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Copper: तांबे में उछाल जारी रहेगा या लगेगी ब्रेक? जानें 2026 की पहली छमाही तक कीमतों में होगा कितना बदलाव

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Fri, 26 Dec 2025 01:47 PM IST
सार

आपूर्ति की कमी और मजबूत वैश्विक मांग के चलते तांबे की कीमतों में तेजी 2026 की पहली छमाही तक बनी रह सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार घरेलू बाजार में भाव 1,300-1,350 रुपये प्रति किलो तक पहुंचने के आसार हैं। आइए विस्तार से जानते हैं। 

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Will copper prices continue to rise or will they take a break? Find out how prices will change by 2026
तांबे के बर्तन - फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
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वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही तक तांबे (कॉपर) की कीमतों में तेजी का रुझान जारी रह सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक स्तर पर आपूर्ति की लगातार चुनौतियों, नई खदानों की सीमित क्षमता और प्रमुख उपभोक्ता क्षेत्रों में मांग में सुधार के चलते यह स्थिति देखने को मिल सकती है। 

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2025 में तांबा करीब 40% चढ़ चुका है

केडिया एडवाइजरी के संस्थापक और निदेशक अजय सुरेश केडिया ने कहा कि 2025 में अब तक तांबा करीब 40 फीसदी चढ़ चुका है। उनके मुताबिक, तांबा के लिए हालात अभी भी मजबूत बने हुए हैं। एलएमई पर कीमतें 13,500 डॉलर प्रति टन तक जा सकती हैं, जबकि घरेलू बाजार में 2026 की पहली छमाही में भाव 1,350 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकते हैं।

घेरलू बाजार में तांबा की कीमत

फिलहाल घरेलू बाजार में तांबा 1,150-1,170 रुपये प्रति किलोग्राम और वैश्विक बाजार में करीब 12,100 डॉलर प्रति टन के आसपास कारोबार कर रहा है।

केडिया ने कहा कि फिजिकल मार्केट के संकेत भी मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भौतिक मांग में सुधार दिख रहा है, प्रीमियम बढ़ रहे हैं और सप्लाई साइड की चिंताएं बनी हुई हैं। सिल्वर-कॉपर रेशियो को देखें तो 2026 के लिए तांबा अगला बड़ा विजेता बन सकता है। 

अमेरिका की वृद्धि से कॉपर-इंटेंसिव सेक्टरों को सपोर्ट मिला

इसी बीच, केडिया एडवाइजरी के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट अमित गुप्ता ने कहा कि अमेरिका की मजबूत आर्थिक वृद्धि से कॉपर-इंटेंसिव सेक्टरों को सपोर्ट मिला है। उन्होंने बताया कि वर्षों से कम निवेश, खदानों में व्यवधान और चीनी स्मेल्टर्स द्वारा प्रस्तावित उत्पादन कटौती ने आपूर्ति पर दबाव बढ़ाया है।

वैश्विक खदानों से जुड़े व्यवधानों ने आपूर्ति को सीमित किया

उनके अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहन, रिन्यूएबल एनर्जी, पावर ग्रिड और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर से दीर्घकालिक मांग मजबूत बनी हुई है। कोटक सिक्योरिटीज के कमोडिटी एनालिस्ट रितेश कुमार साहू ने कहा कि इंडोनेशिया, चिली और पेरू में खदानों से जुड़े व्यवधानों ने वैश्विक आपूर्ति को और सीमित कर दिया है। उन्होंने बताया कि इसका असर पूरी सप्लाई चेन पर दिख रहा है और चीनी स्मेल्टर्स को 2026 के लिए शून्य ट्रीटमेंट और रिफाइनिंग चार्ज स्वीकार करने पड़ रहे हैं।

भविष्य में तंबे की कीमत ₹1,300 प्रति किलो पर पहुंच सकती है

एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट सुभ्रानिल डे ने भी तेजी का अनुमान जताते हुए कहा कि निकट भविष्य में तांबे की कीमतें 1,300 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर तक जा सकती हैं।

ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल के संस्थापक सदस्य और पूर्व चेयरमैन अनंत पद्मनाबन के मुताबिक, निवेशकों का रुझान भी धातुओं की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि लोग कॉपर-टू-गोल्ड रेशियो पर नजर रख रहे हैं। डॉलर में भरोसा घटने से निवेशक मेटल्स की ओर शिफ्ट हो रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक इक्विटी और प्रॉपर्टी बाजारों में अस्थिरता बढ़ती है, तो तांबे को सुरक्षित निवेश विकल्प के तौर पर और समर्थन मिल सकता है।


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