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हरियाणा में गरीबी घटी: सरकारी योजनाओं की बेहतर पहुंच, बढ़ते खर्च ने बदली तस्वीर; इन पांच मुख्य कारणों का असर

कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़ Published by: नवीन दलाल Updated Sat, 25 Oct 2025 08:53 AM IST
सार

हरियाणा के आसपास के राज्यों में भी गरीबी में कमी आई है। पंजाब में ग्रामीण गरीबी 7.4 फीसदी और शहरी गरीबी 17.6 फीसदी से घटकर क्रमश: 0.6 और 2.6 फीसदी हो गई।

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Poverty declines in Haryana: Improved access to government schemes and increased spending change picture
सीएम नायब सिंह सैनी - फोटो : एएनआई
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विस्तार
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हरियाणा में गरीबी तेजी से घट रही है और आम लोगों की जेब पहले से ज्यादा मजबूत हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की रिपोर्ट-2025 के मुताबिक राज्य में 2011-12 में ग्रामीण गरीबी 11 फीसदी और शहरी गरीबी 15.3 फीसदी थी जो अब घटकर क्रमशः 4.1 और 4.3 फीसदी रह गई है यानी एक दशक में गरीबी में करीब तीन गुना तक गिरावट आई है। यह राज्य के विकास और सरकारी योजनाओं की लोगों तक असरदार पहुंच का बड़ा संकेत है।

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रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि में हरियाणा में प्रति व्यक्ति मासिक खपत में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और असमानता का स्तर भी घटा है। गांव और शहर के बीच खर्च करने की क्षमता का अंतर पहले से काफी कम हुआ है जिससे पता चलता है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है।
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प्रदेश की गरीबी रेखा भी खिसकी ऊपर
रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में 2011-12 में ग्रामीण गरीबी रेखा 1,128 रुपये और शहरी गरीबी रेखा 1,528 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह थी। 2022-23 में यह बढ़कर ग्रामीण इलाकों में 2,083 रुपये और शहरों में 2,696 रुपये हो गई है यानी अब ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाला व्यक्ति अगर 2,083 रुपये से कम और शहरी क्षेत्र का व्यक्ति 2,696 रुपये से कम प्रतिमाह खर्च करता है तो ही उसे गरीब माना जाएगा।

पड़ोसी राज्यों में भी सुधार

आसपास के राज्यों में भी गरीबी में कमी आई है। पंजाब में ग्रामीण गरीबी 7.4 फीसदी और शहरी गरीबी 17.6 फीसदी से घटकर क्रमश: 0.6 और 2.6 फीसदी हो गई। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में 2011-12 में ग्रामीण गरीबी 11.1 फीसदी और शहरी गरीबी 8.8 फीसदी थी जो अब घटकर क्रमश: 0.4 और दो फीसदी रह गई है।

गरीबी घटने के पांच मुख्य कारण

डीएवी कॉलेज सेक्टर-10 चंडीगढ़ के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर डाॅॅ. बिमल अंजुम के मुताबिक गरीबी घटने के पांच मुख्य कारण हैं। पहला सरकार की मुफ्त राशन नीति से लोगों के बैंक बैलेंस में वृद्धि हुई है। दूसरा समाज कल्याण की योजनाओं की आम नागरिकों तक आसानी से पहुंच बढ़ी है जिससे लोगों को पेंशन व अन्य सुविधाओं का लाभ मिलने लगा। पेंशन राशि में लगातार वृद्धि भी हो रही है।

तीसरे हरियाणा में किसानों को ज्यादा फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिला है। गरीबी घटने का चाैथा कारण पंजाब की तरह हरियाणा के युवाओं में भी विदेश जाने का ट्रेंड पिछले कुछ वर्षों से काफी बढ़ा है। विदेशी मुद्रा की आमदनी से गरीबी का ग्राफ कम हुआ है। पांचवा कारण हरियाणा के 14 जिले एनसीआर क्षेत्र में आ चुके हैं इससे वहां की जमीनों के दाम में वृद्धि के साथ-साथ रोजगार व व्यापार के तमाम साधन सुगम हो गए हैं।

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