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एक अभागे बाप की दर्दनाक कहानी, सरकार सुनती नहीं और वो खुद बेबस लाचार है
ब्यूरो/अमर उजाला, जालंधर(पंजाब)
Updated Thu, 29 Jun 2017 05:06 PM IST
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युवक का शव
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एक अभागे बाप की दर्दनाक कहानी सुनकर आपको रोना आ जाएगा। सरकारी इसकी सुनती नहीं है और वह खुद इतना मजबूर है कि कुछ कर नहीं सकता। मामला पंजाब के जालंधर का है। दरअसल, एक भारतीय युवक राकेश कुमार का शव पिछले दो साल से सऊदी अरब में रखा हुआ है। उसकी हादसे में मौत हो गई थी।
वह होशियारपुर के गांव नमनीतपुर का रहने वाला था, लेकिन अभी तक उसका शव वतन वापिस नहीं लाया जा सका है। मृतक के पिता इतने गरीब हैं कि वे सऊदी अरब नहीं जा सकते। बेटे का शव घर ले आएं, इसके लिए वे लगातार प्रयास कर रहे हैं। पर न तो अफसर सुनते हैं और न ही सरकार।
बेटे का शव लाने के लिए उन्होंने सऊदी अरब के दूतावास से लेकर सांसद अविनाय राय खन्ना तक से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने अब तक उनकी एक न सुनी। दूतावास का कहना है कि डीएनए टेस्ट के लिए सऊदी अरब जाना होगा, जबकि मृतक के पिता के पास दिल्ली जाने तक के पैसे नहीं है।
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वह होशियारपुर के गांव नमनीतपुर का रहने वाला था, लेकिन अभी तक उसका शव वतन वापिस नहीं लाया जा सका है। मृतक के पिता इतने गरीब हैं कि वे सऊदी अरब नहीं जा सकते। बेटे का शव घर ले आएं, इसके लिए वे लगातार प्रयास कर रहे हैं। पर न तो अफसर सुनते हैं और न ही सरकार।
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बेटे का शव लाने के लिए उन्होंने सऊदी अरब के दूतावास से लेकर सांसद अविनाय राय खन्ना तक से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने अब तक उनकी एक न सुनी। दूतावास का कहना है कि डीएनए टेस्ट के लिए सऊदी अरब जाना होगा, जबकि मृतक के पिता के पास दिल्ली जाने तक के पैसे नहीं है।
दो साल पहले गया था, सड़क हादसे में मौत हो गई
dead body
- फोटो : demo pic
हाल ही में सऊदी अरब से लौटे चरणजीत ने कहा है कि उनके निकटवर्ती गांव मनमीतपुर का रहने वाला दलित युवक राकेश कुमार दो साल पहले सऊदी अरब गया था। वहां उसकी दुर्घटना में मौत हो गई थी। राकेश कुमार का शव वहां अब भी रखा हुआ है। चरणजीत का कहना है कि वह राकेश के पिता को लेकर कई बार दूतावास गया।
वे सांसद अविनाश राय खन्ना के पास भी गये। खन्ना ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह जल्द ही राकेश का शव भारत लाने की पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन अभी तक उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया। इसके बाद वह कई बार तत्कालीन मंत्री सोहन सिंह ठंडल के पास गए और दस बार चक्कर लगाने के बाद एक बार ठंडल ने उनकी बात सुनी।
चरणजीत ने कहा कि राकेश के पिता की आस थी कि बेटे का शव सऊदी अरब से लाकर इंश्योरेंस का पैसा लेकर बेटी की शादी करेंगे, लेकिन बेटे के शव के आने का इंतजार करते करते पिता की मानसिक हालत खराब हो गई है। अब तो सरकार ही कुछ कर सकती है।
वे सांसद अविनाश राय खन्ना के पास भी गये। खन्ना ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह जल्द ही राकेश का शव भारत लाने की पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन अभी तक उन्होंने अपना वादा नहीं निभाया। इसके बाद वह कई बार तत्कालीन मंत्री सोहन सिंह ठंडल के पास गए और दस बार चक्कर लगाने के बाद एक बार ठंडल ने उनकी बात सुनी।
चरणजीत ने कहा कि राकेश के पिता की आस थी कि बेटे का शव सऊदी अरब से लाकर इंश्योरेंस का पैसा लेकर बेटी की शादी करेंगे, लेकिन बेटे के शव के आने का इंतजार करते करते पिता की मानसिक हालत खराब हो गई है। अब तो सरकार ही कुछ कर सकती है।