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EC: चुनाव कर्मचारियों की सुरक्षा पर आयोग सख्त; अभिषेक बनर्जी के आरोपों पर कहा- धमकी बर्दाश्त नहीं

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता Published by: हिमांशु चंदेल Updated Wed, 31 Dec 2025 05:52 PM IST
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सार

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में चुनाव कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने राज्य सरकार से बीएलओ को बढ़ा हुआ मानदेय तुरंत जारी करने को कहा है। साथ ही अभिषेक बनर्जी के आरोपों के बाद आयोग ने टीएमसी को चेतावनी दी कि चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को धमकाने पर कड़ी कार्रवाई होगी।

Election Commission take strict stance on officials safety warning TMC that threats intimidation not tolerated
चुनाव आयोग - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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पश्चिम बंगाल में चुनावी तैयारियों के बीच चुनाव आयोग ने बड़ा और सख्त संदेश दिया है। आयोग ने साफ कहा है कि चुनाव ड्यूटी में लगे किसी भी कर्मचारी को डराने-धमकाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। चाहे वह बीएलओ हों, ईआरओ, एईआरओ या ऑब्जर्वर। सभी की सुरक्षा और सम्मान सर्वोपरि है। बता दें, आज टीएमसी दल का प्रतिनिशि मंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकता की थी। इसके बाद उन्होंने बाहर आकर आयोग पर कई सवाल उठाए। 
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वहीं, चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रतिनिधिमंडल को स्पष्ट रूप से बताया कि राज्य सरकार को तुरंत प्रत्येक बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को बढ़ा हुआ मानदेय जारी करना चाहिए, जिसे आयोग की मंजूरी मिल चुकी है। साथ ही आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनावी प्रक्रिया को सुचारु बनाने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं।

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बीएलओ का मानदेय तुरंत जारी करने के निर्देश
चुनाव आयोग ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को बिना किसी देरी के बीएलओ को स्वीकृत बढ़ा हुआ मानदेय जारी करना चाहिए। आयोग का मानना है कि बीएलओ चुनावी व्यवस्था की रीढ़ हैं और उनके अधिकारों व सुविधाओं की अनदेखी चुनावी निष्पक्षता को प्रभावित कर सकती है।

ऊंची इमारतों और झुग्गियों में भी बूथ
टीएमसी प्रतिनिधिमंडल को आयोग ने जानकारी दी कि मतदाताओं की सुविधा के लिए ऊंची आवासीय इमारतों, गेटेड कॉलोनियों और झुग्गी-बस्तियों में भी मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इसका उद्देश्य यह है कि किसी भी मतदाता को वोट डालने में परेशानी न हो और मतदान प्रतिशत बढ़े।

राजनीतिक दबाव पर सख्त रुख
चुनाव आयोग ने दो टूक कहा कि टीएमसी यह सुनिश्चित करे कि उसके जमीनी स्तर के राजनीतिक प्रतिनिधि या कार्यकर्ता चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को धमकाने में शामिल न हों। आयोग ने चेतावनी दी कि अगर कोई भी व्यक्ति कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

धमकी देने वालों पर कड़ी कार्रवाई तय
आयोग ने स्पष्ट किया कि किसी भी चुनावी कर्मचारी चाहे वह बीएलओ हो या ऑब्जर्वर को डराना गंभीर अपराध माना जाएगा। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई किसी भी तरह की धमकी को आयोग कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और दोषियों पर कठोर कदम उठाए जाएंगे। चुनाव आयोग ने कहा कि वह स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर कड़े निर्देश दिए जा रहे हैं, ताकि चुनावी कर्मचारियों पर किसी भी तरह का दबाव न डाला जा सके और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर लोगों का भरोसा बना रहे।

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