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ध्यान दें... ऑस्टियोपोरोसिस मरीजों के लिए खतरा हैं बाथरूम, फिसलने से कूल्हे में आ जाता है फ्रैक्चर
आशीष वर्मा, चंडीगढ़
Published by: खुशबू गोयल
Updated Tue, 20 Oct 2020 11:52 AM IST
सार
- ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियां होती हैं खोखली, गिरते ही टूट जाती हैं
- फिसलकर गिरने से एक साल में 25 फीसदी मरीजों की हो जाती है मौत
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प्रतीकात्मक तस्वीर
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विस्तार
ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों की हड्डियां इतनी कमजोर होती हैं कि गिरते ही टूट जाती हैं, इसलिए बाथरूम उनके लिए बड़ा खतरा है। कई बार हड्डियां ऐसी जगह से टूटती हैं कि मरीज की मौत हो जाती है। पीजीआई ने अपनी स्टडी में पाया है कि 100 में से ऑस्टियोपोरोसिस के 70 फीसदी मरीज घर पर गिरते हैं।
इनमें से 35 से 40 फीसदी मरीज बाथरूम में गिरते हैं। जो मरीज बाथरूम में गिरे, उनका फॉलोअप किया गया। जिन मरीजों के कूल्हे में फ्रैक्चर हुआ था, इनमें से 25 फीसदी मरीजों की एक साल में मौत हो गई थी। विशेषज्ञ बताते हैं कि बुजुर्गों के पैर फिसलकर गिरने व कूल्हा टूटने की सबसे अधिक घटनाएं बाथरूम में होती हैं।
एक बार कूल्हा टूटने पर दोबारा टूटने का खतरा तीन गुना बढ़ जाता है। आमतौर पर लोग ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज के इलाज के साथ उन्हें गिरने से बचाना भी महत्वपूर्ण है। इसके लिए बाथरूम के साथ घर को ऐसा सुव्यवस्थित बनाना है कि ताकि बुजुर्ग न गिरें।
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इनमें से 35 से 40 फीसदी मरीज बाथरूम में गिरते हैं। जो मरीज बाथरूम में गिरे, उनका फॉलोअप किया गया। जिन मरीजों के कूल्हे में फ्रैक्चर हुआ था, इनमें से 25 फीसदी मरीजों की एक साल में मौत हो गई थी। विशेषज्ञ बताते हैं कि बुजुर्गों के पैर फिसलकर गिरने व कूल्हा टूटने की सबसे अधिक घटनाएं बाथरूम में होती हैं।
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एक बार कूल्हा टूटने पर दोबारा टूटने का खतरा तीन गुना बढ़ जाता है। आमतौर पर लोग ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज के इलाज के साथ उन्हें गिरने से बचाना भी महत्वपूर्ण है। इसके लिए बाथरूम के साथ घर को ऐसा सुव्यवस्थित बनाना है कि ताकि बुजुर्ग न गिरें।
ऑस्टियोपोरोसिस में हड्डियां कमजोर क्यों हो जाती हैं
विशेषज्ञों के मुताबिक, लड़का हो या लड़की। सबकी हड्डियां किशोरावस्था तक ही बनती हैं। जो 30 साल तक जितना खेलेगा-कूदेगा, उसकी हड्डी उतनी मजबूत होगी। 30 की उम्र के बाद हड्डियों का विकास बंद हो जाता है। जो लोग एक्सरसाइज नहीं करते हैं और जिनकी डाइट में कैल्शियम व विटामिन डी की कमी होती है, उनकी हड्डियां खोखली होने लगती हैं।
हड्डियां अंदर से भुरभुरी हो जाती हैं। कई बार तो यह भी पाया गया है कि छींकने व कम ऊंचाई से गिरने पर ही हड्डियों में फ्रैक्चर आ जाता है। महिलाओं में इस बीमारी के ज्यादा होने की एक वजह मीनोपॉज है। मीनोपॉज के बाद हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। महिलाओं में 50 की उम्र में यह बीमारी होती है, जबकि पुरुषों में 60 के आसपास।
हड्डियां अंदर से भुरभुरी हो जाती हैं। कई बार तो यह भी पाया गया है कि छींकने व कम ऊंचाई से गिरने पर ही हड्डियों में फ्रैक्चर आ जाता है। महिलाओं में इस बीमारी के ज्यादा होने की एक वजह मीनोपॉज है। मीनोपॉज के बाद हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। महिलाओं में 50 की उम्र में यह बीमारी होती है, जबकि पुरुषों में 60 के आसपास।
बाथरूम में इस प्रकार की बरतें सावधानी
- बाथरूम में लाइट जलाकर रखें
- बाथरूम के बाहर चप्पलें बिखरी न हों। रास्ता साफ हो
- बाथरूम में फिसलन नहीं होनी चाहिए। नहाने के बाद उसे साफ करें
- नए जूते पहनकर बाथरूम जाने से बचें
- बाथरूम के अंदर पकड़ जरूर होनी चाहिए ताकि बुजुर्ग को दिक्कत न हो
- बाथरूम के बाहर पावदान ठीक ठाक होना चाहिए, पैर फंसने से गिरने का खतरा रहता है
- कमरे में भी अंधेरा नहीं होना चाहिए। नाइट बल्ब जलती रहनी चाहिए
- घर का कालीन ढीला न हो। इसमें भी पांव फंसने का खतरा रहता है
- जब भी बुजुर्ग घर के बाहर जाएं तो हाथ में छड़ी जरूर हो
- बुजुर्गों की आंखों की रोशनी हर छह महीने में जांच करवाते रहें
हड्डियों की मजबूती के लिए क्या करें
सुबह दस से तीन बजे के बीच 45 मिनट की धूप जरूरी है। इससे शरीर को प्राकृतिक स्रोत से विटामिन डी मिलता है। कुछ लोग दूध, दही, पनीर खाते हैं, लेकिन फिर भी उनमें विटामिन की डी कमी रहती है। दरअसल, कैल्शियम को आंत में जमा होता रहता है। उसे एक्टिव करने के लिए विटामिन डी का होना जरूरी है। यदि फिर भी कमी हो तो दवाओं की मदद से पूरा किया जा सकता है। इसके लिए डाक्टर की सलाह जरूरी है। इसके साथ मांसपेशियों को एक्टिव करने के लिए रोजाना एक्सरसाइज भी जरूरी है।
ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज को गिरने से बचाना होगा। बाथरूम में सबसे ज्यादा फिसलने का खतरा रहता है। हमनें अपनी एक स्टडी में पाया है कि जिन मरीजों को कूल्हे में फ्रैक्चर हुआ था, उनमें 25 फीसदी मरीजों की मौत एक साल में हो गई थी।
- प्रो. संजय बडाडा, इंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट चंडीगढ़
मैं ऑस्टियोपोरोसिस की मरीज हूं, लेकिन मेरी जिंदगी बेहतर है क्योंकि मैं अपने डाक्टर पर विश्वास रखती हूं। जो वो मुझे बताते हैं, मैं उसी पर ध्यान देती हूं। मरीज को अपने अंदर सकारात्मक सोच रखनी होगी। डाइट में पौष्टिक आहार के साथ योग, प्राणायाम भी जरूरी है। सबसे महत्वपूर्ण फैमिली सपोर्ट। इन सबसे मरीज की लाइफ बेहतर होती है।
- डॉ. राणा हरिंदर, पूर्व निदेशक हेल्थ सर्विसेज
ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज को गिरने से बचाना होगा। बाथरूम में सबसे ज्यादा फिसलने का खतरा रहता है। हमनें अपनी एक स्टडी में पाया है कि जिन मरीजों को कूल्हे में फ्रैक्चर हुआ था, उनमें 25 फीसदी मरीजों की मौत एक साल में हो गई थी।
- प्रो. संजय बडाडा, इंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट चंडीगढ़
मैं ऑस्टियोपोरोसिस की मरीज हूं, लेकिन मेरी जिंदगी बेहतर है क्योंकि मैं अपने डाक्टर पर विश्वास रखती हूं। जो वो मुझे बताते हैं, मैं उसी पर ध्यान देती हूं। मरीज को अपने अंदर सकारात्मक सोच रखनी होगी। डाइट में पौष्टिक आहार के साथ योग, प्राणायाम भी जरूरी है। सबसे महत्वपूर्ण फैमिली सपोर्ट। इन सबसे मरीज की लाइफ बेहतर होती है।
- डॉ. राणा हरिंदर, पूर्व निदेशक हेल्थ सर्विसेज