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चंडीगढ़ में खुलेगा वायुसेना विरासत केंद्र: फाइटर जेट के कॉकपिट में बैठकर ले सकेंगे सुपरसोनिक उड़ान का अनुभव
शशिभूषण पुरोहित, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Sat, 06 May 2023 12:10 PM IST
सार
चंडीगढ़ में खुलने वाले वायुसेना विरासत केंद्र में तेजस विमान, नेत्र विमान, प्रचंड हेलीकॉपप्टर, एयरबस-सी 295, एकीकृत वायु कमान, मिग-21 और मिग-23 जैसे युद्धक विमानों के मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं। 17 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में फैला यह विरासत केंद्र वायुसेना के शौर्य और इतिहास का जीवंत नमूना होगा।
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वायुसेना विरासत केंद्र
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
अगर आप फाइटर जेट के कॉकपिट में बैठने की इच्छा रखते हैं और सुपरसोनिक उड़ान का रोमांच लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको पायलट के लाइसेंस की जरूरत नहीं पड़ेगी। आपकी ये इच्छाएं चंडीगढ़ में बनकर तैयार देश के पहले भारतीय वायुसेना विरासत केंद्र में पूरी होंगी। यहां आम लोग उड़ान सिमुलेटर के माध्यम से युद्धक विमान के कॉकपिट में बैठने का अनुभव ले सकेंगे। आगामी आठ मई को देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इसे जनता के लिए समर्पित करने चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं।
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नवनिर्मित वायुसेना विरासत केंद्र के अंदर वायुसेना के सभी पुराने विमानों और मिसाइलों के समृद्ध और गौरवशाली इतिहास को समेटा गया है। वायुसेना के इस विरासत केंद्र में मुख्य आकर्षण के रूप में एक सिमुलेटर स्थापित किया गया है, जो आगंतुकों को भारतीय वायुसेना के विमान में उड़ने का अनुभव प्रदान करेगा।
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इसके अलावा केंद्र में तेजस विमान, नेत्र विमान, प्रचंड हेलीकॉपप्टर, एयरबस-सी 295, एकीकृत वायु कमान, मिग-21 और मिग-23 जैसे युद्धक विमानों के मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन परमजीत सिंह लांबा के मुताबिक 17 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में फैला यह विरासत केंद्र भारतीय वायुसेना के शौर्य और इतिहास का एक जीवंत नमूना होगा।
पाकिस्तान के एफ-16 को भारतीय मिग ने ऐसे गिराया, देखेंगे लोग
भारतीय वायुसेना के मिग-21 ने पाकिस्तान के अत्याधुनिक एफ-16 विमान को कैसे मार गिराया था, लोग इसकी शानदार झलक भी देख सकेंगे। विरासत केंद्र में इसके एक परिदृश्य को दिखाया गया है। इस केंद्र में सेबर किलर के नाम से मशहूर ऐसे पांच विमानों को भी रखा गया है, जिन्होंने 1971 के युद्ध में साहसिक प्रदर्शन किया था। इसके अलावा स्वतंत्रता के बाद युद्धों में भारतीय वायुसेना की भूमिका को चलचित्र प्रदर्शनी के माध्यम से भी दिखाया जाएगा। इसमें 40 लघु प्रचार फिल्मों को दिखाने का प्रबंध किया गया है।
चांद पर जाने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा की वर्दी भी मौजूद
विरासत केंद्र में चांद पर जाने वाले पहले भारतीय व वायुसेना के पायलट राकेश शर्मा द्वारा बनाई गई तस्वीर और उनके द्वारा उस वक्त पहनी गई वर्दी को भी प्रदर्शित किया गया है। वहीं, सुपरहिट मूवी बार्डर में अभिनेता जैकी श्रॉफ ने जिस एयरफोर्स कैप्टन का किरदार निभाया था, उनके कपड़ों को भी यहां प्रदर्शित किया जाएगा।
इन पांच विमानों के समृद्ध इतिहास के होंगे दर्शन
- जीएनएटी : 1971 में कश्मीर घाटी की रक्षा के लिए इसका इस्तेमाल किया गया था। सेक्टर 8-9-17-18 प्रकाश बिंदु पर प्रदर्शित किया जाएगा।
- मिग-21 : यह विमान पहली बार वर्ष 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ था। इसे विरासत के केंद्र की पार्किंग क्षेत्र में स्थापित किया गया है।
- पीईसी कानपुर-1 विंटेज विमान : भारत द्वारा बनाया जाने वाला पहला विमान है। इसे विरासत केंद्र के अंदर प्रदर्शित किया गया है।
- एचपीटी-32 प्राइमरी ट्रेनर एयरक्राफ्ट : हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाए गए इस एयरक्राफ्ट को पिछले लॉन में रखा जाएगा
- मिग-23 एमएफ : इस स्विंग-विंग इंटरसेप्टर को केंद्र के पीछे के छोर पर स्थापित किया गया है।