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पंजाब सरकार की अनोखी पहल: एक स्कैन में खुलेगा शहादत का इतिहास, अब क्यूआर कोड से देख सकेंगे गुरु साहिब की गाथा

राजिंद्र शर्मा, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: शाहरुख खान Updated Mon, 24 Nov 2025 06:37 PM IST
सार

श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस पर पंजाब सरकार ने अनोखी पहल की है। एक स्कैन में शहादत का इतिहास खुलेगा। अब क्यूआर कोड से गुरु साहिब की गाथा देख सकेंगे।

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Punjab government unique initiative scan will reveal history of martyrdom now you can view through QR code
नगर कीर्तन - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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पंजाब सरकार ने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के मौके पर इस बार अनोखी पहली की है। अब एक क्यूआर कोड स्कैन करके गुरु साहिब की शहादत से जुड़ा पूरा इतिहास आपके फोन पर खुल जाएगा। 
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एनिमेशन और वॉयस ओवर के जरिये इस पूरे इतिहास को संजोया गया है। विरासत-ए-खालसा पर प्रदर्शनी के अलावा प्रमुख जगहों पर बैनर लगाए गए हैं जिनमें इस क्यूआर कोड की सुविधा दी गई है। क्यूआर कोड को स्कैन करते ही गुरु साहिब के जीवन से जुड़ी प्रमुख घटनाएं मोबाइल पर खुल जाएंगी।
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पंजाब सरकार के अनुसार वह गुरु जी के शहीदी दिवस को पूरे विश्व में पहुंचाना चाहती है। यही कारण है कि डिजिटल रूप से प्रमुख घटनाओं को संजोया गया है। जो लोग यहां नहीं आ पा रहे हैं, वे कहीं पर भी बैठकर क्यूआर कोड स्कैन करके इतिहास देख सकते हैं। साथ ही नई पीढ़ी तक सिख इतिहास और गुरु की शहादत को पहुंचाने के लिए भी यह प्रयास किया गया है।

इसमें डिजिटल रूप से दिखाया गया है कि किस तरह से गुरु तेग बहादुर जी ने इस्लाम कबूल न करके अपनी शहादत दी और कैसे भाई जैता जी गुरु जी का शीश यहां लेकर आए और उसे श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को भेंट किया। इसके बाद ही उन्होंने रंगरेटे गुरु के बेटे की उपाधि दी गई।

वीडियो देखकर भावुक हुए लोग
डिजिटल रूप से संजोए गए इस इतिहास को देखकर लोग भावुक हो रहे हैं। शहीदी दिवस समारोहों को देखने के लिए आए जालंधर निवासी अमनदीप सिंह ने कहा कि गुरु जी से जुड़े इतिहास को डिजिटल रूप से संजोकर रखना एक बड़ी पहल है जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। इससे नई पीढ़ी तक गुरु जी के जीवन से जुड़ी प्रमुख घटनाओं को पहुंचाने में मदद मिलेगी। साथ ही विदेश में भी बैठकर लोग अपने मोबाइल पर इन प्रमुख घटनाओं को देख सकेंगे।

पांच गैलरियां भी बनाई गईं
कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सौंद ने बताया कि श्री आनंदपुर साहिब की पवित्र धरती पर भाई जैता जी की यादगार में इतिहास को साकार करती पांच गैलरियां मानवता को समर्पित की गई हैं। यह यादगार 5 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है जिसमें लगभग 2 एकड़ क्षेत्र कवर क्षेत्र है और निर्माण क्षेत्र लगभग 3200 वर्ग फुट है। गैलरी में सिख गुरुओं साहिबान के बारे में जानकारी दी गई है और बताया जाएगा कि भाई जैता जी के पूर्वज गुरु साहिबान से प्रारंभ से ही जुड़े हुए थे। यहां आधुनिक तकनीक के माध्यम से इतिहास को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया है।
 

श्री आनंदपुर साहिब छोड़ने का दृश्य भी शामिल
इसके अलावा इसमें भाई जैता जी से संबंधित श्री आनंदपुर साहिब स्थित ऐतिहासिक तपस्थल, गुरु साहिब द्वारा अपने परिवार के साथ श्री आनंदपुर साहिब छोड़ने का दृश्य और अंत में भाई जैता जी के जीवन की संपूर्ण झलक एनिमेशन के माध्यम से प्रस्तुत की गई है।

 
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