{"_id":"6947e4a3e0b30c404908e3ac","slug":"ending-mnrega-is-an-attack-on-the-employment-rights-of-the-rural-poor-rao-narendra-haryana-news-chandigarh-haryana-news-c-16-1-pkl1089-902704-2025-12-21","type":"story","status":"publish","title_hn":"मनरेगा खत्म करना, ग्रामीण गरीबों के रोजगार अधिकार पर हमला : राव नरेंद्र","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
मनरेगा खत्म करना, ग्रामीण गरीबों के रोजगार अधिकार पर हमला : राव नरेंद्र
विज्ञापन
विज्ञापन
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने मनरेगा को समाप्त कर उसकी जगह लाए गए नए कानून को ग्रामीण भारत के खिलाफ सुनियोजित साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बिना किसी सार्वजनिक बहस के एक झटके में मनरेगा के बीस वर्षों के सामाजिक और आर्थिक योगदान को खत्म कर दिया। यह कदम लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना का अपमान है।
राव नरेंद्र ने कहा कि यह कानून मांग पर मिलने वाली रोजगार गारंटी को समाप्त कर दिल्ली से नियंत्रित, सीमित और मनमानी योजना थोप देता है। इससे न केवल राज्यों के अधिकार कमजोर होंगे बल्कि गांवों की आत्मनिर्भरता पर भी सीधा प्रहार होगा। उन्होंने कहा कि मनरेगा ने मजदूरों को सम्मान, बेहतर मजदूरी और पलायन से राहत दी। महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत से अधिक रही जिससे सामाजिक सशक्तिकरण को बल मिला।
कोविड काल में यही योजना करोड़ों लोगों के लिए सुरक्षा कवच बनी थी। आज उसी ढाल को हटाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बिना स्थायी समिति की समीक्षा के कानून पारित किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ग्रामीण गरीबों, महिलाओं और वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए इस कानून की वापसी तक संघर्ष करेगी।
Trending Videos
चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने मनरेगा को समाप्त कर उसकी जगह लाए गए नए कानून को ग्रामीण भारत के खिलाफ सुनियोजित साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बिना किसी सार्वजनिक बहस के एक झटके में मनरेगा के बीस वर्षों के सामाजिक और आर्थिक योगदान को खत्म कर दिया। यह कदम लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना का अपमान है।
राव नरेंद्र ने कहा कि यह कानून मांग पर मिलने वाली रोजगार गारंटी को समाप्त कर दिल्ली से नियंत्रित, सीमित और मनमानी योजना थोप देता है। इससे न केवल राज्यों के अधिकार कमजोर होंगे बल्कि गांवों की आत्मनिर्भरता पर भी सीधा प्रहार होगा। उन्होंने कहा कि मनरेगा ने मजदूरों को सम्मान, बेहतर मजदूरी और पलायन से राहत दी। महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत से अधिक रही जिससे सामाजिक सशक्तिकरण को बल मिला।
विज्ञापन
विज्ञापन
कोविड काल में यही योजना करोड़ों लोगों के लिए सुरक्षा कवच बनी थी। आज उसी ढाल को हटाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बिना स्थायी समिति की समीक्षा के कानून पारित किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ग्रामीण गरीबों, महिलाओं और वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए इस कानून की वापसी तक संघर्ष करेगी।