सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Business ›   Business Diary ›   Which sector of India will be most affected by Trump's 26% tariff, and which sector will get relief?

US Tariffs Impact: भारत का कौन सा क्षेत्र ट्रंप के 27% टैरिफ से सबसे अधिक प्रभावित होगा, किस सेक्टर को राहत?

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Thu, 03 Apr 2025 01:04 PM IST
विज्ञापन
सार

US Tariffs Impact: ट्रंप ने अपने व्यापारिक साझेदारों पर 10% से 49% तक का जवाबी टैरिफ लगाने का एलान किया है। अमेरिका ने इस कड़ी में भारत पर भी 27% टैरिफ लगाने का एलान किया है। अमेरिकी टैरिफ के असर से भारत के निर्यात से जुड़े प्रमुख क्षेत्रों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों को जवाबी टैरिफ से फिलहाल तो राहत दी गई है, लेकिन उनका भविष्य भी अनिश्चत है। आइए विस्तार से जानें भारत पर अमेरिकी टैरिफ के असर से जुड़ा हर पहलू।

Which sector of India will be most affected by Trump's 26% tariff, and which sector will get relief?
नरेंद्र मोदी, डोनाल्ड ट्रंप। - फोटो : एएनआई (फाइल)
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को अमेरिका में बाहर से आकर बिकने वाली वस्तुओं पर जवाबी टैरिफ लगाने का एलान कर दिया। ट्रंप प्रशासन ने भारत पर भी पारस्परिक टैरिफ लगाया है। अमेरिकी सरकार ने बताया है कि भारत की ओर से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों पर 27% का एकसमान टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रंप ने अपने व्यापारिक साझेदारों पर 10% से 49% तक का जवाबी टैरिफ लगाने का एलान किया। हालांकि कुछ भारतीय चीजों के निर्यात पर अमेरिका ने जवाबी टैरिफ से छूट भी दी है। इस बारे में आगे जानेंगे, पहले जानते हैं अमेरिकी प्रशासन ने भारत के संदर्भ में क्या कहा है?

loader
Trending Videos


ये भी पढ़ें: US Tariffs: अमेरिका ने भारत पर 26 नहीं 27% का टैरिफ लगाया, ट्रंप की घोषणा और आधिकारिक आदेश में दर अलग-अलग

विज्ञापन
विज्ञापन

अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ का गणित क्या?

व्हाइट हाउस के एक बयान के अनुसार अमेरिका भारत से आने वाले यात्री वाहनों के आयात पर 2.5% टैरिफ लगाता है, जबकि भारत अमेरिकी गाड़ियों पर 70% टैरिफ लगाता है। भारतीय सेब को अमेरिका में बिना किसी शुल्क के प्रवेश प्रवेश की अनुमति है, लेकिन भारत अमेरिका से आने वाले सेबों पर 50% शुल्क लगाता है। चावल पर अमेरिका 2.7% शुल्क लगता है, जबकि भारत अमेरिका के चावल पर 80% टैरिफ लगाता है। अमेरिकी सरकार की ओर से जारी बयान में यह भी बताया गया कि नेटवर्किंग स्विच और राउटर पर अमेरिका 0% टैरिफ लगाता है, लेकिन भारत 10-20% तक का टैरिफ लगाता है। अमेरिका का भारत के साथ व्यापार घाटा 46 अरब डॉलर है।

अमेरिकी टैरिफ से भारत के कौन से क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होंगे?

अमेरिका के 27% के जवाबी टैरिफ से भारत के कई क्षेत्रों पर चुनौतीपूर्ण असर पड़ सकता है। करीब 14 अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद क्षेत्र और 9 अरब डॉलर से अधिक का रत्न और आभूषण क्षेत्र ट्रंप के ताजा टैरिफ वार से सबसे अधिक प्रभावित हो सकता है। हालांकि अमेरिका की ओर से घोषित  26% टैरिफ फिलहाल ऑटो पार्ट्स और एल्युमीनियम उत्पादों पर लागू नहीं होगा। इन उत्पादों पर ट्रंप की ओर से पूर्व में घोषित 25% टैरिफ ही लागू होगा। व्हाइट हाउस ने कहा कि फार्मास्यूटिकल उत्पाद, जिनका निर्यात मूल्य सरकारी आंकड़ों के अनुसार लगभग 9 अरब डॉलर हैं उन्हें फिलहाल जवाबी टैरिफ से छूट दी गई है। इसके अलावा ऊर्जा उत्पादों को भी टैरिफ से छूट प्रदान किया गया है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के अनुसार, भारत के ऑटोमोबाइल, रत्न व आभूषण, रसायन व फार्मास्यूटिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर वाशिंगटन क्रमशः 1.05%, 2.12%, 1.06% और 0.41% टैरिफ लगाता रहा है।


ये भी पढ़ें: PPF: पीपीएफ खातों में नॉमिनी का विवरण अपडेट करने या जोड़ने के लिए नहीं लगेगा कोई शुल्क, जानें इस बारे में

भारत और अन्य देश एक दूसरे पर कितना औसत टैरिफ लगाते हैं?

अन्य एशियाई देशों पर ट्रंप ने कितना टैरिफ लगाया?

एशियाई देशों की बात करें तो अमेरिका ने चीन पर 34% पारस्परिक कर लगाया है। ट्रंप प्रशासन ने जापान के निर्यात पर 24%, थाईलैंड पर 36%, बांग्लादेश पर 37%, मलेशिया पर 24%, ताइवान पर 32%, दक्षिण कोरिया पर 25% और वियतनाम पर 46% जवाबी टैरिफ का एलान किया है सबसे अधिक है। अमेरिका ने यूरोपीय संघ पर 20 प्रति टैरिफ लगाने का एलान किया है। व्हाइट हाउस के बयान में कहा गया है कि भारत ने रसायन, दूरसंचार उत्पादों और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों में अत्यधिक बोझिल और दोहराव से भरे परीक्षण और सर्टिफिकेशन कानून लागू कर रखे हैं, जिससे अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत में अपने उत्पाद बेचना कठिन और महंगा हो जाता है। बयान में कहा गया है, "यदि ये बाधाएं हटा दी जाएं तो अनुमान है कि अमेरिकी निर्यात में प्रतिवर्ष कम से कम 5.3 बिलियन डॉलर की वृद्धि होगी।"

अब जानते हैं अमेरिकी टैरिफ का भारतीय निर्यात के किस क्षेत्र पर क्या असर पड़ेगा?

1. फार्मास्युटिकल्स

भारत के फार्मास्यूटिकल्स सेक्टर को फिलहाल 27% की जवाबी टैरिफ से बाहर रखा गया है, लेकिन इस क्षेत्र में भी अनिश्चितता बनी हुई है। फार्मास्यूटिकल सेक्टर भारत के अमेरिका को किए जाने वाले निर्यात में लगभग 12.2 अरब डॉलर का योगदान देता है। इस क्षेत्र को फिलहाल टैरिफ के प्रभाव से बचा लिया गया है। प्रमुख भारतीय फार्मास्यूटिकल कंपनियों के लिए यह राहत की बात है। भारतीय दवा कंपनियों के लिए अमेरिका एक महत्वपूर्ण बाजार बना हुआ है। हालांकि, विश्लेषक भविष्य में टैरिफ में होने वाले किसी भी संशोधन की आशंका के बारे में सतर्क हैं। 

ब्रोकरेज हाउस बर्नस्टीन ने हेल्थकेयर सेक्टर पर टैरिफ के सीमित प्रतिकूल प्रभावों को देखते हुए इस क्षेत्र में वृद्धि की उम्मीद जताई है। वहीं सीएलएसए ने कहा है, फार्मा इंडस्ट्री को टैरिफ से छूट मिली है इसलिए इसकेस्टॉक में सुधार की उम्मीद है। पहले से इस क्षेत्र के उत्पादों पर 10% टैरिफ लगाया जा रहा है। वहीं, ब्रोकरेज हाउस जेफरीज ने कहा है कि अभी के लिए भारतीय फार्मा सेक्टर पर ट्रंप के जवाबी टैरिफ का न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा लेकिन भविष्य में किसी अतिरिक्त टैरिफ से इनकार नहीं किया जा सकता है। अमेरिका में कारोबार करने वाले जेनेरिक फार्मा कंपनियों के शेयरों में तेजी दिख सकती है। ब्रोकरेज हाउस सिटी ने कहा, "हम छूट को सकारात्मक मानते हैं, हालांकि यह छूट कब तक जारी रहेगी इस अवधि के बारे में अनिश्चितता बरकरार है।

2. ऑटोमोबाइल

ऑटोमोबाइल उद्योग की अमेरिका को भारत के कुल निर्यात में लगभग 3% हिस्सेदारी है। ट्रंप के ताजा टैरिफ से इस सेक्टर को झटका लगने की उम्मीद है। मैक्वेरी ने कहा, "27% का व्यापक टैरिफ अमेरिकी बाजार में भारतीय ऑटोमोबाइल निर्यात की मांग और प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करेगा। इससे उत्पादन लागत में वृद्धि, संभावित छंटनी और आपूर्ति शृंखला में व्यवधान का खतरा पैदा हो सकता है।" 

3. विनिर्माण और सामान्य निर्यात

भारत का व्यापक विनिर्माण क्षेत्र को 27% टैरिफ के बोझ से संघर्ष करना पड़ेगा। मैक्वेरी के अनुसार, "बढ़ी हुई लागत अमेरिकी बाजार में भारत से निर्यात होने वाले विनिर्माण क्षेत्र की वस्तुओं की प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करेगी। इस हालत में इन कंपनियों की वृद्धि भी धीमी पड़ सकती है। इससे जीडीपी पर 50 आधार अंकों तक का प्रभाव पड़ सकता है।"

4. आईटी और सेवा क्षेत्र

अमेरिका का जवाबी बहुत हद तक भौतिक वस्तुओं पर केंद्रित हैं, जिसका अर्थ है कि भारत का आईटी और सेवा क्षेत्र टैरिफ के असर से काफी हद तक अछूता रह सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप प्रशासन का ताजा टैरिफ विवेकाधीन खपत को प्रभावित कर सकता है। अमेरिका की ओर से जवाबी टैरिफ के एलान के बाद शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर हुआ और बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच 85.69 रुपये के करीब कारोबार करता दिखा। बर्नस्टीन के अनुसार आईटी क्षेत्र पर सबसे बड़ा असर अमेरिका में लोगों की खपत में गिरावट आने से पड़ेगा। अमेरिकी व्यय में गिरावट से भारतीय आईटी फर्मों पर असर देखने को मिल सकता है, क्योंकि यह क्षेत्र अमेरिकी बाजार पर बहुत अधिक निर्भर हैं। 

भारत के लिए अब आगे क्या रास्ता है?

फरवरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका ने व्यापार समझौता करने और टैरिफ पर गतिरोध को जल्द से जल्द सुलझाने पर सहमति व्यक्त की थी। इस बीच ट्रंप प्रशासन ने कई बार दावा किया कि भारत  23 अरब डॉलर से अधिक की अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ में पर्याप्त कटौती कर सकता है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत सरकार की एक आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रम्प की ओर से चीन पर उच्च टैरिफ लगाए जाने के कारण, जिन क्षेत्रों में भारत अमेरिका को निर्यात में बाजार हिस्सेदारी हासिल कर सकता है, उनमें कपड़ा, परिधान और जूते जैसे उत्पाद शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत को लोहा और इस्पात उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने का भी अवसर मिलेगा। चीन पर भारत की तुलना में अधिक टैरिफ लगाया गया है। ऐसे में भारत अपनी विनिर्माण क्षमता इस्तेमाल कर अमेरिकी बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ा सकता है।

भारत और अमेरिका अब तक एक-दूसरे पर कितना टैरिफ लगाते रहे हैं?

अमेरिकी टैरिफ पर वाणिज्य मंत्रालय ने क्या प्रतिक्रिया दी?

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने भी डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के जवाबी टैरिफ पर प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति ने पारस्परिक शुल्क पर एक कार्यकारी आदेश जारी किया है, जिसके तहत सभी व्यापारिक साझेदारों से आयात पर 10% से 50% तक टैरिफ लगाया जाएगा लगाया जाएगा। 10% का आधारभूत शुल्क 05 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा और शेष शुल्क 09 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा। अमेरिकी प्रशासन के कार्यकारी आदेश के अनुलग्नक I के अनुसार भारत पर 27% टैरिफ लगाया गया है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा है, "हम अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से की गई घोषणाओं के निहितार्थों की सावधानीपूर्वक जांच कर रहे हैं। विकसित भारत के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, विभाग भारतीय उद्योग और निर्यातकों सहित सभी हितधारकों के साथ संपर्क में है और टैरिफ के बारे में उनके आकलन पर प्रतिक्रिया ले रहा है। हम स्थिति का आकलन कर रहे हैं। विभाग अमेरिकी व्यापार नीति में इस नए बदलाव के कारण पैदा हुए अवसरों का भी अध्ययन कर रहा है।"

विज्ञापन
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें कारोबार समाचार और Union Budget से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। कारोबार जगत की अन्य खबरें जैसे पर्सनल फाइनेंस, लाइव प्रॉपर्टी न्यूज़, लेटेस्ट बैंकिंग बीमा इन हिंदी, ऑनलाइन मार्केट न्यूज़, लेटेस्ट कॉरपोरेट समाचार और बाज़ार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed