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पदक जीतने वाला हर खिलाड़ी नहीं होगा डीएसपी पद का दावेदार, मेडल और योग्यता बनेगा आधार

प्रवीण पाण्डेय, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: ajay kumar Updated Thu, 10 Dec 2020 04:04 AM IST
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DSP post will be given on the basis of medal and merit in sports quota in Haryana
खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह। - फोटो : फाइल फोटो
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हरियाणा के खिलाड़ियों को अब पुलिस विभाग में डीएसपी का पद मेडल और योग्यता के आधार पर मिलेगा। हर खिलाड़ी मेडल जीतने पर डीएसपी के पद के लिए दावेदारी नहीं जता सकेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेडल के साथ डीएसपी पद के लिए शैक्षणिक योग्यता होना भी जरूरी है। खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह ने बुधवार को अमर उजाला से खास बातचीत में इसका खुलासा किया। 

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उन्होंने कहा कि खेल कोटे से सीधे डीएसपी तो लगेंगे पर अब मानदंड पहले से अधिक कड़े होंगे। सरकार खेल नीति में अहम संशोधन करने जा रही है। संशोधन को लेकर अभी प्राथमिक चरण में हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ खेल नीति में संशोधन को लेकर चर्चा हुई है। उन्होंने इसे हरी झंडी दी है। नीति में कौन-कौन से संशोधन किए जाएंगे, इसे लेकर अभी बैठकों का दौर शुरू होगा। बैठकों में सर्वसम्मति के साथ लिए जाने वाले निर्णय के अनुसार खेल नीति में बदलाव किया जाएगा।
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सरकार खेल नीति को खिलाड़ियों के लिए और हितैषी बनाएगी। उन्होंने कहा कि खेल कोटे से सीधे डीएसपी का पद खिलाड़ियों को मिलता रहेगा। यह रैंक तो खिलाड़ियों के साथ चलता रहेगा लेकिन उनका मुख्य कार्य खेलना व खेलों को बढ़ावा देना होगा। खेल कोटे से सरकारी नौकरी में आए खिलाड़ियों को खेल से जोड़कर रखना और खिलाना सरकार की मुख्य प्राथमिकता है।

संदीप सिंह ने बताया कि जिन विभागों में खेल कोटे से भर्ती हो रही है, उनमें होती रहेंगी। जिन विभागों में नहीं हो रही, उनमें भी खेल कोटे से नौकरी दिलाने के प्रयास जारी हैं। मेडल व योग्यता के आधार पर खिलाड़ियों को डीएसपी के समकक्ष पदों पर भी नौकरी दिलाई जाएगी। उनकी कोशिश है कि खेल विभाग में खिलाड़ियों को अधिक से अधिक नौकरी मिले ताकि खेलों को बढ़ावा देने के साथ ही नए खिलाड़ी तैयार करने में उनकी मदद ली जा सके।

खत्म नहीं होने देंगे खेल कोटे से भर्ती खिलाड़ियों की प्रतिभा 
संदीप सिंह ने बताया कि नौकरी पेशा खिलाड़ियों में खेल के प्रति अब भी उतना ही जुनून है, जितना नौकरी पाने से पहले था। उनके पास अनेक खिलाड़ियों के फोन आते हैं और वे मिलने आते हैं कि वे खेल से जुड़े रहना चाहते हैं, चाहे उन्हें पूरा दिन खेल के मैदान में ही रखो। संदीप सिंह ने कहा कि ऐसे नौकरी पेशा खिलाड़ियों को खेल में आगे बढ़ाया जाएगा। उनके अनुभव का फायदा लेकर खिलाड़ियों की नई पौध विकसित की जाएगी, न कि उन्हें कागजी कामों में उलझा कर उनकी प्रतिभा को खत्म किया जाएगा।

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