Tariffs: USIBC ने ट्रंप-मोदी की टिप्पणियों का किया स्वागत, कहा- भारत यूएस व्यापार समझौते को जल्द दें अंतिम रूप
अमेरिका भारत व्यापार परिषद ने हाल में की गई ट्रंप और मोदी की सकारात्मक टिप्पणियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच सहयोग दशकों से बना हुआ है और इस साझेदारी को बनाए रखना दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों में हासिल की गई प्रगति को नहीं छोड़ा जाना चाहिए। खासकर तब जब दोनों देश जटिल वैश्विक चुनौतियों से जूझ रहे हैं।

विस्तार
यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी की सकारात्मक टिप्पणियों की सराहना की। परिषद ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के समय में मजबूत अमेरिका-भारत साझेदारी को सुरक्षित रखा जाना चाहिए।

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दोनों देशों के बीच 50 वर्षों का रिश्ता
यूएसआईबीसी ने कहा कि पिछले 50 वर्षों से वह दोनों देशों के बीच घनिष्ठ आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है। यह सहयोग नवाचार, रोजगार सृजन और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ावा देने वाले वातावरण के निर्माण में महत्वपूर्ण रहा है।
मतभेदों को सम्मानजनक चर्चा के माध्यम से सुलझाएं
द्विपक्षीय संबंधों की पिछली उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए यूएसआईबीसी ने बताया कि 25 वर्षों की साझेदारी के माध्यम से अमेरिका और भारत ने दिखाया है कि मतभेदों को निजी और पारस्परिक रूप से सम्मानजनक चर्चा के माध्यम से सुलझाया जा सकता है। इसमें कहा गया है कि वर्तमान गतिरोध को भी इसी भावना से निपटाया जाना चाहिए, क्योंकि बढ़ती भू-रणनीतिक प्रतिस्पर्धा के वर्तमान युग में दांव बहुत ऊंचे हैं।
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द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने पर जोर
परिषद ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों सरकारों को अब एक महत्वाकांक्षी द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए जरूरी कठोर निर्णय लेने होंगे। यूएसआईबीसी के अनुसार, ऐसा समझौता न केवल निवेशकों का विश्वास बहाल करेगा, बल्कि दोनों देशों के लिए समृद्धि भी लाएगा।
यूएसआईबीसी ने अपने बयान में कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपनी अर्थव्यवस्थाओं, अपने लोगों और अपने साझा मूल्यों के लिए अमेरिका-भारत साझेदारी को दोगुना करें।
सैकड़ों अग्रणी अमेरिकी और भारतीय कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले इस व्यापारिक निकाय ने दोनों देशों के बीच साझेदारी को समर्थन देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।