CGPSC घोटाला: सुप्रीम कोर्ट से 4 आरोपियों को मिली जमानत, रायपुर जेल से रिहा होंगे नितेश और साहिल सोनवानी
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने बुधवार को चार आरोपियों नितेश सोनवानी, साहिल सोनवानी, शशांक गोयल और भूमिका कटियार को जमानत प्रदान की है।
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छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने बुधवार को चार आरोपियों नितेश सोनवानी, साहिल सोनवानी, शशांक गोयल और भूमिका कटियार को जमानत प्रदान की है। चारों आरोपी पिछले कई महीनों से न्यायिक हिरासत में रायपुर जेल में बंद थे।
जमानत पाने वालों में CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के बेटे नितेश सोनवानी और भतीजे साहिल सोनवानी, कारोबारी श्रवण गोयल के बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार शामिल हैं। इन सभी पर PSC परीक्षा के चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े का आरोप है।
मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही है। 30 सितंबर को CBI ने 2000 पन्नों का पहला पूरक चालान स्पेशल कोर्ट में पेश किया था। इस रिपोर्ट में एजेंसी ने पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया था। रिपोर्ट में आरती वासनिक, जीवन किशोर ध्रुव, निशा कोसले और दीपा आडिल सहित कई अन्य लोगों के नाम भी शामिल हैं।
क्या है CGPSC घोटाला
यह घोटाला 2020 से 2022 के बीच हुई भर्ती प्रक्रियाओं से जुड़ा है। आरोप है कि PSC परीक्षाओं और इंटरव्यू में पारदर्शिता को दरकिनार कर राजनीतिक और प्रशासनिक रसूख वाले उम्मीदवारों को उच्च पदों पर चयनित किया गया। कहा गया कि योग्य अभ्यर्थियों की अनदेखी कर डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य राजपत्रित पदों पर अपात्रों को नियुक्त किया गया।
CBI की अब तक की कार्रवाई
अब तक 12 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जांच एजेंसी ने छापेमारी के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए हैं। सभी मुख्य आरोपी फिलहाल न्यायिक रिमांड में जेल में हैं। 2021 में आयोजित PSC परीक्षा में 171 पदों के लिए भर्ती निकली थी। प्री-एग्जाम: 13 फरवरी 2022 को आयोजित हुआ, जिसमें 2,565 उम्मीदवार पास हुए। मेंस परीक्षा: 26 से 29 मई 2022 तक चली, जिसमें 509 अभ्यर्थी सफल हुए। इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 उम्मीदवारों की चयन सूची जारी की गई, जिसके बाद चयन प्रक्रिया पर सवाल उठे और मामला सामने आया। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद चारों आरोपी जल्द ही रायपुर सेंट्रल जेल से रिहा होंगे। वहीं, CBI की मुख्य जांच और ट्रायल की प्रक्रिया जारी रहेगी।