अकालियों-कांग्रेसियों में 'ड्रग्स' पर तीखी नोक-झोंक
राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान पंजाब में ड्रग्स तस्करी का मुद्दा विधानसभा में छाया रहा। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच इस पर तीखी नोक-झोंक हुई। प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पंजाब के नशे का मुद्दा उछलने तक का जिक्र बहस के दौरान हुआ।
बात यहां तक बढ़ गई कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को खड़े होकर कहना पड़ा कि नेताओं को इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप से बचना चाहिए। राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव शिअद विधायक जगीर कौर ने पेश किया और इसका अनुमोदन भाजपा के अश्वनी शर्मा ने किया।
बहस की शुरुआत करते हुए जगीर कौर ने जहां पंजाब से बाहर रह गए पंजाबी बोलते इलाकों पर प्रदेश के हक और रायपेरियन सिद्धांत के अनुसार नदी जल बंटवारे की बात कही, वहीं कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में प्रदेश ने मौजूदा सरकार के कार्यकाल में बहुत तरक्की की है।
इसके अलावा उन्होंने एक पूर्व विधायक पर ड्रग्स तस्करों को शह देने का आरोप लगाते हुए उन पर जबरस्त हमले बोले। अश्वनी शर्मा ने कहा कि केंद्र में एनडीए सरकार बनने से नई शुरुआत हुई।
नीति आयोग की स्थापना असल संघीय ढांचे की दिशा में एक कदम है। साथ ही इक्का-दुक्का जगहों को छोड़कर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होने पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया।
मजीठिया पर साधा गया सीधा निशाना
कांग्रेस की ओर से विधायक सुखजिंदर सिंह रंधावा ने ड्रग्स तस्करी के मुद्दे पर राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पर निशाना साधा, वहीं मुख्य संसदीय सचिव विरसा सिंह वल्टोहा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में सबसे अधिक नशा बिकता है। इस पर दोनों पक्षों के बीच काफी तकरार हुई।
कहा गया कि मामला कोर्ट के फैसले पर छोड़ा जाना चाहिए। शिअद नेताओं ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के विभिन्न मामलों में आरोपी होने का मसला उठाते हुए उनसे इस्तीफे लेने की बात पर जोर दिया। रंधावा ने नगर निकाय चुनाव के दौरान मंत्री अनिल जोशी के भाई पर हमले की बात करते हुए कहा कि इससे साबित होता है कि पंजाब में कोई सुरक्षित नहीं है।
इस पर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल खड़े हुए और उन्होंने कहा कि ड्रग्स के मुद्दे पर सभी एक-दूसरे पर आरोप लगाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर कल को कोई उन पर आरोप लगा दे तो क्या वह भी इस्तीफा दे दें? यह सही नहीं है। इससे राजनेता बदनाम हो रहे हैं।
जब तक अदालत किसी को अपराधी नहीं ठहरा देती, तब तक किसी से इस्तीफा कैसे लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन पर भी आरोप लगे थे, मामला भी दर्ज हुआ, लेकिन बाद में वह बरी हो गए। इसलिए इस तरह की इल्जाम बाजी में नहीं उलझना चाहिए।
‘सरकार छह महीने में लाए श्वेत पत्र’
कांग्रेसी विधायक ब्रह्म महिंदरा ने बहस के दौरान कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार बहुत बड़ी-बड़ी बातें करती है। सरकार को चाहिए कि यह छह महीने में श्वेत पत्र लाए कि उसने पिछले आठ साल के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण में कही गई बातों में से कितने को अमली जामा पहनाया।
यह भी कहा कि चंडीगढ़ का मसला लंबे समय से लटकता आ रहा है। अब केंद्र व हरियाणा में भाजपा की सरकारें हैं। इसलिए अब चंडीगढ़ पंजाब के लिए लेना आसान है। सदन में प्रस्ताव पारित करके इस संबंध में केंद्र से बात करनी चाहिए। कांग्रेस इस मसले पर पूरी तरह से सरकार के साथ है और इसके लिए राष्ट्रपति के पास चलने को भी तैयार है।
उन्होंने चंडीगढ़ के राजस्व में से पंजाब के लिए हिस्सा लेने की बात भी कही। सरकारी अस्पतालों में दवाओं की स्थिति और इंवेस्टर्स व एग्रो समिट में साइन हुए एमओयू की स्थिति को लेकर भी ब्रह्म महिंदरा ने सरकार पर निशाना साधा।