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Chandigarh News: मामला रिश्वत और भ्रष्टाचार का, विजिलेंस को करेंगे केस ट्रांसफर

Chandigarh Bureau चंडीगढ़ ब्यूरो
Updated Fri, 26 Sep 2025 05:38 AM IST
सार

चंडीगढ़ में इंजीनियरिंग विभाग के एक्सईएन और ठेकेदार एसके गुप्ता के बीच रिश्वत के आरोपों का मामला सामने आया है। पुलिस जांच के बाद मामला विजिलेंस को सौंपने की तैयारी है। शिकायत के बावजूद चीफ इंजीनियर ने गंभीरता से जांच नहीं कराई।

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The case is of bribery and corruption, the case will be transferred to Vigilance.
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विस्तार
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चंडीगढ़। यूटी प्रशासन के इंजीनियरिंग विभाग के एक्सईएन की शिकायत पर पुलिस कंप्लेंट अथॉरिटी (पीसीए) में सुनवाई के दौरान पुलिस ने अपना जवाब दाखिल किया है। एसएसपी ने कहा है कि पुलिस ने अपने स्तर पर जांच की लेकिन मामला रिश्वत और भ्रष्टाचार से जुड़ा है इसलिए इसकी जांच विजिलेंस को सौंपी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही मामले की जांच विजिलेंस के पास ट्रांसफर हो सकती है। इसके बाद विजिलेंस इंजीनियरिंग विभाग के संबंधित अधिकारियों के साथ-साथ रिश्वत का आरोप लगाने वाले ठेकेदार एसके गुप्ता को भी पूछताछ के लिए तलब कर सकती है।
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मामला उस वीडियो से जुड़ा है, जिसे एक ठेकेदार ने करीब 6 महीने पहले एक्सईएन के कमरे से वायरल किया था और कई अधिकारियों पर आरोप लगाए थे। बाद में ठेकेदार ने शिकायत वापस ले ली थी लेकिन एक्सईएन ने 20 अप्रैल को ठेकेदार पर साजिश रचने और छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए पुलिस से कार्रवाई की मांग की थी। चार अप्रैल को ठेकेदार एसके गुप्ता ने एक्सईएन चंद्रशेखर के कमरे में उनके सामने नोटों की गड्डी दिखाते हुए वीडियो बनाई थी, जिसमें ठेकेदार ने उन्हें परेशान करने और बड़े अधिकारियों पर रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे। वीडियो में कई अधिकारियों को रिश्वत देने की बात कही। ठेकेदार ने आरोप लगाया कि एक रिटायर्ड (उस समय मौजूद) अधिकारी ने उनसे रिश्वत के नाम पर तीन लाख रुपये लिए। इसके अलावा एक अधिकारी ने 50 हजार रुपये लिए। उन्होंने चीफ इंजीनियर से शिकायत की थी। हालांकि बाद में ठेकेदार ने अपनी शिकायत वापस ले ली लेकिन इस मामले में घटना के करीब दो हफ्ते बाद 20 अप्रैल को एक्सईएन चंद्रशेखर ने पुलिस को शिकायत दी कि ठेकेदार एसके गुप्ता, गुरविंदर संधू और संजय अरोड़ा ने वीडियो बनाकर जानबूझकर उनकी छवि खराब की जबकि इस टेंडर से उनका कोई लेना-देना नहीं था न ही वह इलेक्ट्रिकल विभाग में थे। लगभग छह महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। पुलिस की लापरवाही से निराश होकर चंद्रशेखर ने पीसीए में शिकायत दी है। वहीं, चीफ इंजीनियर सीबी ओझा का कहना था कि ठेकेदार और अधिकारियों के बीच समझौता हो गया था लेकिन हैरानी इस बात की है कि खुद उनके नाम पर रिश्वत लेने के आरोप थे, इसके बावजूद भी चीफ इंजीनियर मामले के तह तक क्यों नहीं गए।
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