{"_id":"6955193c99df14161c0560dd","slug":"57-mobile-medical-units-depart-covering-more-than-2100-villages-in-18-districts-in-chhattisgarh-2025-12-31","type":"story","status":"publish","title_hn":"दूरस्थ इलाकों में पहुंचेगी इलाज की सुविधा:57 मोबाइल मेडिकल यूनिट रवाना,18 जिलों के 2100 से अधिक गांव होंगे कवर","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
दूरस्थ इलाकों में पहुंचेगी इलाज की सुविधा:57 मोबाइल मेडिकल यूनिट रवाना,18 जिलों के 2100 से अधिक गांव होंगे कवर
अमर उजाला नेटवर्क, रायपुर
Published by: अमन कोशले
Updated Wed, 31 Dec 2025 06:08 PM IST
विज्ञापन
सार
घने वनांचल और दूरस्थ आदिवासी अंचलों तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुंचाने के उद्देश्य से नवा रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 57 मोबाइल मेडिकल यूनिट वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री साय ने 57 मोबाइल मेडिकल यूनिट वाहनों को दिखाई हरी झंडी
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
घने वनांचल और दूरस्थ आदिवासी अंचलों तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुंचाने के उद्देश्य से नवा रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 57 मोबाइल मेडिकल यूनिट वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान ‘पीएम जनमन’ के तहत शुरू की गई इस पहल से विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल सहित मंत्रीमंडल के सदस्य और विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
मोबाइल मेडिकल यूनिट के जरिए प्रदेश के 18 जिलों के 2100 से अधिक गांवों और बसाहटों में नियमित स्वास्थ्य सेवाएँ पहुंचाई जाएंगी। इससे 2 लाख से ज्यादा पीवीटीजी आबादी को सीधे लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में रहने वाले परिवारों को अब इलाज और जांच की सुविधा उनके ही गांव में उपलब्ध होगी। उन्होंने इसे आदिवासी समुदायों की स्वास्थ्य सुरक्षा की बड़ी पहल बताया।
मोबाइल यूनिट में डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्निशियन और स्थानीय वॉलंटियर मौजूद रहेंगे। इनमें 25 तरह की जांच सुविधाएँ और 106 प्रकार की दवाइयाँ निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह यूनिट उन क्षेत्रों के लिए जीवनरेखा साबित होंगी, जहाँ स्वास्थ्य सेवाओं की नियमित पहुँच अभी तक नहीं हो पाती थी।
स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने बताया कि पीएम जनमन योजना के तहत बसाहट स्तर तक बुनियादी सुविधाएँ पहुँचाने पर जोर दिया गया है। मोबाइल यूनिट हर 15 दिन में शिविर लगाएंगी, जहां जांच, उपचार और दवाइयाँ उपलब्ध कराई जाएंगी। गंभीर मरीजों को निकटतम स्वास्थ्य संस्थानों तक रिफर करने की व्यवस्था भी रहेगी।
सरकार का मानना है कि इस पहल से टीबी, मलेरिया, कुपोषण और एनीमिया जैसी बीमारियों की समय पर पहचान और रोकथाम में मदद मिलेगी। पहले संसाधनों की कमी के कारण इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ नियमित रूप से नहीं पहुंच पाती थीं, लेकिन अब नए वाहन और प्रशिक्षित कर्मियों के साथ यह व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित की जा सकेगी।
Trending Videos
मोबाइल मेडिकल यूनिट के जरिए प्रदेश के 18 जिलों के 2100 से अधिक गांवों और बसाहटों में नियमित स्वास्थ्य सेवाएँ पहुंचाई जाएंगी। इससे 2 लाख से ज्यादा पीवीटीजी आबादी को सीधे लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में रहने वाले परिवारों को अब इलाज और जांच की सुविधा उनके ही गांव में उपलब्ध होगी। उन्होंने इसे आदिवासी समुदायों की स्वास्थ्य सुरक्षा की बड़ी पहल बताया।
विज्ञापन
विज्ञापन
मोबाइल यूनिट में डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्निशियन और स्थानीय वॉलंटियर मौजूद रहेंगे। इनमें 25 तरह की जांच सुविधाएँ और 106 प्रकार की दवाइयाँ निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह यूनिट उन क्षेत्रों के लिए जीवनरेखा साबित होंगी, जहाँ स्वास्थ्य सेवाओं की नियमित पहुँच अभी तक नहीं हो पाती थी।
स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने बताया कि पीएम जनमन योजना के तहत बसाहट स्तर तक बुनियादी सुविधाएँ पहुँचाने पर जोर दिया गया है। मोबाइल यूनिट हर 15 दिन में शिविर लगाएंगी, जहां जांच, उपचार और दवाइयाँ उपलब्ध कराई जाएंगी। गंभीर मरीजों को निकटतम स्वास्थ्य संस्थानों तक रिफर करने की व्यवस्था भी रहेगी।
सरकार का मानना है कि इस पहल से टीबी, मलेरिया, कुपोषण और एनीमिया जैसी बीमारियों की समय पर पहचान और रोकथाम में मदद मिलेगी। पहले संसाधनों की कमी के कारण इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ नियमित रूप से नहीं पहुंच पाती थीं, लेकिन अब नए वाहन और प्रशिक्षित कर्मियों के साथ यह व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित की जा सकेगी।