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Report: सब्जियों के भाव घटने से घर में पकाई जाने वाली शाकाहारी थाली 4% सस्ती, मांसाहारी थाली का ये है रेट
अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली
Published by: दीपक कुमार शर्मा
Updated Thu, 08 May 2025 04:35 AM IST
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सार
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, एक साल में टमाटर की कीमतें 34 फीसदी घट गई हैं। आलू के भाव 11 फीसदी और प्याज के भाव 6 फीसदी घटे हैं। हालांकि, खाद्य तेलों के दाम में 19 फीसदी और एलपीजी सिलेंडर की कीमत में छह फीसदी की तेजी ने थाली की कीमतों में और गिरावट को रोक दिया।

शाकाहारी थाली। (सांकेतिक तस्वीर)
- फोटो : Freepik

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विस्तार
सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट से घर में पकाई जाने वाली शाकाहारी थाली सालाना आधार पर अप्रैल में चार फीसदी सस्ती होकर 26.3 रुपये पर आ गई है। मासिक आधार पर इसमें एक फीसदी की कमी आई है।
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रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, एक साल में टमाटर की कीमतें 34 फीसदी घट गई हैं। आलू के भाव 11 फीसदी और प्याज के भाव 6 फीसदी घटे हैं। हालांकि, खाद्य तेलों के दाम में 19 फीसदी और एलपीजी सिलेंडर की कीमत में छह फीसदी की तेजी ने थाली की कीमतों में और गिरावट को रोक दिया।
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मांसाहारी थाली का भाव 53.9 रुपये
रिपोर्ट के अनुसार, मांसाहारी थाली सालाना आधार पर चार फीसदी और मासिक आधार पर दो फीसदी सस्ती होकर 53.9 रुपये पर आ गई है। चिकन और सब्जियों की कीमतों में गिरावट का असर मांसाहारी थाली पर दिखा है। मांसाहारी थाली में 50 फीसदी लागत अकेले चिकन की होती है। जबकि प्याज भी लागत में बहुत योगदान करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य तेलों की कीमतें अगले दो से तीन महीने में कम होने लगेंगी।
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तीन फीसदी से नीचे आ सकती है खुदरा महंगाई
इससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल के आंकड़ों में खुदरा महंगाई की दर तीन फीसदी से नीचे जा सकती है। इसके आंकड़े अगले हफ्ते जारी होंगे। पिछले कुछ समय से खाद्य वस्तुओं खासकर दालों और सब्जियों के भाव में भारी गिरावट आई है जिसका असर खुदरा महंगाई पर दिखेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, खुदरा महंगाई में कमी से आरबीआई को दरों में कटौती का और अवसर मिलेगा। जून में होने वाली बैठक में रेपो दर में ज्यादा कटौती हो सकती है। टमाटर, प्याज और आलू उत्पादक राज्यों में गर्मी में कमी आई है। टमाटर की खुदरा कीमत अगस्त, 2024 के बाद से सबसे कम हो गई है। यह अप्रैल, 2025 में सालाना आधार पर 34.4% कम हो गई है। आलू और प्याज की कीमतें अप्रैल, 2025 में सालाना आधार पर क्रमशः 11% और 5.7% घटी हैं।
चावल की खुदरा कीमत 4.1% घटी
चावल की खुदरा कीमत मार्च की तुलना में अप्रैल में 4.1% की घटी है। हालांकि, खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी आई हैं, पर यह खुदरा महंगाई को प्रभावित करने की स्थिति में नहीं हैं। टमाटर, प्याज और आलू की आवक में जबरदस्त से कीमतों में गिरावट है।
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खाद्य कीमतों में गिरावट बेहतर प्रबंधन का नतीजा
उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे ने कहा कि खाद्य कीमतों में जो गिरावट आ रही है वह सरकार के बेहतर प्रबंधन का नतीजा है। पिछले साल अलनीनो और भारी गर्मी की वजह से फसलों के उत्पादन और आवक पर असर पड़ा था। इससे महंगाई बढ़ी थी। हालांकि, पीली मटर और चना का आयात करना पड़ा जिससे उपलब्धता बढ़ गई। प्याज और दाल की कीमतों को कम करने के लिए सरकार ने सस्ते भाव पर ग्राहकों को बेचा। अब गर्मी सही है, बारिश का अनुमान अच्छा है तो दालों की पैदावार के साथ सब्जियों की भी कीमतें नियंत्रण में रहने की उम्मीद है।