{"_id":"6902ed7720ea7fe4ff089eb6","slug":"mother-her-son-killed-along-with-her-lover-she-took-out-four-insurance-policies-worth-rs-40-lakh-before-murder-2025-10-30","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"UP: बेटे के नाम कराई 40-40 लाख की चार बीमा पॉलिसी... फिर मां ने प्रेमी संग मिलकर इसलिए कराया कत्ल; पूरी कहानी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    UP: बेटे के नाम कराई 40-40 लाख की चार बीमा पॉलिसी... फिर मां ने प्रेमी संग मिलकर इसलिए कराया कत्ल; पूरी कहानी
 
            	    अमर उजाला नेटवर्क, कानपुर देहात             
                              Published by: शाहरुख खान       
                        
       Updated Thu, 30 Oct 2025 10:44 AM IST
        
       
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            सार 
            
            
        
                                    
                कानपुर देहात में मां की ममता हार गई। मां ने प्रेमी और उसके भाई से बेटे का मर्डर करा दिया। हत्या करवाने से पहले बेटे के नाम 40-40 लाख की चार बीमा पॉलिसी भी करवाई थी, ताकि बाद में रकम आपस में बांटी जा सके। हत्या को हादसा दिखाने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस ने सारा प्लान फेल कर दिया।
 
                            
                        kanpur murder
                                    - फोटो : अमर उजाला 
                    
    
        
    
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विस्तार
                                                 
                वह मां थी। नाम भी था ममता... पर पति की मौत के बाद वह गैर पुरुष के प्रेम में पड़ गई गई। बेटे को इसकी भनक लग गई तो वह संबंधों में बाधा बन गया। यह मां को नागवार गुजरा और ममता हार गई। उसने प्रेमी के साथ मिलकर बेटे की हत्या ही करवा दी।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
 
                        
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं है। उसने हत्या से पहले बेटे के नाम पर 40-40 लाख रुपये की चार बीमा पॉलिसी लीं ताकि बाद में सबको मोटी रकम मिल जाए। बीमा की रकम मिलने में दिक्कत न आए इसके लिए हत्या को दुर्घटना का रूप दिया लेकिन पुलिस ज्यादा तेज निकली। मामले का भंडाफोड़ करदिया। दो हत्यारे भी गिरफ्तार कर लिए गए। मां अभी फरार है।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
27 अक्तूबर की सुबह यह मामला सामने आया। उस दिन सुबह-सुबह बेटे प्रदीप (23) का खून से लथपथ शव कानपुर-इटावा हाईवे के डेरापुर थाना क्षेत्र के बलहरामऊ के पास पड़ा मिला था। वह आंद्रप्रदेश में रहकर नौकरी करता था और दिवाली पर घर आया था। इस मामले में प्रदीप के बाबा जगदीश नायारण ने पौत्र की हत्या किए जाने का आरोप लगाया था।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                                        
                                                                                    
                        
                                      
  
कहानी सिर्फ इतनी ही नहीं है। उसने हत्या से पहले बेटे के नाम पर 40-40 लाख रुपये की चार बीमा पॉलिसी लीं ताकि बाद में सबको मोटी रकम मिल जाए। बीमा की रकम मिलने में दिक्कत न आए इसके लिए हत्या को दुर्घटना का रूप दिया लेकिन पुलिस ज्यादा तेज निकली। मामले का भंडाफोड़ करदिया। दो हत्यारे भी गिरफ्तार कर लिए गए। मां अभी फरार है।
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            27 अक्तूबर की सुबह यह मामला सामने आया। उस दिन सुबह-सुबह बेटे प्रदीप (23) का खून से लथपथ शव कानपुर-इटावा हाईवे के डेरापुर थाना क्षेत्र के बलहरामऊ के पास पड़ा मिला था। वह आंद्रप्रदेश में रहकर नौकरी करता था और दिवाली पर घर आया था। इस मामले में प्रदीप के बाबा जगदीश नायारण ने पौत्र की हत्या किए जाने का आरोप लगाया था।
                                                                                                                         
                                                ग्रामीणों ने किया हंगामा
                                                                                                                                 
                                                
गांव वाले भी नहीं माने और थाने पर हंगामा कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने गांव के सुक्खा उर्फ ऋषि कटियार व उसके भाई मयंक उर्फ ईशू पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली। पुलिस घटना के खुलासे के लिए छानबीन के साथ आरोपियों की तलाश में जुटी थी।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                 
                                                                                                                                                        
 
                                                                                                
                            गांव वाले भी नहीं माने और थाने पर हंगामा कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने गांव के सुक्खा उर्फ ऋषि कटियार व उसके भाई मयंक उर्फ ईशू पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली। पुलिस घटना के खुलासे के लिए छानबीन के साथ आरोपियों की तलाश में जुटी थी।
                                                                                                                         
                                                एएसपी राजेश पांडेय ने बताया कि मंगलवार रात को बरौर थानाध्यक्ष अमिता वर्मा ने टीम के साथ कुटरा मोड़ के पास अंगदपुर के ही ऋषि कटियार को घेर लिया। वह कार से था लेकिन वह गड्ढे में फंस गई। आरोपी ने भागने के प्रयास किया और पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में आरोपी के दाहिने पैर में गोली लग गई। वह पकड़ में आ गया। उसके पास से तमंचा और दो खोखे भी बरामद हुए।
                                                                                                                                                        
 
                                                                                                
                            
                                                                                                                         
                                                सिर पर हथौड़ी से वार कर मार डाला
                                                                                                                                 
                                                
पकड़े गए हत्यारोपियों के अनुसार, सिर पर हथौड़ी से वार कर मार डाला। इसके बाद शव 26 अक्तूबर की रात को फेंका गया था। शव फेंकने का स्थान और हत्या के लिए हथौड़ी का चयन चतुराई से किया गया ताकि मौत का कारण हादसा ही लगे।
 
                                                                                                
                            पकड़े गए हत्यारोपियों के अनुसार, सिर पर हथौड़ी से वार कर मार डाला। इसके बाद शव 26 अक्तूबर की रात को फेंका गया था। शव फेंकने का स्थान और हत्या के लिए हथौड़ी का चयन चतुराई से किया गया ताकि मौत का कारण हादसा ही लगे।
                                                                                                                         
                                                पुलिस की गिरफ्त में आए दोनों आरोपी
                                                                                                                                 
                                                
बुधवार शाम छह बजे के करीब रायरामापुर में दूसरा हत्यारोपी मयंक उर्फ ईशु भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया। उसके पास से हत्या में प्रयुक्त हथौड़ी भी मिल गई। मयंक ने बताया कि प्रदीप के पिता संदीप कुमार की मौत के बाद उसकी मां ममता (42) से उसके संबंध हो गए थे।
 
                                                                                                
                            बुधवार शाम छह बजे के करीब रायरामापुर में दूसरा हत्यारोपी मयंक उर्फ ईशु भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया। उसके पास से हत्या में प्रयुक्त हथौड़ी भी मिल गई। मयंक ने बताया कि प्रदीप के पिता संदीप कुमार की मौत के बाद उसकी मां ममता (42) से उसके संबंध हो गए थे।
                                                                                                                         
                                                प्रदीप को रास्ते से हटाने और बीमा करवाकर रुपये कमाने की योजना बनाई
                                                                                                                                 
                                                
इसकी जानकारी प्रदीप को हुई तो वह विरोध करने लगा। इस पर उन लोगों ने प्रदीप को रास्ते से हटाने और बीमा करवाकर रुपये कमाने की योजना बनाई। फिर उन्होंने प्रदीप की कई पॉलिसियां करवाई।
 
                                                                                                
                            इसकी जानकारी प्रदीप को हुई तो वह विरोध करने लगा। इस पर उन लोगों ने प्रदीप को रास्ते से हटाने और बीमा करवाकर रुपये कमाने की योजना बनाई। फिर उन्होंने प्रदीप की कई पॉलिसियां करवाई।
                                                                                                                         
                                                26 अक्तूबर की शाम सात बजे वह और ऋषि प्रदीप को होटल पर खाना खिलाने के बहाने ले गए। रास्ते में हथौड़ी मारकर हत्या कर शव कानपुर-इटावा हाईवे पर फेंक दिया। 
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                 
                                                                                                                                                        
 
                                                                                                
                            
                                                                                                                         
                                                बीमा की धनराशि पाने के लिए मां ने ही अपने प्रेमी व उसके भाई संग मिलकर बेटे की हत्या करवाई है। मंगलवार रात को मुठभेड़ में हत्यारोपी ऋषि को गिरफ्तार किया गया है। वह गोली लगने से घायल हुआ है। 
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                 
                                                                                                                                                        
 
                                                                                                
                            
                                                                                                                         
                                                उसके खिलाफ पूर्व में चोरी व गैंगस्टर एक्ट जैसे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। बुधवार शाम को प्रेमी मयंक को भी गिरफ्तार किया गया है। फरार चल रही मां की तलाश की जा रही है। -राजेश पांडेय, एएसपी