{"_id":"6953dfd561228ffb1808ba11","slug":"year-ender-2025-ten-major-milestones-achieved-by-the-indian-army-2025-12-30","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"Year Ender 2025: ऑपरेशनल ताकत से कूटनीति तक..., भारतीय सेना ने इस साल हासिल कीं ये 10 बड़ी उपलब्धियां","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Year Ender 2025: ऑपरेशनल ताकत से कूटनीति तक..., भारतीय सेना ने इस साल हासिल कीं ये 10 बड़ी उपलब्धियां
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: निर्मल कांत
Updated Wed, 31 Dec 2025 04:23 PM IST
सार
Year Ender 2025: साल 2025 ने भारतीय सेना की ताकत, रणनीति और तकनीकी क्षमताओं को नए आयाम दिए। इस साल सीमा पार अभियान, आधुनिक हथियारों और नई इकाइयों के तैनाती ने सुरक्षा ढांचे को मजबूत किया। सेना ने क्या-क्या दस बड़ी उपलब्धियां इस साल हासिल की हैं, आइए जानते हैं-
विज्ञापन
2025 भारतीय सेना ने हासिल की कई उपलब्धियां
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक
साल 2025 अपने अंतिम दिन की ओर बढ़ रहा है और नया साल आने वाला है। इस साल भारतीय सेना ने कई उपलब्धियां हासिल की है। सेना के अधिकारियों ने इस साल की दस उपलब्धियों पर प्रकाश डाला है। आइए उनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
Trending Videos
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान में तबाही का मंजर
- फोटो : पीटीआई (फाइल)
ऑपरेशन सिंदूर
इन उपलब्धियों में ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया गया है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि मई में इस सैन्य अभियान के दौरान सीमा पार आतंकवादियों के नौ शिविरों को तबाह किया गया। इनमें सात भारतीय सेना और दो भारतीय वायुसेना ने नष्ट किए। पाकिस्तान ने ड्रोन से सैन्य और नागरिक लक्ष्यों को निशाना बनाने का प्रयास किया। लेकिन भारतीय वायु सेना की रक्षा इकाइयों ने सभी खतरों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया। एलओसी के साथ दर्जनों आतंकवादी लॉन्च पैड भी जमीन से आधारित हथियारों के जरिये नष्ट किए गए। इसके बाद भारतीय सेना के डॉयरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) को पाकिस्तानी समकक्ष की ओर से युद्धविराम का अनुरोध किया और दोनों पक्षों में गोलीबारी रोकने का समझौता हुआ।
इन उपलब्धियों में ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया गया है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि मई में इस सैन्य अभियान के दौरान सीमा पार आतंकवादियों के नौ शिविरों को तबाह किया गया। इनमें सात भारतीय सेना और दो भारतीय वायुसेना ने नष्ट किए। पाकिस्तान ने ड्रोन से सैन्य और नागरिक लक्ष्यों को निशाना बनाने का प्रयास किया। लेकिन भारतीय वायु सेना की रक्षा इकाइयों ने सभी खतरों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया। एलओसी के साथ दर्जनों आतंकवादी लॉन्च पैड भी जमीन से आधारित हथियारों के जरिये नष्ट किए गए। इसके बाद भारतीय सेना के डॉयरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन (डीजीएमओ) को पाकिस्तानी समकक्ष की ओर से युद्धविराम का अनुरोध किया और दोनों पक्षों में गोलीबारी रोकने का समझौता हुआ।
विज्ञापन
विज्ञापन
पिनाका हथियार प्रणाली
- फोटो : पीआईबी (फाइल)
लंबी दूरी की मारक क्षमता और सटीक हमला
- ब्रहमोस (सेना): एक दिसंबर 2025 को दक्षिण कमान की ब्रहमोस इकाई ने अंडमान-निकोबार कमान के जवानों के साथ मिसाइल का परीक्षण किया। इस परीक्षण से पुष्टि हुई कि मिसाइल तेज गति में भी सही दिशा में चलती है और सटीक निशाने पर पहुंचती है। साल 2025 में ब्रहमोस मिसाइल को और लंबी दूरी और तेज प्रतिक्रिया के लिए तैयार करने के काम पर फोकस किया गया।
- पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट (एलआरजीआर): 29 दिसंबर 2025 को एलआरजीआर का सफल परीक्षण किया गया, जिसकी अनुमानित मारक क्षमता करीब 120 किलोमीटर बताई गई। यह परीक्षण लंबी दूरी तक बेहद सटीक हमला करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। साल 2025 में स्वदेशी रॉकेट प्रणाली के विकास को गति मिली और भविष्य में गहरे लक्ष्यों पर हमले के लिए लगभग 300 किलोमीटर रेंज वाले पिनाका संस्करणों पर भी काम शुरू होने की खबरें सामने आईं।
अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर
- फोटो : एक्स/एएनआई (फाइल)
विमानन और उच्च-मूल्य वाले उपकरणों का समावेश
अपाचे एएच-64ई (आर्मी एविएशन कॉर्प्स): 22 जुलाई 2025 को भारतीय सेना को पहले तीन एएच-64ई अपाचे हेलिकॉप्टर प्राप्त हुए, जबकि बाकी तीन दिसंबर 2025 में डिलीवर किए गए, जिससे लंबे समय से लंबित सेना विमानन समावेशन योजना को आगे बढ़ाया गया।
अपाचे एएच-64ई (आर्मी एविएशन कॉर्प्स): 22 जुलाई 2025 को भारतीय सेना को पहले तीन एएच-64ई अपाचे हेलिकॉप्टर प्राप्त हुए, जबकि बाकी तीन दिसंबर 2025 में डिलीवर किए गए, जिससे लंबे समय से लंबित सेना विमानन समावेशन योजना को आगे बढ़ाया गया।
विज्ञापन
सेना के ड्रोन।
- फोटो : अमर उजाला (फाइल)
नई इकाइयां और युद्धक्षेत्र की संरचनाएं
भैरव बटालियन और अशनी प्लाटून को वर्ष 2025 में चरणबद्ध तरीके से मैदान में उतारा गया। 24 अक्तूबर 2025 को राजस्थान में एक क्षमता प्रदर्शन हुआ। इस दौरान भैरव बटालियन और अशनी प्लाटून जैसी नई इकाइयों का नई तकनीकी प्रणालियों के साथ तालमेल की क्षमता को दिखाया गया, जिससे यह संकेत मिला कि ये योजनाएं अब अवधारणा से निकलकर जमीनी स्तर पर लागू हो चुकी हैं। अक्तूबर 2025 की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कम समय-सीमा में 25 भैरव लाइट कमांडो बटालियन को सक्रिय करने और निगरानी व सटीक हमलों के लिए थल सेना में अशनी ड्रोन प्लाटून गठित करने की योजना है। इसके अलावा, भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए शक्तिबाण रेजिमेंट और दिव्यास्त्र बैटरी जैसी नई संरचनाएं बनाई गई हैं, जिन्हें मानव रहित हवाई वाहनों और लोइटर म्यूनिशन जैसी आधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है।
भैरव बटालियन और अशनी प्लाटून को वर्ष 2025 में चरणबद्ध तरीके से मैदान में उतारा गया। 24 अक्तूबर 2025 को राजस्थान में एक क्षमता प्रदर्शन हुआ। इस दौरान भैरव बटालियन और अशनी प्लाटून जैसी नई इकाइयों का नई तकनीकी प्रणालियों के साथ तालमेल की क्षमता को दिखाया गया, जिससे यह संकेत मिला कि ये योजनाएं अब अवधारणा से निकलकर जमीनी स्तर पर लागू हो चुकी हैं। अक्तूबर 2025 की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कम समय-सीमा में 25 भैरव लाइट कमांडो बटालियन को सक्रिय करने और निगरानी व सटीक हमलों के लिए थल सेना में अशनी ड्रोन प्लाटून गठित करने की योजना है। इसके अलावा, भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए शक्तिबाण रेजिमेंट और दिव्यास्त्र बैटरी जैसी नई संरचनाएं बनाई गई हैं, जिन्हें मानव रहित हवाई वाहनों और लोइटर म्यूनिशन जैसी आधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है।