SIR: सांसद अभिषेक बनर्जी ने EC पर लगाए गुमराह करने के आरोप, कहा- किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात के बाद चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में 8 से 10 अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन अधिकांश मामलों में कोई ठोस या स्पष्ट जवाब नहीं मिला। अभिषेक बनर्जी ने बताया कि यह बैठक दोपहर 12 बजे शुरू हुई और करीब ढाई घंटे तक चली। उन्होंने याद दिलाया कि इससे पहले 28 नवंबर को टीएमसी के 10 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला था, जहां पार्टी ने पांच सवाल उठाए थे। हालांकि, आयोग की ओर से उन सवालों पर कोई सटीक जवाब नहीं दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली बैठक के बाद उसी रात चुनाव आयोग ने कुछ चुनिंदा पत्रकारों को जानकारी लीक कर यह दावा किया कि सभी सवालों के जवाब दे दिए गए हैं। “इसके तुरंत बाद मैंने ट्वीट कर कहा था कि तृणमूल कांग्रेस के पास डिजिटल सबूत हैं और चुनाव आयोग ने हमारे किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया,” बनर्जी ने कहा। ताजा बैठक को लेकर भी उन्होंने असंतोष जताया। उनका कहना था कि इस बार भी दो-तीन बिंदुओं को छोड़कर किसी भी मुद्दे पर स्पष्टता नहीं मिली। उन्होंने विशेष रूप से SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) का जिक्र करते हुए कहा कि जब वह इस विषय पर सवाल करते हैं, तो चुनाव आयोग चर्चा को नागरिकता के मुद्दे की ओर मोड़ देता है। अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि बैठक में किसी भी सवाल पर ठोस और संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।
अभिषेक ने बुजुर्गों को राहत न देने का आरोप
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों, खासकर बीमार लोगों को सुनवाई केंद्रों पर घंटों इंतजार क्यों कराया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग राहत देने में विफल है और यह उसका संवैधानिक कर्तव्य है। बनर्जी ने यह भी कहा कि क्या आयोग प्रधानमंत्री कार्यालय या गृह मंत्रालय के निर्देशों का इंतजार कर रहा है। उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठाए और इसे संयोग मानने से इनकार किया।
'हम...जनता के आगे झुकते हैं', बोले अभिषेक बनर्जी
आगे उन्होंने बताया कि बंगाल के लोग दबने वाले नहीं हैं। उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि एजेंसियों और पूरे तंत्र के इस्तेमाल के बावजूद भाजपा बंगाल नहीं जीत पाएगी। बनर्जी ने कहा कि 2012, 2021 और 2024 में भाजपा हार चुकी है और 2026 में भी यही होगा। उन्होंने साफ कहा कि तृणमूल कांग्रेस सत्ता में बैठे लोगों के सामने नहीं, बल्कि जनता की ताकत के सामने झुकती है।
'मैं...जवाब जनता को देता हूं', ईसीआई पर फिर किया हमला
आगे कहा कि आयोग आवाज उठाने पर चुप कराने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान उंगली दिखाकर डराने का प्रयास किया गया। बनर्जी ने कहा कि वह निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं और जनता को जवाबदेह हैं, जबकि अधिकारी अपने आकाओं को। उन्होंने चुनौती दी कि अगर आयोग में साहस है तो बैठक की फुटेज सार्वजनिक करे और मीडिया के सामने आकर जवाब दे, न कि रात में चुनिंदा लीक करे।
उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र, दिल्ली और बिहार में भाजपा की जीत महज संयोग नहीं, बल्कि वोट चोरी का नतीजा है। उन्होंने कहा कि वोट चोरी ईवीएम से नहीं, बल्कि सूची में हेरफेर से होती है। बनर्जी ने आरोप लगाया कि निर्देश व्हाट्सऐप के जरिए दिए जा रहे हैं, जबकि सरकार और आयोग को सर्कुलर और नोटिफिकेशन जारी करने चाहिए। उन्होंने पूछा कि बीएलए-2 प्रतिनिधियों को सुनवाई प्रक्रिया में क्यों नहीं शामिल किया जा रहा और मतदाता सूची में गड़बड़ी की सूची सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही।
बंगाल के साथ सौतेला व्यवहार...
मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात के बाद अभिषेक ने कहा कि बंगाल के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में प्रवासी मजदूरों को शारीरिक रूप से सुनवाई के लिए नहीं बुलाया गया, लेकिन बंगाल में अलग नियम लागू किए जा रहे हैं। बनर्जी ने कहा कि उन्होंने आठ से 10 सवाल उठाए, जिनका संतोषजनक जवाब नहीं मिला। उन्होंने बताया कि सुनवाई केंद्र बढ़ाने पर मौखिक सहमति दी गई है, लेकिन लिखित आदेश नहीं दिया गया। उन्होंने साफ कहा कि बिना सर्कुलर के मौखिक बयान का कोई मूल्य नहीं होता और बीएलएओ प्रतिनिधि सुनवाई केंद्रों पर मौजूद रहेंगे।
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