Haryana News: विज के बाद अब डिप्टी सीएम दिखाएंगे तेवर! सरकार पर अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का बना सकते दबाव
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला दो साल पहले एसीएस एके सिंह के खिलाफ भी पत्र लिख चुके हैं। आज तक इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। दो साल से दबी इस फाइल को सितंबर में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने निकाला था और इस पर मुख्य सचिव की टिप्पणी मांगी थी।
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हरियाणा में गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक को विभाग से हटवाने के बाद अब प्रदेश के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी अफसरों पर कार्रवाई के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे। डिप्टी सीएम पहले से ही अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के दो अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं लेकिन अभी तक किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। अब डिप्टी सीएम एक और बार मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे, साथ ही खुद मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात भी रखेंगे।
हरियाणा में अफसरशाही बेलगाम होने के आरोप शुरू से ही लगते रहे हैं। विधायकों से लेकर मंत्री तक अफसरों पर सुनवाई नहीं करने और अनदेखी के आरोप लगा चुके हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज दो माह पहले विभाग की महानिदेशक डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर की कार्यप्रणाली को लेकर असहज थे। मामला इतना बढ़ा कि दो माह से अधिक समय से विज ने विभाग की फाइलें ही नहीं देखीं। सीएम से दो बार मुलाकात के बाद आखिरकार विज अपनी बात मनवाने में कामयाब रहे।
सूत्रों का दावा है कि विज के बाद अब डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला अफसरों पर कार्रवाई के लिए सरकार पर दबाव बना सकते हैं। बताया जा रहा है कि डिप्टी सीएम होने के बावजूद अफसरों के खिलाफ पत्र लिखने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होने से जजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में भी गलत संदेश जा रहा है। ऐसे में अफसरशाही पर अपनी पकड़ मजबूत दिखाने के लिए दुष्यंत चौटाला एक और बार सीएम को कार्रवाई के लिए पत्र लिखेंगे। अगर फिर भी कार्रवाई नहीं हुई तो वह मुख्यमंत्री से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर अपनी बात रखेंगे। सूत्रों का दावा है कि डिप्टी सीएम अफसरों पर कार्रवाई के लिए अड़े हुए हैं।
आनंद मोहन शरण के खिलाफ तीन माह पहले लिखे तीन पत्र
उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण के खिलाफ डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला सितंबर में तीन पत्र लिख चुके हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने विभागीय मंत्री होने के बावजूद उनको नजरअंदाज किया और बिना उनकी जानकारी ही कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव रख दिया। 7 जुलाई को हुई बैठक के बाद से एसीएस और डिप्टी सीएम के बीच तकरार बढ़ गई। बाद में इस प्रस्ताव को डिप्टी ने रद्द करा दिया था और दोबारा से बैठक में इसे पास कराया। इस मामले में एसीएस मुख्य सचिव को अपना जवाब दे चुके हैं और मुख्य सचिव यह फाइल मुख्यमंत्री के पास भेज चुके हैं।
दो साल पहले एके सिंह के खिलाफ लिखा था पत्र
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला दो साल पहले एसीएस एके सिंह के खिलाफ भी पत्र लिख चुके हैं। आज तक इस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। दो साल से दबी इस फाइल को सितंबर में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने निकाला था और इस पर मुख्य सचिव की टिप्पणी मांगी थी। इसके बाद से यह मामला ठंडा पड़ा है।