Kanpur: छठ के बाद वापसी…सेंट्रल पर ट्रेनों में उमड़ी भीड़, जनरल-स्लीपर कोच फुल, भीड़ नियंत्रण में जुटी रही RPF
Kanpur News: कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर छठ महापर्व के समापन के बाद दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों को लौटने वाले यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। बुधवार को पूर्वांचल और बिहार की तरफ से आईं सभी ट्रेनों के जनरल और स्लीपर कोच खचाखच भरे रहे, जिसके चलते स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने में जीआरपी और आरपीएफ को मशक्कत करनी पड़ी।
विस्तार
कानपुर में छठ महापर्व के समापन के बाद ट्रेनों में अब लौटने वालों की भीड़ होने लगी है। बुधवार को पूर्वांचल और बिहार की तरफ से आने वाली ट्रेनें फुल होकर आईं। जनरल और स्लीपर कोच में भी जगह नहीं मिल रहर। सेंट्रल स्टेशन से दिल्ली, मुंबई जैसे रूटों पर जाने वालों की भीड़ रही। छठ महापर्व अपनों के साथ मनाने के लिए दूसरे शहरों में काम करने वाले लोग अपने परिवार के पास गए थे।
इनमें सबसे ज्यादा दिल्ली, मुंबई, बंगलूरू जैसे शहरों के लोग थे जो बिहार, झारखंड, गोरखपुर और जौनपुर गए थे। मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व का समापन हो गया। बुधवार से लोग अपने घरों की ओर लौटने लगे। सेंट्रल स्टेशन पर वैशाली एक्सप्रेस, बिहार संपर्क क्रांति, चंपारण हमसफर, गोरखधाम एक्सप्रेस, विक्रमशिला, कटिहार एक्सप्रेस, सीमांचल, जोगबनी, कालका मेल, महानंदा, महाबोधी समेत अन्य ट्रेनों में भीड़ रही। इन ट्रेनों के जनरल और स्लीपर कोच में पैर रखने की भी जगह नहीं थी। जीआरपी, आरपीएफ और रेलवे अधिकारी भीड़ को नियंत्रित करने में लगे रहे।
दो माह पहले से था नो-रूम
दो माह पहले से ही पूर्वांचल, बिहार, दिल्ली और मुंबई जैसे रूटों जाने वाली ट्रेनों में नो-रूम दिखाने लगा था। इसके मद्देनजर रेलवे ने 210 नियमित के साथ ही 40 त्योहार स्पेशल ट्रेनों का भी संचालन किया है। ये ट्रेनें विभिन्न रूटों से होते हुए संचालित हो रही है। इसके बाद भी दीपावली और छठ महापर्व पर यात्रियों की भीड़ कम नहीं हुई।
दस मिनट में बसें फुल
बसों में भी यात्रियों की भीड़ रही। झकरकटी बस अड्डा पर गोरखपुर, बलिया, जौनपुर, आजमगढ़, वाराणसी सहित पूर्वांचल रूटों से आने वाली बसें फुल होकर आईं। यहां से दिल्ली, रायबरेली, इटावा, लखनऊ जाने वाली बसों में भी भीड़ रही। स्थिति यह थी कि बस आते ही दस मिनट में भर रही थी। एआरएम पंकज कुमार ने बताया कि रिजर्व में बसें हैं। जिस रूट पर मांग बढ़ेगी, इन्हें भेजा जाएगा। यह व्यवस्था 30 अक्तूबर तक रहेगी।