कांग्रेस ने पंजाब को बदनाम कियाः सुखबीर बादल
पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कांग्रेस पर प्रदेश को बदनाम करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने कहा कि कांग्रेस ने पंजाब की छवि को देशभर में धूमिल करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नशों तथा आर्थिक फ्रंट दोनों पर ही प्रदेश को बदनाम किया है।
बावजूद इसके प्रदेश लगातार तरक्की की राह पर है और अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार इसकी बिगड़ी अर्थव्यवस्था को तिनका-तिनका इकट्ठा करके संवार रही है।
उन्होंने आंकड़ों के आधार पर प्रदेश को तरक्की की राह पर निरंतर आगे बढ़ता हुआ करार दिया।सुखबीर ने कहा कि कभी कांग्रेस उपाध्यक्ष पंजाब के 70 फीसदी युवाओं को नशेड़ी करार देते हैं तो कभी राज्य को आर्थिक संकट में फंसा हुआ बताते हैं।
उन्होंने 2002 से 2007 की अवधि वाली कैप्टन अमरिंदर की कांग्रेस सरकार व मौजूदा गठबंधन सरकार के समय में हुए विकास के आधार पर खुद के प्रदर्शन को बेहतर करार दिया।
पंजाब का बजट पारित, बहस में सुखबीर बरसे
पंजाब का साल 2015-16 का बजट मंगलवार को विधानसभा में पारित हो गया। 79 हजार 314 करोड़ के इस बजट के पारित होने से पहले जबरदस्त बहस हुई, जिसमें उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और नेता प्रतिपक्ष चौ. सुनील जाखड़ ने मुख्य रूप से हिस्सा लिया।
सुखबीर ने पंजाब कांग्रेस को प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने लिए जिम्मेदार ठहराया, तो जाखड़ ने औद्योगिक व आर्थिक संकट के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान प्रदेश को कुछ न मिलने पर निराशा जताई। वहीं, वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा कि पिछले दस साल में यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान देश में मंदी बढ़ी।
आज भी देश को उसके परिणामों का सामना करना पड़ रहा है। अब एनडीए सरकार बनने से आम लोगों में जरूर कुछ उम्मीद जगी है। एनडीए सरकार की नीतियों से पंजाब को 2015-16 के दौरान केंद्र से करीब 3000 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्राप्त होंगे।
आम आदमी को क्या मिला, यह बताएं सुखबीर
नेता प्रतिपक्ष सुनील जाखड़ ने इससे पहले यह वक्त आंकड़े दिखाने का नहीं, बल्कि आम आदमी को क्या मिला, यह बताने का वक्त है।
जाखड़ ने मंडी गोबिंदगढ़ में उद्योपति राजेश गुप्ता को एक ईटीओर द्वारा धमकाए जाने के बाद उसकी खुदकुशी और कुछ महीने पहले एक युवती के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निवास के समक्ष आत्महत्या की कोशिश किए जाने के मामले प्रदेश के हालात की असल तस्वीर पेश करते हैं।
उन्होंने कहा कि आज हालत यह है कि हर प्रदेश को रोजाना करोड़ों रुपये इसके ब्याज के रूप में देने पड़ रहे हैं।