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Vision IAS: विजन आईएएस पर 11 लाख जुर्माना, परीक्षा परिणामों को लेकर भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने का आरोप

ब्यूरो, नई दिल्ली। Published by: निर्मल कांत Updated Fri, 26 Dec 2025 04:54 AM IST
सार

Vision IAS: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने यूपीएससी परिणामों को लेकर भ्रामक विज्ञापन देने पर विजन आईएएस पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। जांच में पाया गया कि संस्थान ने छात्रों की सफलता को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया और यह नहीं बताया कि कई छात्र पूरे पाठ्यक्रम के नहीं थे।

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Vision IAS fined Rs 11 lakh for misleading advertisement
जुर्माना (प्रतीकात्मक तस्वीर) - फोटो : Adobe Graphics (अमर उजाला ग्राफिक्स)
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विस्तार
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केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के 2022 और 2023 के परिणामों के संबंध में वेबसाइट पर भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए विजन आईएएस (अजय विजन एजुकेशन प्रा.लि.) पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
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सीसीपीए की आयुक्त व उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया, वेबसाइट पर सीएसई-2023 के लिए लिखा था शीर्ष-10 में 7 और शीर्ष-100 में 79 चयनित। सीएसई-2022 में शीर्ष-50 में 39 छात्र चुने गए थे। इनके साथ सफल उम्मीदवार की फोटो और नाम भी लगाए गए थे। इससे लगता था कि ये सभी टॉपर्स संस्थान के फुल कोर्स वाले छात्र हैं। लेकिन असल में कई तो टेस्ट सीरीज या छोटे कार्यक्रम में थे।
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जानकारी छिपाई
संस्थान ने शुभम कुमार (यूपीएससी सीएसई-2020 में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले) के चुने गए विशिष्ट पाठ्यक्रम अर्थात जीएस फाउंडेशन बैच (कक्षा छात्र) का खुलासा तो किया, पर जानबूझकर अन्य सफल उम्मीदवारों के चुने गए पाठ्यक्रमों की जानकारी छिपा दी।

सिर्फ तीन उम्मीदवारों ने लिया दाखिला : सीसीपीए ने पाया कि संस्थान ने यूपीएससी सीएसई-2022 और 2023 में 119 से अधिक सफल उम्मीदवारों का दावा किया था। हालांकि, केवल तीन उम्मीदवारों ने फाउंडेशन कोर्स में दाखिला लिया था।

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उपभोक्ता हेल्पलाइन से 42 करोड़ वापस मिले
नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन की मदद से अप्रैल से दिसंबर के बीच 30 क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को 42.6 करोड़ रुपये की राशि वापस दिलाई गई है। इससे कई मामलों को कोर्ट तक जाने की जरूरत नहीं पड़ी। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, हेल्पलाइन के जरिये 63,800 से ज्यादा रिफंड से जुड़ी शिकायतें सुलझाई गईं। 2025 में 1.4 लाख से ज्यादा उपभोक्ता मामलों का निपटारा किया गया। 90,000 से अधिक सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुईं। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने 450 से ज्यादा नोटिस जारी किए और 2.13 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया। यह कार्रवाई भ्रामक विज्ञापनों और गलत डिजिटल तरीकों के खिलाफ की गई।  

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