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Loksabha Election: हरियाणा में भाजपा-कांग्रेस पर भितरघात पड़ा भारी, दोनों पार्टियों ने तीन-तीन सीटें गंवाई

सोमदत्त शर्मा, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Fri, 07 Jun 2024 04:33 PM IST
सार

पांच सीटें गंवाने के बाद हरियाणा भाजपा ने प्रत्याशियों और जिला अध्यक्षों से इसकी फीडबैक ले लिया है। प्रत्याशियों ने 50 से अधिक नेताओं की शिकायतें की हैं, जिनमें भितरघात से लेकर कम प्रचार करने के आरोप हैं। इनमें विधायक, मंत्री और पूर्व मंत्रियों और जिलाध्यक्ष से लेकर ब्लाक अध्यक्षों के नाम शामिल हैं।

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BJP-Congress lost three seats each in Haryana Loksabha election due to intrusion
भाजपा और कांग्रेस - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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हरियाणा में लोकसभा की दस सीटों में से भाजपा और कांग्रेस ने आपसी भितरघात के चलते तीन तीन सीटें गंवानी पड़ी। भाजपा ने जहां हिसार, सिरसा और अंबाला में हार का सामना करना पड़ा, वहीं कांग्रेस ने करनाल, भिवानी-महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद में अपनी सीटें गंवाई हैं। 

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पांच सीटें गंवाने के बाद हरियाणा भाजपा ने प्रत्याशियों और जिला अध्यक्षों से इसकी फीडबैक ले लिया है। प्रत्याशियों ने 50 से अधिक नेताओं की शिकायतें की हैं, जिनमें भितरघात से लेकर कम प्रचार करने के आरोप हैं। इनमें विधायक, मंत्री और पूर्व मंत्रियों और जिलाध्यक्ष से लेकर ब्लाक अध्यक्षों के नाम शामिल हैं। हालांकि, कांग्रेस प्रत्याशी मौखिक रूप से तीनों सीटों पर भितरघात की शिकायत हाईकमान को कर चुके हैं। करनाल विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी तो खुलकर पीठ में छुरा घोंपने के आरोप लगा चुके हैं। हालांकि, कांग्रेस के प्रदेशाध्यत्र उदयभान कहते हैं कि पार्टी के पास लिखित में भितरघात की कोई शिकायत नहीं आई है।

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भाजपा की तीन सीटें

हिसार : भाजपा के दिग्गजों के हलकों में हारे रणजीत सिंह
हिसार लोकसभा सीट पर भाजपा ने निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला को टिकट देकर मैदान में उतारा था। हालांकि, प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर ही भाजपा का स्थानीय कैडर नाराज था, लेकिन बाद में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मोर्चा संभाला। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद रणजीत चौटाला जीत नहीं पाए। उनकी हार का सबसे बड़ा कारण आदमपुर हलका और नारनौंद हलका रहे। नारनौंद हलका पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का है, यहां से रणजीत चौटाला कांग्रेस के जेपी से 44794 वोटों से पीछे रहे। इसी प्रकार, चौधरी कुलदीप बिशनोई के गढ़ आदमपुर में भी रणजीत सिंह को 6670 की हार मिली, जबकि यहां से कुलदीप के बेटे भव्य बिश्नोई विधायक हैं। डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा के नलवा हलके से भी 2439 से कांग्रेस जीती है। भाजपा को इन तीनों क्षेत्रों से बड़ी लीड की आस थी। रणजीत सिंह भितरघात के आरोप लगाकर रिपोर्ट हाईकमान को दे चुके हैं।


सिरसा: चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक सुभाष बराला के हलके से तंवर की रिकार्ड हार
सिरसा में भी भाजपा को कड़ी हार का सामना करना पड़ा। यहां पर भी पार्टी के प्रत्याशी अशोक तंवर बैठक में भितरघात के आरोप लगा चुके हैं और बाकायदा नेताओं के नाम तक बता चुके हैं। लोकसभा चुनावों को लेकर चुनाव प्रबंधन समिति के प्रदेश संयोजक राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के हलके से तंवर की रिकार्ड 48411 वोटों से हार हुई है। इसी प्रकार, दुड़ाराम के हलके फतेहाबाद से 22611, लक्ष्मण नापा के रतिया से 36332 और गोपाल कांडा के हलके सिरसा से 13350 और मीनू बेनिवाल के हलके ऐलनाबाद से 27216 वोटों से हार मिली है।

सोनीपत : सांसद और विधायक पर आरोप
सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में भी भाजपा के लिए भितरघात बड़ा घातक साबित हुआ। यहां से प्रत्याशी मोहन लाल बड़ौली ने खुद मौजूदा सांसद रमेश कौशिक और गन्नौर से भाजपा विधायक निर्मल चौधरी पर भितरघात के आरोप लगाए हैं। कौशिक की टिकट काटने के बाद ही बड़ौली को मिली थी। इनके अलावा, भी यहां पर कई और नेताओं के नाम कांग्रेस प्रत्याशी की मदद करने के लिए सामने आ रहे हैं। बड़ौली पूरी रिपोर्ट तैयार करके मुख्यमंत्री व प्रदेशाध्यक्ष नायब सिंह सैनी को सौंप चुके हैं। निर्मल चौधरी के हलके से 1708 और खुद के हलके से बड़ौली को 2081 मतों की ही लीड मिल पाई।

गुरुग्राम में सबसे अधिक भितरघात, फिर भी जीते राव
गुरुग्राम में भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह को सबसे अधिक भितरघात का सामना करना पड़ा। भाजपा में ही उनके विरोधियों ने प्रचार से दूरी बनाए रखी। इनमें पूर्व मंत्री राव नरबीर, पूर्व विधायक रणधीर कापड़ीवास, केंद्रीय बोर्ड की सदस्य सुधा यादव, चेयरमैन अरविंद यादव समेत अन्य नाम शामिल हैं। भितरघात को लेकर राव इंद्रजीत सिंह ने तो यहां तक कह दिया है कि वह भाजपा के भरोसे होते तो चुनाव हार जाते, ये तो उनके खुद के कार्यकर्ताओं ने चुनाव जिताया है। राव ने आरोप लगाया कि भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

कांग्रेस की तीन सीटें

भिवानी-महेंद्रगढ़ : कांग्रेस गढ़ में हारे राव
कांग्रेस के राव दान सिंह खुद के हलके महेंद्रगढ़ के साथ साथ कांग्रेस की दिग्गज नेता किरण चौधरी के हलके भी हार गए। तोशाम में भाजपा प्रत्याशी को 8063 मतों से जीत मिली है। किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी के लिए टिकट मांग रही थीं, लेकिन टिकट कट गया था। इसको लेकर किरण चौधरी ने खुलकर विरोध भी जताया था और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर टिकट कटवाने का आरोप लगाया था। हालांकि, हाईकमान के आदेश के बाद किरण चौधरी ने राव का प्रचार किया था, लेकिन राव द्वारा फोन नहीं उठाने और प्रचार से नहीं बुलाने के भी आरोप लगाए गए थे। राव दान सिंह और किरण चौधरी में राहुल गांधी की रैली के दौरान भी विवाद होने की बात सामने आई थी।

करनाल : किसने घोंपा पीठ में छुरा
करनाल में कांग्रेस ने लोकसभा में दिव्यांशु बुद्धिराजा और विधानसभा उपचुनाव में त्रिलोचन सिंह को उतारा था। हालांकि, यहां पर दोनों ही सीटों पर कई दावेदार थे। एडवोकेट वीरेंद्र राठौर टिकट मांग रहे थे, लेकिन ऐन मौके पर उनकी टिकट कट गई। राजपूत चेहरे राठौर का हलका घरौंडा है और घरौंडा से बुद्धिराजा 20277 वोटों से हार मिली है। वहीं, पानीपत से बुल्ले शाह भी दावेदार थे और यहां भी कांग्रेस को 58 हजार से अधिक मतों से हार मिली है। उपचुनाव की बात करें तो पूर्व विधायक सुमिता सिंह, पूर्व डिप्टी मेयर मनोज वधवा, पूर्व मंत्री भीम सेन मेहता दावेदार थे। त्रिलोचन सिंह सार्वजनिक रूप से कांग्रेस नेताओं पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगा चुके हैं।

फरीदाबाद : नीरज शर्मा और कर्ण दलाल के हलकों में हार
फरीदाबाद में कांग्रेस का दांव उल्टा पड़ गया। पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के हलकों में नहीं जीत पाए। लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के अकेले विधायक नीरज शर्मा के फरीदाबाद एनआईटी हलके में महेंद्र प्रताप को रिकार्ड 41690 मतों से हार का सामना करना पड़ा। कुछ इसी प्रकार के हालात पूर्व मंत्री कर्ण दलाल के हलके पलवल में 24944 मतों से पिछडे़। कर्ण दलाल इस बार टिकट के दावेदार थे, लेकिन ऐन वक्त पर उनकी टिकट काट दी गई और वह खुलकर विरोध में आ गए थे। बाद में हुड्डा और मल्लिकार्जुन खरगे के दखल के बाद वह प्रचार में आए थे, लेकिन फिर भी कांग्रेस यह सीट नहीं जीत पाई। महेंद्र प्रताप ने भितरघात को लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है।

नीरज शर्मा और चिरंजीव राव के हलकों में भाजपा की बड़ी जीत
सबसे ज्यादा खराब स्थिति तो विधायक नीरज शर्मा के हलके फरीदाबाद एनआईटी में दिखी, यहां भाजपा को रिकॉर्ड 41690 मतों की बढ़त मिली है। सोनीपत से सुरेंद्र पंवार के हलके में 35846, रेवाड़ी में चिरंजीवी राव के हलके में 36529, धर्म सिंह छोक्कर के समालखा में 18337, सुभाष देशवाल के सफीदों में भाजपा 5331 मतों से आगे रही। बलबीर वाल्मीकि के हलके इसराना में 6770 और शमशेर गोगी के हलके असंध में भाजपा को मामूली 1654 मतों से बढ़त मिली। 

चिरंजीव राव के पिता कैप्टन अजय यादव गुरुग्राम से टिकट के दावेदार थे, लेकिन हुड्डा खेमे ने राज बब्बर को टिकट दिला दिया था। वहीं, कांग्रेस के बड़े नेता और फरीदाबाद से टिकट के दावेदार कर्ण सिंह दलाल के हलके पलवल में भाजपा को 24944 मतों की बढ़त मिली है। यहां से भाजपा के दीपक मंगला मौजूदा विधायक हैं।

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