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CG: छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के कर्मचारियों को तीन माह से नहीं मिला वेतन, 17 लोगों ने काम न करने का लिया फैसला
अमर उजाला नेटवर्क, कोरबा
Published by: श्याम जी.
Updated Thu, 08 Feb 2024 07:30 PM IST
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सार
कोरबा जिले में छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के लिए सेवाएं दे रहे प्लेसमेंट कर्मचारियों को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में लगभग 17 लोगों ने काम नहीं करने का फैसला लिया है। अधिकारियों की जानकारी में यह विषय कई बार लाया गया है, लेकिन उचित कार्रवाई नहीं की गई।

कर्मचारी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के लिए कोरबा जिले में सेवाएं दे रहे प्लेसमेंट कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। अधिकारियों का ध्यान आकर्षण करने के बाद भी इस दिशा में कोई नतीजे नहीं आ सके हैं। कर्मचारियों ने इस मुद्दे को लेकर नाराजगी जाहिर की है।

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सस्ती कीमत पर अच्छे मकान देने को लेकर छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड लंबे समय से काम कर रहा है। उसकी कोशिश से अब तक बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित हुए हैं और उन्हें अपने सपनों का घर मिला है। हाउसिंग बोर्ड ने अपनी योजनाओं को गति देने से लेकर हितग्राहियों की समस्याओं को सुलझाने के लिए कोरबा में संभागीय कार्यालय बना रखा है, जहां पर आउटसोर्सिंग पर कर्मचारियों को रखा गया है।
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इनकी संख्या 17 के आसपास बताई जा रही है। हाउसिंग बोर्ड की एजेंसी कर्मचारियों से काम तो जरूर ले रही हैं, लेकिन उन्हें समय पर वेतन देने के मामले में उदासीन बनी हुई है। कर्मचारी रौशन सिंह ने बताया कि पिछले तीन महीने से उन्हें वेतन नहीं दिया गया है। इसके कारण उनके सामने कई प्रकार से परेशानी बनी हुई है। अधिकारियों की जानकारी में यह विषय कई बार लाया गया है, लेकिन उचित कार्रवाई नहीं की गई।
प्लेसमेंट कर्मचारी रोशन लाल ने बताया कि इससे पहले भी वेतन की समस्या आती थी, लेकिन इतनी लंबी नहीं आती था। इस बार तीन माह का वेतन नहीं मिलने से उनके सामने आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है। घर पर राशन नहीं है, बच्चों स्कूल की फीस नहीं पाते हैं, जिसके चलते स्कूल प्रबंधन द्वारा आने वाले एग्जाम में नहीं बैठने दिए जाने की बात कही जा रही है। वेतन नहीं मिलने की समस्या से उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया, लेकिन वेतन नहीं दिया जा रहा है और काम लिया जा रहा है। इसलिए लगभग 17 लोगों ने काम नहीं करने का फैसला लिया है।
अपनी और परिवार की जरूरत को पूरा करने के लिए कर्मचारी कई प्रकार की शर्तों के साथ काम करने के लिए मजबूर हैं। उनके सामने मुश्किल यह है कि वह तमाम तरह के काम कर जरूर रहे हैं, लेकिन उन्हें समय पर तो क्या बल्कि लंबी अवधि बीतने पर भी वेतन नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में कर्मचारी कई प्रकार की चुनौतियां का सामना करने को मजबूर हैं। उनका आरोप है कि प्लेसमेंट एजेंसी पर सीधा नियंत्रण हाउसिंग बोर्ड का है, इसलिए उसे इस मामले में उचित कदम उठाने चाहिए।