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Chandigarh: गोशालाओं की बदहाली पर छह साल बाद भी नहीं आया जवाब, हरियाणा व पंजाब पर 10-10 हजार का जुर्माना

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: ajay kumar Updated Fri, 15 Mar 2024 09:48 PM IST
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सार

कुरुक्षेत्र की रहने वाली रेणुका चोपड़ा ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने गौशालाओं की बदहाली का मामला उठाया था। मगर छह साल बाद भी इस मामले में पंजाब और हरियाणा सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं की। अब हाईकोर्ट ने दोनों ही प्रदेशों की सरकार पर जुर्माना लगाया है।

High Court imposed fine on Haryana and Punjab
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट। - फोटो : अमर उजाला
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गौवंश के मरने व गौशालाओं की बुरी दशा पर लिए गए संज्ञान व अन्य लंबित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान हरियाणा व पंजाब सरकार ने एक बार फिर से जवाब के लिए मोहलत देने की मांग की। हाईकोर्ट ने कहा कि छह साल बीत जाने के बावजूद दोनों सरकारों ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल नहीं की है और ऐसे में हाईकोर्ट ने दोनों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए स्टेटस रिपोर्ट के लिए आखिरी मौका दिया है। यह राशि सेक्टर 26 के ब्लाइंड इंस्टीट्यूट में जमा करवानी होगी।

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इस मामले में कुरुक्षेत्र की रेणुका चोपड़ा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट को बताया था कि राज्य के बाहर तस्करी कर गायें भेजी जा रही हैं जिन्हें दुधारू गाय के नाम पर भेजा जाता है लेकिन आगे बूचड़खानों में काटे जाने के लिए बेच दिया जाता है। साथ ही राज्य में दूध देने वाली गाय को तो चारा, पानी और शेड मिलता है जबकि बैल व दूध न देने वाली गाय पानी और चारे तक को तरस रही हैं। उनकी हालत बद से बदतर हो रही है। 
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याचिकाकर्ता ने कहा कि गाय और गौशाला को लेकर सरकार डबल स्टैंडर्ड अपना रही है। कुछ समाचार पत्रों की खबर का हवाला देते हुए बताया गया कि आर्मी की गौशालाएं बंद कर उन्हें पैकेट का दूध दिया जा रहा है। जबकि दूसरी ओर सरकार पैकेट के दूध को नुकसान देने वाला बताती है। इन गौशालाओं से आने वाली गाय प्रदेश की गौशालाओं को देने की तैयारी चल रही है।

इसके चलते इन गौशालाओं में केवल दुधारू पशुओं के लिए ही स्थान बचेगा और दूध न देने वालों को ऐसे ही भूखा मरने को छोड़ दिया जाएगा। ऐसे में गौशालाओं का मूल मकसद ही समाप्त हो जाएगा और वे डेयरी में बदल जाएंगी। याचिका में कोर्ट को बताया गया कि पुलिस और कुछ अधिकारी तस्करों को सहयोग देते हैं और बदले में मोटा पैसा वसूल करते हैं। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने दोनो राज्य सरकार को इस मामले में जवाब दायर कर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था।

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