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Haryana: हरियाणा में गठबंधन की डोर आलाकमान के हाथ, पहले लोकसभा फिर विधानसभा में नफा-नुकसान देखेंगे दोनों दल

प्रवीण पाण्डेय, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Sat, 06 May 2023 11:20 AM IST
सार

हरियाणा में 16 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां पिछले चुनाव में भाजपा और जजपा को अलग-अलग चुनाव लड़ने के बाद बढ़िया वोट हासिल हुए। सूत्रों के मुताबिक इन सीटों पर यह सर्वे कराया जा रहा है।

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BJP and JJP alliance in Haryana Update News
मनोहर लाल और दुष्यंत चौटाला - फोटो : PTI (File Photo)
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विस्तार
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हरियाणा में गठबंधन को लेकर चल रही बयानबाजी के बीच इस नाजुक रिश्ते की डोर आलाकमान ने थाम ली है। भाजपा और जजपा नेता अब इस पूरे मामले को लेकर सधे हुए बयान दे रहे हैं। अन्य नेताओं को भी पार्टी लाइन में रहकर बोलने की हिदायत दी गई है। इस पूरे प्रकरण में एक बात साफ हो गई है कि यह गठबंधन सरकार चलाने के लिए हुआ है। भविष्य में क्या होगा यह निर्णय भी आलाकमान को ही लेना है। फिलहाल गठबंधन में लड़ने और न लड़ने के पीछे के नफा नुकसान के आकलन में दोनों पार्टियां अपने स्तर पर जुट गई हैं। लोकसभा चुनाव से तीन माह पहले तक यह तस्वीर साफ हो जाएगी। 
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भाजपा नेताओं ने यह तर्क दिया है कि दस साल हरियाणा में पार्टी की सरकार रह चुकी है। ऐसे में गठबंधन के बगैर भी गाड़ी चल सकती है। जबकि जजपा ने सीटों के गणित पर होमवर्क करने के बाद अपनी स्थिति स्पष्ट की है।
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फिलहाल जजपा का हरियाणा की 37 सीटों पर फोकस है और 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शहर और गांव में कार्यक्रम तेज कर दिए हैं। पिछले दिनों उन्होंने फतेहाबाद में एक दिन में 18 कार्यक्रम रखे और सिरसा में 27 कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति दर्ज की। उधर मुख्यमंत्री मनोहर लाल जनसंवाद के माध्यम से अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए मैदान में उतर चुके हैं।

पिछले गणित पर भी नजर
हरियाणा में 16 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां पिछले चुनाव में भाजपा और जजपा को अलग-अलग चुनाव लड़ने के बाद बढ़िया वोट हासिल हुए। सूत्रों के मुताबिक इन सीटों पर यह सर्वे कराया जा रहा है कि यदि वर्तमान चुनाव में गठबंधन कायम रहा तो क्या इन सीटों पर इस बार गठबंधन का फायदा मिलेगा या नहीं, क्योंकि उस समय मुद्दे अलग थे और वर्तमान में अलग मुददे हैं।

इन सीटों पर सर्वे की तैयारी
सीट                     विधायक           पार्टी        वोट मिले        भाजपा जजपा को मिले वोट

कालका               प्रदीप चौधरी        कांग्रेस       57948             59756
मुलाना                वरुण चौधरी        कांग्रेस       63059             70153
रादौर                 बिशन लाल सैनी    कांग्रेस       54087             58707
नीलोखेड़ी            धर्मपाल गोंदर       निर्दलीय      42979             52035
असंध                 शमशेर गोगी        कांग्रेस       32114             42274
खरखौदा              जयवीर सिंह        कांग्रेस       38577             57575
सफीदों                सुभाष गंगोली       कांग्रेस       57468             61582
डबवाली              अमित सिहाग      कांग्र्रेस        66885             74240
दादरी                 सोमवीर सांगवान  निर्दलीय       45441             54363
बादली                कुलदीप वत्स      कांग्रेस        45441              62341
झज्जर                 गीता भुक्कल      कांग्रेस       46480               55926
बेरी                    रघुबीर कादियान   कांग्रेस       46022               48039
महेंद्रगढ़                राव दान सिंह     कांग्रेस       46478               48374
रेवाड़ी                  चिरंजीव राव     कांग्रेस        43870               46376
नूंह                  आफताब अहमद    कांग्रेस         52311              66018
पुन्हाना                मो. इलियास       कांग्रेस         35092              38748

बरोदा उपचुनाव में नहीं चला गठबंधन का जादू
2019 के चुनाव में कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुडडा बरोदा से विधायक थे। उनके निधन के बाद यहां उपचुनाव हुआ जिसमें इंदुराज की जीत करीब दस हजार वोट से हुई। हांलांकि इसमें भाजपा जजपा गठंबंधन ने योगेश्वर दत्त को चुनाव लड़ाया था लेकिन गठबंधन यहां की जनता को रास नहीं आया। बाद में यह भी आंकलन हुआ कि यहां भाजपा यदि किसी जाट को टिकट देती तो चुनाव जीत सकते थे।

चुनाव जीतने की क्षमता पर टिका गठबंधन का भविष्य
  • 1977 में गठबंधन पर चुनाव लड़ा देवीलाल सीएम बने
  • 1987 में गठबंधन पर चुनाव हुआ देवीलाल सीएम बने डा. मंगलसेन उपमुख्यमंत्री
  • 1999 में बंसीलाल की सरकार टूटी और ओम प्रकाश चौटाला सीएम बने
भाजपा जजपा का गठबंधन सरकार चलाने के लिए मजबूरी का गठबंधन बना है। जब भाजपा की 2019 में सीटों का गणित गड़बड़ाया तब पार्टी को गठबंधन के लिए जजपा को साथ लेना मजबूरी बना, क्योंकि उंचाना,टोहाना, जुलाना, उकलाना, नरवाना, बाढड़ा, नारनौंद, गुहला चीका, शाहबाद और बरवाला से कुल दस विधायक जजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे।

भाजपा और जजपा के बीच गठबंधन बरकरार: दुष्यंत
सीएम मनोहर लाल के बयान पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि हरियाणा में सरकार जजपा के समर्थन से चल रही है। गठबंधन के करार के मुताबिक 100 में से 99 मांगों को जजपा मनवा चुकी है। मौका मिलते ही बुजुर्गों पेंशन 5100 रुपये करुंगा। 2024 विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर भाजपा और जजपा के नेता करेंगे अंतिम निर्णय।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल का जन्मदिन था। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कलायत में गठबंधन पर बयान देने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री के साथ अपना फोटो ट्वीट कर लिखा कि प्रगतिशील सोच के धनी, सर्वप्रिय मुख्यमंत्री मनोहर लाल को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं।
 
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