोर्ट के लेखकों ने 2030 और 2035 के बीच 1.14 करोड़ वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की एक योजना प्रस्तावित की है।
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3.7 लाख रोजगार का होगा सृजन
टेरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, बड़े शहरों में पुरानी गाड़ियों को ईवी से बदलने या इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों के हाइब्रिड मॉडल को अपनाने से देश के ई-वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में करीब 3.7 लाख नए रोजगार का सृजन हो सकता है। लेखकों ने अपनी रिपोर्ट में कहा, अगर पुराने वाहनों में से आधे को सीएनजी गाडि़यों में परिवर्तित कर दिया जाए तो देश में लगभग 2,655 नए सीएनजी स्टेशन की जरूरत होगी और रोजगार के अनुमानित 45,000 नए अवसर बनेंगे।
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ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में आएगी कमी
पूर्ण रूप से ईवी अपनाने से 2035 तक हर दिन 11.5 टन पीएम 2.5 उत्सर्जन से बचा जा सकता है। साथ ही, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 6.1 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर कमी आ सकती है। रिपोर्ट के लेखकों ने 2030 और 2035 के बीच 1.14 करोड़ वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की एक योजना प्रस्तावित की है।
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3.7 लाख रोजगार का होगा सृजन
टेरी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, बड़े शहरों में पुरानी गाड़ियों को ईवी से बदलने या इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों के हाइब्रिड मॉडल को अपनाने से देश के ई-वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में करीब 3.7 लाख नए रोजगार का सृजन हो सकता है। लेखकों ने अपनी रिपोर्ट में कहा, अगर पुराने वाहनों में से आधे को सीएनजी गाडि़यों में परिवर्तित कर दिया जाए तो देश में लगभग 2,655 नए सीएनजी स्टेशन की जरूरत होगी और रोजगार के अनुमानित 45,000 नए अवसर बनेंगे।