Punjab News: दिल्ली महापंचायत में पहुंचे पंजाब के 10 हजार किसान, कहा- जारी रहेगी एमएसपी की लड़ाई
दिल्ली में आयोजित किसान महापंचायत में पंजाब से 10 हजार किसान पहुंचे। किसानों ने सीमा पर बैरिकेडिंग कर दिल्ली आने से रोकने पर अपना विरोध जताया। किसानों का कहना है कि 22 जनवरी के बाद से केंद्र ने कोई बातचीत नहीं की है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की लड़ाई जारी रहेगी।
 
                            विस्तार
दिल्ली के रामलीला मैदान में गुरुवार को किसानों की महापंचायत में पंजाब से करीब 10 हजार किसान पहुंचे। महापंचायत में पहुंचे किसान संगठन के नेताओं ने कहा कि एमएसपी की मांग को लेकर उनका संघर्ष जारी रहेगा। इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसान की मांगों को लेकर कोई उचित कदम नहीं उठा रही है, यहां तक कि 22 जनवरी के बाद से किसान संगठनों से मांगों को लेकर कोई बातचीत भी नहीं की।
 
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने हरियाणा कृषि विवि की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि हर साल एक किसान पर 21,376 रुपये का कर्जा चढ़ता है। किसानों को अपनी फसलों पर 2000 से 2015 तक एमएसपी से 45 लाख करोड़ रुपये कम मिले हैं। आज हरियाणा-पंजाब का युवा अपनी जमीन बेचकर विदेश जा रहा है। हम देश को बचने के लिए लड़ रहे हैं।
किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि सरकार ने किसानों को बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की कीले लगाकर दिल्ली आने से रोका। हम उन्हें गांव में आने से रोकेंगे। किसानों ने महापंचायत में एमएसपी, ऋण माफी समेत 16 सूत्री मांगों को दोहराया।
हमारी मांगें जायज, अमीर बनने के लिए नहीं जिंदा रहने के लिए एमएसपी: चढ़ूनी
गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि किसान और मजदूरों की मांगें जायज है। वे अमीर बनने के लिए नहीं बल्कि जिंदा रहने के लिए एमएसपी और मजदूरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। वे शांतिपूर्वक और खाली हाथ दिल्ली जा रहे हैं। सरकार से केवल इतनी गुजारिश है कि किसान-मजदूरों की मांगें मान ली जाएं। मांगें माने जाने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इसी को लेकर आज एसकेएम के आह्वान पर सभी किसान संगठन और मजदूर दिल्ली में महापंचायत में इकट्ठा हो रहे हैं। इस महापंचायत में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने महापंचायत में कहा कि जब केंद्र सरकार किसानों से बातचीत के लिए ही तैयार नहीं है तो उनकी मांगों को क्या पूरा करेंगे। केंद्र सरकार केवल दावे करती है, जबकि किसान देश का अन्नदाता है। उनका यूं सड़कों पर प्रदर्शन करना सरकार की नीतियों पर सवाल उठाता है।
टैक्स पॉलिसी में सरकार बदलाव कर दे सकती है एमएसपी
नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटेकर ने कहा कि किसानों को न्यूनतम मूल्य भी नहीं देने वाली सरकार, उद्यमियों को अधिकतम मुनाफा करा रही है। किसान को अपनी चीजों का सही दाम चाहिए और हर चीज पर चाहिए। देश की टैक्स पॉलिसी में सरकार बदलाव करे तो बड़े उद्योगपतियों से मिलने वाले टैक्स से किसानों को आसानी से एमएसपी दिया जा सकता है।
देश की टैक्स पॉलिसी पर संयुक्त किसान मोर्चा भी अपना बयान जारी करे। किसान संगठनों द्वारा 23 मार्च को देश के सभी गांवों में लोकतंत्र बचाओ दिवस मना कर लखीपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध किया जाएगा। महापंचायत के लिए गुरुवार को पंजाब और हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों से किसानों का जत्था ट्रेन से दिल्ली रवाना हुआ। वहीं, कई जत्थे अपनी-अपनी गाड़ियों से महापंचायत में शामिल होने गए। रवानगी से पहले किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और किसान-मजदूर एकता के नारे लगाए। किसानों ने ट्रेन में भी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
डल्लेवाल और पंधेर ग्रुप नहीं हुए शामिल
चढ़ूनी ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी किसान संगठनों को दिल्ली महापंचायत का न्योता दिया। इसमें उनका संगठन और किसानों की मांगों का समर्थन करता है। डल्लेवाल और पंधेर ग्रुप को इसमें शामिल होने का न्योता दिया गया था लेकिन उनके संगठन इसमें शामिल नहीं हुआ है। उनसे भी यही अनुरोध है कि सभी एक साथ इकट्ठे होकर अपनी मांग सरकार के समक्ष रखेंगे तो सरकार पर उसका प्रभाव ज्यादा पड़ेगा। सब किसान संगठन की बात वजनदार होगी। रामलीला मैदान में महापंचायत में किसानों ने कहा कि एमएसपी की लड़ाई जारी रहेगी।