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कोरोना इफेक्टः खेलों के इतिहास में पहली बार बिना कुश्ती के लगा नेशनल कैंप, चोट से उबरीं साक्षी
अंकित चौहान, सोनीपत
Published by: खुशबू गोयल
Updated Wed, 21 Oct 2020 10:09 AM IST
सार
- सोनीपत में पुरुष और लखनऊ में महिला पहलवानों का चल रहा नेशनल कैंप
- पहली बार कुश्ती नहीं लड़ रहे पहलवान, सोशल डिस्टेंसिंग की प्रैक्टिस कर रहे
- दौड़, रोलिंग, जिम आदि से अभ्यास किया जा रहा, दांव की प्रैक्टिस अकेले कर रहे
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साक्षी मलिक
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
खेलों के इतिहास में पहली बार नेशनल कैंप में पहलवानों के बीच कुश्ती नहीं कराई जा रही है। सोनीपत के साई सेंटर में पुरुष पहलवान और लखनऊ में महिला पहलवान नेशनल कैंप में शामिल जरूर हो गए हैं, लेकिन अभी तक कुश्ती का दांवपेंच अभी तक एक-दूसरे पर नहीं आजमाया है। क्योंकि कोरोना के कारण केवल दौड़, रोलिंग, जिम आदि का अभ्यास कराया जा रहा है और किसी पहलवान को दांव लगाने की प्रैक्टिस करनी है तो वह बिना कुश्ती लड़े अकेले ही प्रैक्टिस कर सकता है।
कोरोना के कारण नेशनल कैंप स्थगित होने पर पहलवान काफी समय तक कुश्ती से दूर रहे थे। सरकार के साई सेंटर खोलने की अनुमति मिलने के बाद एक सितंबर से सोनीपत में पुरुष पहलवानों का कैंप शुरू किया गया था। जबकि महिला पहलवानों का कैंप लगातार आगे खिंचता चला गया और वह 10 अक्तूबर से लखनऊ के साई सेंटर में शुरू किया गया। जहां पहलवानों को एक सप्ताह तक कमरे में रहना पड़ा तो उसके बाद भी पहलवान दांवपेंच लगाने के लिए आपस में कुश्ती नहीं लड़ सकते हैं।
खेलों के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि पहलवानों का नेशनल कैंप बिना कुश्ती लड़े चलाया जा रहा है। पहलवानों को कोच केवल दौड़, रोलिंग, जिम आदि करा रहे है। इस तरह नया दांवपेंच अभी तक नेशनल कैंप में पहलवान नहीं सीख सके है तो वह अपनी कमियां भी फिलहाल दूर नहीं कर सकते है।
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कोरोना के कारण नेशनल कैंप स्थगित होने पर पहलवान काफी समय तक कुश्ती से दूर रहे थे। सरकार के साई सेंटर खोलने की अनुमति मिलने के बाद एक सितंबर से सोनीपत में पुरुष पहलवानों का कैंप शुरू किया गया था। जबकि महिला पहलवानों का कैंप लगातार आगे खिंचता चला गया और वह 10 अक्तूबर से लखनऊ के साई सेंटर में शुरू किया गया। जहां पहलवानों को एक सप्ताह तक कमरे में रहना पड़ा तो उसके बाद भी पहलवान दांवपेंच लगाने के लिए आपस में कुश्ती नहीं लड़ सकते हैं।
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खेलों के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि पहलवानों का नेशनल कैंप बिना कुश्ती लड़े चलाया जा रहा है। पहलवानों को कोच केवल दौड़, रोलिंग, जिम आदि करा रहे है। इस तरह नया दांवपेंच अभी तक नेशनल कैंप में पहलवान नहीं सीख सके है तो वह अपनी कमियां भी फिलहाल दूर नहीं कर सकते है।
साक्षी चोट से उबरी, चार पहलवान कैंप में शामिल होगी
ओलंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक के पैर में कुछ समय पहले चोट लगी हुई थी, जिससे उसने कैंप में शामिल होने के लिए कुछ समय मांगा हुआ था। साक्षी के अलावा भी तीन पहलवान कैंप में शामिल नहीं हुई थी और उन्होंने भी कुछ दिन बाद कैंप में शामिल होने की बात कही थी।
लेकिन उसके बाद अभी तक उनको कैंप में शामिल नहीं किया गया था। अब उनको कैंप में शामिल करने को लेकर फैसला कर लिया गया है और उनको 25 अक्तूबर को कैंप में शामिल करके जांच कराई जाएगी। इसके साथ ही उनको एक सप्ताह तक प्रैक्टिस की अनुमति नहीं रहेगी।
नेशनल कैंप में अभी किसी भी पहलवान की आपस में कुश्ती नहीं कराई जा रही है। यहां अभी केवल दौड़, रोलिंग, जिम आदि का अभ्यास कराया जा रहा है, जिससे पहलवान पूरी तरह से फिट रह सके। आगे जिस तरह के निर्देश मिलेंगे, उसके आधार पर कुश्ती शुरू करा दी जाएगी।
- कुलदीप मलिक, चीफ कोच भारतीय महिला कुश्ती
लेकिन उसके बाद अभी तक उनको कैंप में शामिल नहीं किया गया था। अब उनको कैंप में शामिल करने को लेकर फैसला कर लिया गया है और उनको 25 अक्तूबर को कैंप में शामिल करके जांच कराई जाएगी। इसके साथ ही उनको एक सप्ताह तक प्रैक्टिस की अनुमति नहीं रहेगी।
नेशनल कैंप में अभी किसी भी पहलवान की आपस में कुश्ती नहीं कराई जा रही है। यहां अभी केवल दौड़, रोलिंग, जिम आदि का अभ्यास कराया जा रहा है, जिससे पहलवान पूरी तरह से फिट रह सके। आगे जिस तरह के निर्देश मिलेंगे, उसके आधार पर कुश्ती शुरू करा दी जाएगी।
- कुलदीप मलिक, चीफ कोच भारतीय महिला कुश्ती